मनरेगा में लाखों का फर्जीवाड़ा
दिल्ली से मनरेगा में फावड़ा चला रहा मजदूर..
लखनऊ, संवाददाता। सरकार की नाक के नीचे राजधानी के विकासखंड माल की एक पंचायत में कागजों में मनरेगा योजना चल रही है।
यहां 5 वर्ष से दर्जनों मजदूरों की फर्जी हाजिरी लग रही है जबकि उन्होंने आज तक मनरेगा का काम कहां चल रहा है इसका मौका तक नहीं देखा है यही नहीं एक मजदूर दिल्ली में रहकर गांव में मजदूरी भी कर रहा है फर्जी वाड़ा इस कदर किया गया है कि 15 अगस्त 26 जनवरी और दीपावली में भी यहां मनरेगा में काम बंद नहीं होता है।
राजधानी के विकासखंड माल की ग्राम पंचायत बहिर में मनरेगा योजना के अंतर्गत जहां वास्तविक स्थिति में काम कराया गया है वहां 10 दिन 7 मजदूरों ने काम किया और कागजों में एक महीने से अधिक काम दिखाया गया है इसके अलावा जिन मजदूरों ने उस कच्चे संपर्क मार्ग में काम किया है उनकी उपस्थित कहीं दूसरी जगह दिखाकर भुगतान किया जा रहा है जबकि उस सड़क में फर्जी भुगतान वाले लोगों की उपस्थिति दिखाई गई है यही नहीं कुछ संपर्क मार्ग कागजों में ही पहले भी बन चुके हैं और कुछ संपर्क मार्ग जिन पर काम दिखाया गया है वहां 2 साल पहले काम हुआ है और उसके बाद कोई काम नहीं हुआ है इन पर फर्जी हाजिरी लगाई गई है जिससे यहां लाखों का फर्जीवाड़ा किया गया है।
ग्रामीणों के अनुसार करीब दो माह पूर्व बरौकी से हरदोई सीमा की ओर कुछ दूरी तक काम होने के बाद पानी बरसने के कारण काम बंद हो गया था इस संपर्क मार्ग पर मात्र 10 दिन काम हुआ था उसके बाद बाकी रास्ता अधूरा पड़ा है जबकि इसमें एक महीने से अधिक काम दिखाया गया है मजदूरों ने बताया कि इस संपर्क मार्ग में खूबराम, गजोधर, कमलेश, राम प्रसाद, रमदेई , कैलाशा और एक अन्य व्यक्ति ने 10 दिन काम किया था जबकि दूसरी ओर इस संपर्क मार्ग में इनमें से कई मजदूरों की उपस्थिति नहीं दिखाई गई है इनकी उपस्थित कहीं और दिखाई गई है जहां मौके पर काम ही नहीं हुआ है।
इसी पंचायत के मजरे गुलाल खेड़ा निवासी कृपाश्याम जो होमगार्ड में नौकरी करते हैं वित्तीय वर्ष 2019-20 में इनकी भी मनरेगा में उपस्थित दिखाई गई है इसके अलावा इनकी पत्नी ममता की उपस्थिति लगातार दर्द की जा रही है उनके लड़के अंकित और पुत्री प्राची का अलग अलग जॉब कार्ड बनाकर फर्जी उपस्थिति दिखाई गई है जबकि यह एक ही परिवार में एक साथ रहते हैं प्राची की अभी तक शादी भी नहीं हुई है फिर भी उसका जॉब कार्ड अलग बना दिया गया है इसके अलावा उनके भाई राधे श्याम उनकी पत्नी राधा की भी लगातार हाजरी लगाई जा रही है इनके जॉब कार्ड में सुनील कुमार का नाम दर्ज है फिर भी उनके लड़के सुधीर कुमार उनकी पत्नी नेहा अवस्थी तथा दूसरे लड़के सुनील कुमार पत्नी संध्या के नाम जॉब कार्ड बने हुए हैं ग्रामीणों के अनुसार सुनील कुमार पत्नी के साथ एक साल से अधिक समय से दिल्ली में रह रहे हैं फिर भी उनकी उपस्थिति मनरेगा में दिखाकर लगातार फर्जी भुगतान किया जा रहा है।
ग्रामीणों नेबताया कि इनके अलावा साहिल गाजी मोहम्मद अरमान जमीला आशुतोष और मोहम्मद शोएब सहित कई अन्य लोग भी जिनकी उपस्थित फर्जी दर्ज की जा रही है जबकि यह लोग कभी मजदूरी करने नहीं जाते हैं यहां जिस तरह से सरकारी पद का दुरुपयोग कर गलत जॉब कार्ड बनाए गए हैं जिनके द्वारा फर्जी भुगतान किया गया है उसमें विकासखंड कार्यालय के कर्मचारी भी शामिल होंगे क्योंकि उन्होंने पिछले 5 साल में यह नहीं देखा कि अविवाहित लड़की का जॉब कार्ड कैसे बना दिया गया और लगातार भुगतान करते रहे।
सचिव सत्य प्रकाश का कहना है कि ग्राम पंचायत में मनरेगा का कार्य चल रहा था परंतु प्रधान ने बताया कि 3 दिन से बंद है जबकि ग्रामीणों के अनुसार काफी दिनों से मनरेगा का कोई काम नहीं चल रहा है मनरेगा की साइट पर संजय के बाग से मोलहे की बाग तक मनरेगा का काम काम चलता हुआ दिखाया जा रहा है सचिव के अनुसार प्रधान ने बताया कि 3 दिन से काम बंद है जबकि अभिलेखों में काम चल रहा है। खंड विकास अधिकारी ने फोन रिसीव नहीं किया।
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