निःशुल्क नेत्र चिकित्सा सेवाशिविर में 57 नेत्रों के मोतियाबिन्द आपरेशन
संत शिरोमणि अनंत परमहंस राममंगल दास महाराज की स्मृति में 57 तीर्थों के मोतियाबिन्द में निःशुल्क उत्सव चिकित्सा सेवा शिविर में गए थे, जबकि 171नेत्र स्मारक को रिफ्रेक्शन एवं अन्य उत्सव चिकित्सा सेवा शिविर में ले जाया गया था।
श्रीमणीरामदास संयुक्त सेवा ट्रस्ट, अयोध्या, गोकुल भवन, अयोध्या एवं कल्याणं करोति, लखनऊ के अजीबा में दीनबंधु सम्मेलन मंडल में आयोजित शिविर के समापन समारोह में प्रमुख चिकित्सक डॉ. आरएस पांडे ने पूज्य महाराज राम मंगल दास के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला।
महाराज के परम शिष्य साकेत प्रेस के दीपक वर्मा ने महाराज के बारे में उपदेशक उधबोधन दिया। मणिरामदास जीवनी से रामशरण रामायणी महाराज ने अपने भाषण में बौद्ध धर्म का प्रतिनिधित्व किया।
इस अवसर पर गोकुलभवन के महंत परशुरामदास ने कहा कि संत का प्राकट्य ही जगत कल्याण के लिए होता है, संत राममंगल दास जी महाराज दयावान, परोपकारी और तपस्वी महापुरुष थे।
समापन समारोह का शुभारम्भ कल्याणम करोति के संस्थापक सदस्य श्री उमा दत्त मिश्रा जी द्वारा सभी अतिथिगण एवं समारोह पूर्वक स्वागत किया गया। संतशिरोमणि राम मंगलदास के चित्रों पर सभी ने निंदा की।
समारोह का संचालन डीए0 राजेश तिवारी ने किया। संस्था ने संयुक्त राष्ट्र संघ के गौरव गौरव माला पहनावे में सभी उत्सवों और अतिथियों का स्वागत किया।
दीनबन्धु महोत्सव के संस्थापक देव मिश्र ने दर्शन की स्थापना से लेकर अब तक की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की है। महंत नृत्यगोपाल दास के प्रतिनिधि ने कहा कि महाराज जी की कृपा से ही लाखों स्मारकों का उद्बोधन हो रहा है।
नोएडा से पधारे पूर्व आयकर आयुक्त कैथेड्रल नाथ मिश्रा ने भी उत्सव राष्ट्र को अपनी शुभकामनाएं दीं ।
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