..मैं यहां का j.e हूं मैं कुछ भी कर सकता हूं..!

  • नूरबाड़ी विद्युत सब स्टेशन बना वसूली का "अड्डा"..
  • अधिवक्ता ने की (सीएम पोर्टल) पर "बेलगाम j.e" की शिकायत..

प्रदेश सरकार (जीरो टॉलरेंस नीति) पर अमल करने के बजाय नूर बड़ी विद्युत सब स्टेशन पर तैनात अवर अभियंता भ्रष्टाचार युक्त माहौल बनाकर क्षेत्र में जमकर धन उगाही करने में जुटे हैं। जबकि वरिष्ठ अधिकारी अवर अभियंता के जलवे के सामने अपनी आंखें और कान बंद किए हुए।

इनकी इस  कार्यशैली से जहां विभाग के लोग  भी त्रस्त है। वही आम जनता भी प्रताड़ित हो रही है। इस सबके बावजूद  रसूखदार j.e का "जलवा" क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता अंकुर त्रिपाठी द्वारा मुख्यमंत्री के "लोकप्रिय सीएम पोर्टल" पर अवर अभियंता के विरुद्ध (सबूतो) के आधार पर शिकायत करते हुए करवाई की मांग की  है.

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि j.e. राजेश कुमार दूसरे उप केंद्र पर तैनात दीपक नामक j.e को नियम विरुद्ध चेकिंग के दौरान अपने साथ ले जाते हैं। आप है कि देर रात नशे की हालत में राकेश कुमार अपनी टीम, जिसमें संविदा कर्मी- राशिद जो वसूली मैन के नाम से मशहूर है, और उनकी कई बार गंभीर शिकायतें भी की जा चुकी है। इसके अलावा जुबेर, विमल कुमार, और पप्पू गुप्ता क्षेत्र में निकालकर कटिया के माध्यम से बिजली चोरी पढ़ते हैं।

बिजली चोरी मैं महारत हासिल रखने वाले यह लोग डीलिंग करने में भी माहिर है।

आप है कि के j.e. सब अपने इन्हीं करिंदों के माध्यम से डीलिंग करते हैं। डीलिंग के दौरान यह नहीं देखा जाता की राजस्व की हानि हो रही है। मगर इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता है कि सबकी जेबे  भर जाए।

इन लोगों ने क्षेत्र में तमाम ऐसे ई-रिक्शा गैराज को भी संरक्षण दे रखा है जहां चोरी की लाइट से रिक्शा चार्ज किए जाते हैं। क्योंकि यहां से इनको मोटी रकम  मिलती है। इसलिए यह खेल बड़े आराम से चल रहा है। इसके अलावा रशीद पर यह भी आरोप है कि उसके द्वारा तमाम घरों में चोरी की बिजली की तार लगा रखी गई है। जिसके एवज उसको प्रतिमा लाखों रुपए की कमाई होती है और बाद में इस पेज का बंदरबांट j.e. साहब के शुभ हाथों से होता है। इसके अलावा भी तमाम प्रकरण सामने आए हैं जिनका जल्द खुलासा किया जाएगा।

शिकायत में कहा गया है कि चोरी की बिजली पकड़े जाने पर अगर j.e. साहब की टीम के सदस्यों उपभोक्ता की डीलिंग हो गई और उसने 10-20 हजार रुपए मौके पर दे दिए तो उसकी बिजली की खपत कम दर्शा के रसीद बना दी जाती है। उसे समय यह लोग राजस्व का कोई ध्यान नहीं रखते। सिर्फ अपनी के भरने का पूरा ख्याल रखते हैं।

आप है कि पावर हाउस के पीछे रहने वाले नादिर मिर्जा के घर पर लंबा बकाया होने के बावजूद मीटर लगा था। और बाद में ₹30 हजार हजार लेकर वहां दूसरा मीटर लगा दिया गया। मगर कुछ दिन बाद इस मीटर को भी उखाड़ दिया गया है।

इसी प्रकार बिजली चोरी के मामले में एक महिला से 20 हजार की वसूली के अलावा हलीम नामक व्यक्ति से भी 25 हजार रुपए वसूल लिए गए। और मामले को रफा दफा कर दिया गया।

यह एक प्रकरण नहीं इसके अलावा पुराना चबूतरा पर एलडीए से बिना मानचित्र स्वीकृत कराये सड़क के किनारे निर्माण कराया जा रहे व्यवसायिक बिल्डिंग में j.e. साहब की संस्कृति से t.c. कनेक्शन संख्या (6769) नियम विरुद्ध दे दिया गया. इस मामले में भी मोटी डिल की गई।

यही नहीं न्यू नजफ रोड पर रहने वाले ताकि हुसैन के घर पर बिजली का लंबा बकाया था। उन्होंने यहां सेटिंग की। और उसके बाद मोटा नजराना चड़ा कर कनेक्शन संख्या (tt-0098) प्राप्त कर लिया।

इसी तरह ताजमहल रोड पर करीब 6 लाख बकाया होने के बावजूद j.e. साहब की कृपा से वहां भी नया बिजली कनेक्शन दे दिया गया है। इसके अलावा दर्जनों घरों में बकाया होने के बावजूद बड़े ही सुनियोजित तरीके से बिजली के कनेक्शन बांटे गए हैं।

इससे प्रतीत होता है कि j.e. साहब को राजस्व बढ़ाने में कोई रुचि नहीं है।  और वह सिर्फ अपनी जेबें  भरने के लिए बिजली चोरी अभियान की आड़ में जमकर वासुदी अभियान चला रहे हैं।

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