मनरेगा में भ्रष्टाचार का नया तरीका आया सामने
- लाभ देने के लिए दूसरे धर्म के परिवारों में नाम जोड़कर लगाने लगे
- हाजिरी यहां भी अविवाहितों के बना रहे जॉब कार्ड
लेखराम मौर्य
लखनऊ। राजधानी के विकास खंड माल में जिस तरह से मनरेगा योजना के अंतर्गत पंचायत में भ्रष्टाचार के मामले सामने आ चुके हैं उससे तो ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ प्रधान और सचिव एवं रोजगार सेवक सुधारने का नाम नहीं ले रहे हैं इसी का नतीजा है कि आज फिर एक पंचायत में अजीबोगरीब नजारा देखने को मिला यहां कई लोगों के नाम दूसरे धर्म के जॉब कार्ड धारकों के परिवारों में जोड़ दिए गए और उनकी हाजिरी लगने लगी उसके बाद जॉब कार्ड धारक के परिवार की हाजिरी लगा बंद हो गई।
एक व्यक्ति के दो जॉब कार्ड और अविवाहितों के जॉब कार्ड भी बनाए जा रहे हैं और उन पर हाजिरी भी लग रही है।
विकासखंड माल की ग्राम पंचायत तिलन में 19 नवंबर से रहीमाबाद फॉर्म से नचना झाबर तक चक मार्ग बनाया जा रहा है।
इस कार्य में जॉब कार्ड संख्या 143 मधुरानी पत्नी बाबू अनुसूचित जाति के परिवार में मोहम्मद जाबिर का नाम जोड़कर 4 फरवरी 2023 से अकेले जाबिर 25 वर्ष की हाजिरी लगाई जा रही है 2022-23 में 12 दिन 23 24 में 59 दिन 24 25 में अब तक 64 दिन का भुगतान किया जा चुका है।
जॉब कार्ड संख्या 16 गंगा राम पुत्र छेदा अनुसूचित जाति के परिवार में कोमल बानो का नाम जोड़कर 4 फरवरी 23 से अब तक वित्तीय वर्ष 22 23 में 25, 23 24 में 100, 24 25 में 18 दिन का भुगतान किया जा चुका है इसी प्रकार जॉब कार्ड संख्या 279 नंदलाल पुत्र गुरदयाल अनुसूचित जाति के परिवार में राबिया बानो का नाम जोड़कर वित्तीय वर्ष 22 23 में 12 दिन 23 24 में 100 दिन 24 25 में 18 दिन का भुगतान किया जा चुका है। जॉब कार्ड संख्या 366 मुंशीलाल पुत्र होरीलाल अन्य के जॉब कार्ड में जहीर बानो का नाम जोड़कर अब तक वह तीन वित्तीय वर्षों में अलग-अलग कल 176 दिन का भुगतान किया जा चुका है।
जॉब कार्ड संख्या 135 राजेश पुत्र शिवनंदन के नाम है उनके परिवार में सबरुन बानो का नाम जोड़कर वित्तीय वर्ष 22 23 में 16 दिन 23 24 में 100 दिन का भुगतान किया जा चुका है।
जॉब कार्ड संख्या 147 दिशा कुमार पुत्र सरजू अन्य के परिवार में रहीसा का नाम जोड़कर पिछले तीन वित्तीय वर्षों में अब तक कुल 183 दिन का भुगतान किया जा चुका है।
यहां खास बात यह है कि जिस तारीख से इन परिवारों में दूसरे धर्म के लोगों की हाजिरी लगने लगी उस तारीख से असली जॉब कार्ड धारको के परिवार की हाजिरी बंद हो गई।
परिवार से अलग अविवाहितों के बने जॉब कार्ड
सत्येंद्र मौर्य जॉब कार्ड संख्या 134 ए उम्र 19 वर्ष कार्ड जारी करने की तिथि 10 अगस्त 2024 अब तक 10 दिन का भुगतान, रोहित कुमार पुत्र राम लखन जॉब कार्ड संख्या 127 ए उम्र 23 वर्ष कार्ड जारी करने की तिथि 10 अगस्त 24 के बाद अक्टूबर में 10 दिन की हाजिरी लगी।
जॉब कार्ड संख्या 460 सुभाष पुत्र जवाहरलाल अन्य उम्र 24 वर्ष का जॉब कार्ड जारी करने की तिथि 27 सितंबर 2024। इस युवक की उसी दिन से 10 दिन की हाजिरी लगी अभी भुगतान नहीं हुआ। जॉब कार्ड संख्या 457 संजीत पुत्र कुक्केल उम्र 19 वर्ष की हाजिरी लगी लेकिन कोई भुगतान अभी नहीं हुआ। जॉब कार्ड संख्या 456 अमन पुत्र सुखलाल अनुसूचित जाति उम्र 19 वर्ष।
अरुन कुमार के बने दो जॉब कार्ड, एक शादी से पहले दूसरा शादी के बाद
जॉब कार्ड संख्या 441 अरून पुत्र सुखपाल अनुसूचित जाति उम्र 20 वर्ष 1 अप्रैल 2020 को कार्ड जारी हुआ और 24 में 2020 से 24 सितंबर 2020 तक 90 दिन हाजिरी लगी मात्र 21 दिन का भुगतान हुआ और 27/9 /24 से 3/10/24 तक पुनः हाजिरी लगी। इसी अरुण कुमार पुत्र सुखपाल का दूसरा जॉब कार्ड संख्या 455 ,27. 9.2024 को शादी के बाद जारी किया गया जिसमें उसकी पत्नी रीता देवी का नाम जोड़ा गया और जिस दिन 27 सितंबर को कार्ड जारी हुआ उसी दिन से 3 अक्टूबर24 तक हाजिरी भी लग गई।
पुत्र के जॉब कार्ड के हिसाब से शादी के समय पिता की उम्र 13 वर्ष मां की उम्र 12 वर्ष थी
जॉब कार्ड संख्या 426 सुनील कुमार पुत्र मुनेश्वर उम्र 18 वर्ष 1 अगस्त 2017 को जॉब कार्ड जारी किया गया। सुनील कुमार को वित्तीय वर्ष1920 में 14 दिन 20 21 में 21 दिन 21 22 में 7 दिन 24 25 में 5 दिन का भुगतान किया जा चुका है।
जॉब कार्ड संख्या 425 सुनील के पिता मुनेश्वर पुत्र रामदीन उम्र 32 वर्ष पत्नी सुमिरता देवी उम्र 31 वर्ष के जॉब कार्ड जारी करने की तिथि 1 मई 2017 के बाद वित्तीय वर्ष 21 22 तक तीन वित्तीय वर्षों में कुल 84 दिन का भुगतान किया गया।
यहां देखने वाली खास बात यह है कि जब पिता पुत्र के जॉब कार्ड मात्र 3 माह के अंतर पर एक ही वर्ष में जारी किए गए।उस समय पुत्र की उम्र यदि 18 वर्ष थी तो क्या मुनेश्वर की उम्र शादी के समय 13 वर्ष और उनकी पत्नी की उम्र 12 वर्ष थी यह सबसे बड़ा सवाल है जॉब कार्ड बनाते समय यह क्यों नहीं देखा गया इसलिए यह जांच का विषय है और जिसने भी जॉब कार्ड जारी किया उसके विरुद्ध ठोस कार्रवाई होनी चाहिए। इससे अधिक मनरेगा में भ्रष्टाचार क्या हो सकता है?
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