भावनाओं को सोखता -मोबाइल यंत्र
हेमन्त कुशवाहा
पारिवारिक जीवन को एक झटके में हाशिए पर पहुंचाना , दांपत्य -बंधन की भावनाओं को पूरी तरह से सोख लेना व मधुर से मधुर प्रेम व विश्वस्त रिश्ते, नातों व संबंधों में जहर घोलने का एक विकृत कार्य करना 'मोबाइल फोन' का ही है जो इस युग का सबसे बड़ा सूचना तंत्र के होने के साथ यह एक संहारक यंत्र भी है जिसका addiction आजकल हर घर में मौजूद है, जिसने नई युवा पीढ़ी को अपनी पूरी गिरफ्त में ले रखा है जिसके बगैर उसकी सांसें घुटने लगती हैं और इसके अतिरिक्त एक सबसे बड़ा आश्चर्य वैवाहिक संबंधों में देखने को मिल रहा है जो उनके बीच सफर में ये पूरी तरह खलल ही नहीं डाल रहा है बल्कि उनको स्थाई रूप से एक दूसरे से अलग करने का पूरा कार्य भी कर रहा है जिसकी वजह से आज कल 'परिवार न्यायालयों' में जिसकी संख्या हर दिन साफ तौर पर बढ़ती दिखाई दे रही है ये अभी कितना और जुल्म करेगा बस इसका इंतजार कीजिए जब आप तन और मन से पूरी तरह बेकार हो जायेंगे।
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