फर्म को भुगतान कर सामान लेना भूल जाते हैं सचिव और प्रधान
लेखराम मौर्य
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा लगातार भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन का दावा किया जा रहा है परंतु सरकार के दावों के विपरीत पंचायत में प्रधान और सचिव सरकारी धन का मनमाने तरीके से बंदर बांट कर रहे हैं क्योंकि कहीं प्रधान के पति अथवा पुत्र लेबर और मिस्त्री का पैसा अपने नाम से आहरित कर रहे हैं।
नियमानुसार कोई भी प्रधान नगद निकासी नहीं कर सकता है बावजूद इसके सचिव और प्रधानों की मिली भगत से लाखों रुपए का आहरण किया जा रहा है और अधिकारी जानते हुए भी चुप्पी साधे हुए हैं कोई भी अधिकारी मौके पर जाकर जांच करने के लिए शिकायत का इंतजार करता रहता है।
दूसरी और गांव के किसी व्यक्ति ने यदि ग्राम प्रधान और सचिव के भ्रष्टाचार की शिकायत किसी स्तर पर कर भी दी तो उक्त शिकायत करता को डराने धमकाने लालच देने के अलावा उसको बिना बताए कागज में ही जांच और निस्तारण कर दिया जाता है। यह हाल तब है जब सरकार अधिकारियों को समय-समय पर कार्यों की जांच करने का निर्देश देती रहती है।
दूसरी ओर सचिव ने 19 फरवरी 2022 को पंचायत भवन में लगाने के लिए इनवर्टर सोलर पैनल का भुगतान राठौर इलेक्ट्रिकल हाउस को कर दिया परंतु 2 साल बाद भी सोलर पैनल नहीं लगे हैं जबकि इनवर्टर तीन माह पूर्व नवंबर में लगाया गया है।
यही नहीं एक सीसी रोड टिकाना के घर से होशराम के घर तक बनवाई गई है। जिसमें लेबर का भुगतान प्रधान पुत्र राम कुमार के नाम 30 नवंबर 2021 को किया गया है जबकि इसी कार्य के लिए सामग्री 30 अगस्त 2022 को खरीदी गई। इस तरह ग्राम प्रधान और सचिव का एक और कारनामा उजागर हो गया।
सचिव द्वारा अब तक करीब ₹3 लाख रुपए हैंड पाइप रीबोर के नाम पर निकाले गए हैं जबकि कुछ हैंड पाइप नए लगाए गए हैं जबकि तीन हैंड पाइप ही रीबोर बताए जा रहे हैं।
कुछ हैंड पाइप नए लगाए गए हैं उनमें से एक हैंड पाइप ग्राम प्रधान ने स्वयं अपने बाग में लगवाया है और दूसरी बोरिंग अपने मकान के पास भी करवाई है ऐसा ग्रामीणों का आरोप भी है।
हैंड पाइप मरम्मत के नाम पर लाखों रुपए निकालने के बावजूद दो हैंड पाइप 2 साल से खराब पड़े हैं उनको बनवाने के लिए ग्राम प्रधान और सचिव ने कोई ध्यान नहीं दिया।
इस संबंध में जानकारी देने के बावजूद विकासखंड कार्यालय के अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
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