आरटीओं उप चेक पोस्ट की शिकायत आईजी के बाद मुख्यमंत्री से

उप चेक पोस्टों में हो रही वसूली से सिंगरौली की प्रदेश में किरकिरी, जनप्रतिनिधि, जिला प्रशासन व ट्रांसपोर्टरो ने साधी चुप्पी

पारसनाथ प्रजापति 

सिंगरौली। जिले के सीमावर्ती आरटीओं उप चेक पोस्ट जयंत, खनहना, मटवई, करौटी में मालवाहकों से की जा रही बेजावसूली की शिकायत अब आईजी के पास कल दिन गुरूवार को जिलें के एक दिवसीय आ रहे मुख्यमंत्री से भाजपा के कुछ कार्यकर्ता शिकायत कर कार्रवाई किये जाने की मांग करेंगे।

उप चेक पोस्टों में हो रही जबरन उगाही के खिलाफ कोई कार्यवाही नही होने से जहां चेक पोस्ट में तैनात लोगों का मनोबल बढ़ा हुआ है वही ट्रान्सपोर्टर अपना वाहन जिले में भेजने को तैयार नही हो रहे है। 

जिले में उप चेक पोस्ट की वसूली व दादागिरी से जिले से लेकर प्रदेश तक जिम्मेदारों को खबर है लेकिन सब धृतराष्ट्र बने हुए है गौरतलब हो कि जिले में करौटी, मटवई, जयंत व खनहना में आरटीओं उप चेक पोस्ट संचालित है जहाँ इन रास्तों से आवागमन करने वाले मालवाहकों के रिकार्डो की जांच पड़ताल किया जाता है। लेकिन जांच पड़ताल के नाम पर गाड़ियों के सभी दस्तावेज सही होने के बाद भी वाहन चालकों व संबंधित ट्रांस्पोर्टर को परेशान किया रहा है उक्त चेक पोस्टो के चंगुल में फस चुके कुछ चालकों ने बताया कि गाड़ी व ट्रांसपोर्ट सामान का सभी जरूरी रिकार्ड होने के बाद दबाव बनाने, गाड़ी को दो से तीन दिन खड़ा कर दिया जाता है। 

चेक पोस्ट के इस तानाशाह रवैइये को देख ट्रांस्पोर्टर मरता क्या ना करता कि तर्ज पर सोचता है कि यदि दो चार दिन तक यदि गाड़ी बैरियर में खड़ी रहेगी तो उसका बहुत नुकसान होगा, सो चेक पोस्टों के लगाए गए पैनाल्टी को भरता है जबकि इन्हें दो चार हजार रुपये की वैध रसीद देकर बाकी राशि बंदर बांट कर लिया जाता है।

जनप्रतिनिधि व ट्रांसपोर्टरों ने साधी चुप्पी

ज्ञात हो कि गत वर्ष उप चेक पोस्ट के गुर्गों के आतंक से हुई गंभीर मारपीट की घटना पर प्रदेश के शिवराज सरकार ने जिले के सभी चेक पोस्ट कर्मियों की सर्जरी किया था जिसके बाद लोगो को लगा कि अब शायद उप चेक पोस्ट के वसूली से ट्रांस्पोर्टरों व चालक को राहत मिलेगी लेकिन इस उम्मीद पर पानी फिरने पर महज दो चार महीने ही लगे वर्तमान में चेक पोस्ट में तैनात कर्मी तो पहले वालो से भी ज्यादा वसूलीबाज है। 

उप चेक 1 पोस्ट की भ्रस्ट कार्यप्रणाली से उर्जाधानी की प्रदेश भर में किरकिरी हो रही है लेकिन मजाल है की कोई जनप्रतिनिधि इस पर एक भी सवाल उठा दे दूसरी तरफ ट्रांस्पोर्टर भी चुप्पी साधे है चेक पोस्टों के आतंक को रोकने ना कोई पत्राचार कर रहे हैं और नाही अपना कही विरोध दर्ज करा रहे हैं लिहाजा उप चेक पोस्ट के गुर्गों का मनोबल चरम पर है और धड़ल्ले से वसूली कर रहे हैं।

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