कई पंचायतें 1 वर्ष में नहीं दे सकी 100 दिन का रोजगार
Lekhram Maurya
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री दावा कर रहे थे कि उनकी सरकार में रोजगार की कमी नहीं है बावजूद इसके एक विकास खंड में ही कई पंचायत ऐसी हैं जिनके यहां एक हजार से डेढ़ हजार तक जॉब कार्ड धारक पंजीकृत हैं जिनमें से अधिकांश पंचायतें 200 जॉब कार्ड धारकों को रोजगार नहीं दे सकी।
यहां खास बात यह थी कि कई पंचायतों ने 100 दिन का रोजगार किसी भी व्यक्ति को नहीं दिया या फिर एक या दो व्यक्तियों को ही 100 दिन का रोजगार मिला।
राजधानी के विकासखंड माल की ग्राम सबसे बड़ी पंचायत ससपन और माल में एक भी व्यक्ति को 100 दिन काम नहीं मिला। इसी तरह ग्राम पंचायत नबी पनाह में 1526 पंजीकृत जॉब कार्ड धारकों में से 170 लोगों को रोजगार दिया गया जिनमें से 45 को 100 दिन का रोजगार मिला इसी क्रम में हंसनापुर ग्राम पंचायत में 1055 जॉब कार्ड धारक पंजीकृत हैं जिसमें से 171 को रोजगार मिला उसमें से 26 को 100 दिन का रोजगार मिला। ग्राम पंचायत अटारी में 613 जॉब कार्ड धारक हैं उनमें से एक भी व्यक्ति को 100 दिन का रोजगार नहीं मिला जबकि ग्राम पंचायत थरी में 1232 जॉब कार्ड धारकों में से मात्र एक व्यक्ति को तथा अहिडर में 833 में से मात्र एक व्यक्ति को 100 दिन का रोजगार मिला जबकि बदैयां में दो और उमरावल में एक व्यक्ति को 100 दिन का रोजगार मिल सका।
ग्राम पंचायत कमलापुर लुधियाना में 476 पंजीकृत जॉब कार्ड धारक हैं जिनमें से 13 को 100 दिन का रोजगार दिया गया। अगर देखा जाए तो बीता हुआ वित्तीय वर्ष मजदूरों के हिसाब से अच्छा नहीं रहा।
क्या चालू वित्तीय वर्ष में प्रधान और सचिव सहित सरकार इससे अधिक मजदूरों को रोजगार दे सकेगी।
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