अपराध दो प्रकार के होते हैं?

  • अपराध करने में, हथियार, दोषी है, या अपराधी की सोच।। 
  • बाल्मिक जी डाकू थे,परंतु उनकी सोच बदली और, उल्टा नाम जपत जग जाना।। 
  • वाल्मीकि भए ब्रह्म समाना।। 
छतरपुर। अपराध दो प्रकार के होते हैं, 
नंबर एक -जो खुल्लम -खुल्ला, आदतन अपराधी होते हैं और उनका कार्य ही संपत्ति लूटना तथा उस दौरान यदि कोई विरोध होता है, तो विरोध करने वाले की हथियार से जान भी ले लेना। 
नंबर दो- जो कानून की गिरफ्त में आने से तो डरते हैं, साथ ही उन्हें थोड़ा समाज का भय भी है ,परंतु उनकी सोच हमेशा दूसरों का अहित करने एवं गैर कानूनी ढंग से संपत्ति अर्जन करना उनकी सोच और स्वभाव में होता है, ऐसे व्यक्तियों को हथियार रखने की कोई आवश्यकता नहीं होती है, परंतु वे, गैर कानूनी एवं अनैतिक कार्य करने की सोच से परिपूर्ण होते हैं। 
अब देखा जाय कि अपराध करने में व्यक्ति की सोच महत्वपूर्ण है, या फिर हथियार का होना। हथियार तो केवल अपराध करने में उस समय मददगार साबित होता है, जब अपराधी को, अपराध करने में विरोध का सामना करना पड़ता है, और नहीं तो बिना हथियार के भी अपराध किया जा सकता है, इसलिए जितनी मानव सोच , अपराध के लिए दोषी है, उतना हथियार, दोषी नहीं है। महर्षि वाल्मीकि जी, बहुत खूंखार डाकू थे, रास्ते में लूट लेते थे, परंतु वाल्मीकि जी द्वारा, लूट का शिकार हो रहे,ऋषि मुनियों ने, जब उनसे पूछा कि, यह तुम जो अपराध कर रहे हो, उस अपराध में, उतने सभी लोग शामिल हैं कि नहीं, जितने लोग इस लूटी गई, संपत्ति का उपयोग करते हैं, तब वाल्मीकि जी ने कहा कि, हम घर से पूछ कर आते हैं, और उन ऋषि मुनियों को पेड़ से बांधकर, घर पूछने गए। 
जब उन्होंने अपने घर के सदस्यों से, उनके द्वारा लूटी गई, संपत्ति के उपयोग करने वाले, पाप में कोई शामिल होने को तैयार नहीं हुए, तब उनका उनका हृदय परिवर्तित हुआ, और ऋषि मुनियों ने उन्हें इस पाप से बचने के लिए, उसी दिन से अपराध त्यागने और राम-राम जपने की सलाह दी, तब वे, राम- राम कहना भूल गए और उन्होंने श्री राम- राम का, उल्टा, मरा- मरा शब्द ही जपा, इसके बावजूद वह सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी के समान हो गए, क्योंकि उनकी सोच राम-राम जपने की थी, इसलिए व्यक्ति की सोच ही, उसे दूसरों का हित करने,अहित करने, अपराध करने के लिए प्रेरित करती है, न कि, हथियार। 
जीवन अनमोल है- वाहन की गति- जियो और जीने दो, की तर्ज पर ही रखिए। 
ईश्वर न करें कि, किसी के साथ ऐसा हो, फिर भी राह में पड़े, एक्सीडेंटल को अस्पताल पहुंचाने या अस्पताल में उपचार मिलने में असुविधा आ रही हो, तो, मोबाइल नंबर --9425144307 राजेंद्र प्रसाद, सड़क सुरक्षा मित्र, छतरपुर से, छतरपुर जिला हेतु, 24 घंटे जरूर संपर्क करिए, जरूर संपर्क करिए। स्वर्गीय अटल जी की सौ वीं जयंती पर, 25 दिसंबर 2024 को, बुंदेलखंडबासियों को पवित्र गंगाजल मिलने के भागीरथी प्रयास की, आधारशिला रखी जा रही है, इसी तारतम्य में, इस पावन- पुनीत, अवसर के साक्षी हो रहे, जनता जनार्दन को, ले जा रहे, वाहनों की गति नियंत्रित ही रहे ,ऐसा जिम्मेवार,जन मानस को, ले जा रहे, वाहन चालकों को निर्देश जरूर दें।।

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