CAA का उद्देश्य, आख़िर क्या है caa..?

भारत में आज से नागरिकता..

चप्पे चप्पे पर है पुलिस की नज़र...

CAA के तहत प्रावधान है कि जो लोग 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आकर बसे, उन्हें ही नागरिकता दी जाएगी

किस-किस को मिल सकेगी नागरिकता?

किस साल में पारित हुआ था CAA?

  • पहली बार सीएए 2016 में लोकसभा में पेश किया गया था..
  • भारतीय नागरिकता पाने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन रखी गई है.

जानिए क्या है CAA कानून?

नागरिकता संशोधन कानून, 2019 (सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट) भारत के तीन पड़ोसी मुस्लिम बाहुल्य देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के उन अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का रास्ता खोलता है, जो दिसंबर 2014 तक किसी न किसी प्रताड़ना का शिकार होकर भारत में शरण लिए हुए हैं. इसमें गैर-मुस्लिम माइनोरिटी- हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोग भी शामिल हैं. बता दें कि भारत के मुस्लिमों या किसी भी धर्म और समुदाय के लोगों की नागरिकता को CAA से कोई खतरा नहीं है.

आपको बता दे कि (संशोधन) अधिनियम, 2019 यानि कि सीएए लागू हो गया है। सीएए जब संसद में लाया गया था और पास हुआ था तो काफी बवाल हुआ था। 

मुस्लिम समाज के संगठनों ने आपत्ति जताई थी और इसके खिलाफ लंबा आंदोलन चलाया था। तब यह कानून लागू नहीं हुआ था, लेकिन अब चुनाव से कुछ दिनों पहले मोदी सरकार ने सीएए को लागू कर दिया है। 

  • विपक्ष विरोध कर रहा है। आखिर इस कानून में ऐसा क्या है, जो विरोध का कारण बना.
  • सीएए के लागू होने से क्या बदल जाएगा,आइए इसी को समझते हैं.

सीएए के लागू होने से क्या बदलेगा..

देश में सीएए के लागू होने से सबसे बड़ा बदलाव नागरिकता कानून में होगा, जिसके तहत भारत विदेशी लोगों को नागरिकता देता है।

नागरिकता संशोधन कानून 2019 के तहत वो लोग भारत के नागरिक बन सकेंगे, जो सालों से भारत में रह रहे हैं। शरण ले रखे हैं। 

सीएए के तहत भारत के तीन पड़ोसी मुल्क (पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान) जहां अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की बात सामने आती रही है, वहां के अल्पसंख्यक भारत की नागरिता के लिए आवेदन कर सकते हैं।

CAA का उद्देश्य..

  • पुनर्वास और नागरिकता के रास्ते में आने वाली कानूनी बाधाओं को दूर करता है।
  • दशकों से पीड़ित शरणार्थियों को सम्मानजनक जीवन देना।
  • नागरिकता अधिकार उनकी सांस्कृतिक, भाषाई और सामाजिक पहचान की रक्षा करेंगे।
  • यह आर्थिक, वाणिज्यिक, मुक्त आवाजाही और संपत्ति खरीद अधिकार भी सुनिश्चित करेगा।

किस-किस को मिल सकेगी नागरिकता?

बता दें CAA लागू होने के बाद किसे नागरिकता देनी है और किसे नहीं देनी है इसका पूरा-पूरा अधिकार केंद्र सरकार के पास होगा. 

पाकिस्तान-अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी धर्म से जुड़े शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दे दी जाएगी.

सूत्रों के मुताबिक, जो लोग 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आकर बस गए थे. केवल उन्ही लोगों को नागरिकता दी जाएगी.

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