हिमाचल प्रदेश के लोक नृत्य व हरियाणा का होली फाग नृत्य को देख थिरकते दर्शक

रवि मौर्य 

अयोध्या। तुलसी उद्यान मंच पर संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सातो जोन, संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश  उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृति संस्थान लखनऊ द्वारा आयोजित रामोत्सव सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत मंगलवार को कलाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुति दी प्रथम प्रस्तुति लखनऊ के कंवलजीत सिंह की लोकगायन अपने सुंदर-सुंदर भजनों "जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाए तरुवर की छाया" "ज्योत से ज्योत जगाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो","सीताराम सीताराम सीताराम कहिए चाहे विधि राखे राम ताहि विधि रहिए" आदि भजनों को सुनाकर श्रोताओं को मंत्र मुक्त कर दिया तथा देशभक्ति संदेश की अपनी प्रस्तुति सुंदर-सुंदर भजन गाकर श्रोताओं को आनंदित किया। 

इसके पश्चात गाज़ियाबाद के मुक्ता वार्ष्णेय के लोक गायन राम जी के मधुर भजनों का लोकगीतों के माध्यम से साथ ही विभिन्न जागरूकता के विषयों पर भी जैसे आगामी लोकसभा चुनाव में मतदाता जागरूकता के लिए प्रेरित करता उनका स्वरचित गीत- आओ मिलकर लोकतंत्र का पर्व मनाएं, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर गीत  गाए इसके अलावा आने वाले होली त्यौहार की भी बहुत ही सुंदर होली की गायन रही। 

अगली प्रस्तुति हिमाचल प्रदेश की शिवानी नेगी की  झंमकड़ा नृत्य झमाकड़ा लोक नृत्य कांगड़ा जनपद का अत्यंत लोक प्रिय नृत्य है।

यह नृत्य विवाह संस्कारो का अनुष्ठानात्मक नृत्य है, जिसमें संस्कार नृत्यों का क्रमवार निर्वहन किया जाता है। इन गीतों को विवाह उत्सव में लोक नारियां हंसी खुशी गाती तथा हर्षोल्लास से झूम उठती हैं।

कांगड़ा के कलाकारों द्वारा विवाह उत्सव की आनंदमय प्रस्तुति। अगली प्रस्तुति गुजरात के दिलावर सिंह के तलवार रास  की रही। इसके पश्चात लखनऊ की रीना टंडन की लोक गायन रही अगली प्रस्तुति प्रयागराज से आयी अंकिता चतुर्वेदी की लोक गायन मेरे राम अवध में आये, सकल जगत के स्वामी तुम हो, मेरेराम कृष्ण हनुमान,बड़े भागे से आये श्रीराम, होरी खेल रहे रघुनाथ, इसके पश्चात ललितपुर की अभिलाषा वर्मा की लोक गायन इन्होंने राम जी के विभिन्न गायन सुनाएं विभिन्न बधाई गीत गई। इसके पश्चात शिवानी नेगी हिमाचल प्रदेश का कांगड़ा जनपद अपनी लोक संस्कृति के लिए विख्यात है विशेष रूप से यहां के लोक नृत्य अत्यंत प्रसिद्ध हैं, जो प्रकृति और परिवेश के अतिरिक्त प्रेम  पर आधारित हैं। 

इन गीतों का स्वर माधुर्य, लय व ताल मंद गति से द्रुत की ओर बढ़ते हुए मन को खूब आनंदित व उत्साहित करता है। अगली प्रस्तुति हरियाणा की कामिल एवं ग्रुप फाग नृत्य की प्रस्तुति बहुत जोरदार रही दर्शन देख झुमने लगे नाचने लगे होली के रंग में सभी डूब गए।

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