सीता की जन्म भूमि जनकपुर से आए सैकड़ो राम भक्त हुए उपेक्षा के शिकार
- रामनगरी में निराश व अपमान से आहत भक्तों ने चंपत राय के विरुद्ध शुरू किया अमरण अनशन.
- राम जन्मभूमि क्षेत्र के महासचिव चंपत राय पर लगाया उपेक्षा व बात न करने का आरोप.
- नील सेना के अध्यक्ष राजेश राम रमैया ने कहा कि हम सभी दलित व पिछड़े राम भक्त हैं.
रवि मौर्य
अयोध्या। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या में मिथिला जनकपुर से होकर मुजफ्फरपुर बिहार होते हुए पद यात्रा करते नील सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश राम रमैया व उपाध्यक्ष संतोष यादव व महासचिव विकास राठौर के नेतृत्व में 30 जनवरी को बिहार के राज्यपाल द्वारा शुभारंभ के बाद पदयात्रा व कीर्तन भजन करते ट्रैक्टर ट्राली के साथ सैकड़ो की संख्या में राम भक्त 14 फरवरी को रामलला की धरती अयोध्याधाम पहुंचे अयोध्या पहुंचने के बाद नील सेना के अध्यक्ष के निर्देश पर नील सेना के अन्य पदाधिकारी राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय से संपर्क किया।
नील सेना के अध्यक्ष ने बताया कि महासचिव द्वारा या कहा गया कि हम कोई व्यवस्था नहीं कर सकते एवं जातीय उपेक्षा किए।
नील सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि राम मंदिर के नाम पर दान चंदा सुविधा लेने वाले जिम्मेदार सुविधा देने से मुकर गए । हम सभी दलित व पिछड़े वर्ग के राम भक्त व सेवक हैं। सीता के जन्म भूमि से हैं। बड़े उत्साह और श्रद्धा लेकर हम लोग घर-घर जाकर सिंदूर मांग कर अयोध्या लाए थे।
हमारे ट्रैक्टर ट्राली पर दर्जनों देवी देवताओं की मूर्ति सुसज्जित थी। जनकपुर से अयोध्या तक हमें रास्ते भर कोई परेशानी व कठिनाई महसूस नहीं हुई । परंतु रामनगरी में आने के बाद बहुत ही निराश व अपमान महसूस हुआ।
हम लोगों ने मंदिर निर्माण में काफी बढ़ चढ़कर भाग लिया सहयोग भी दिया परंतु हमारे लोगों को रहने खाने व विश्राम करने की समुचित व्यवस्था नहीं है । 14 तारीख की बारिश में हमारे ट्रैक्टर टालियों पर रखी मूर्तियां खराब हो गई और बरसात में गल गए ।
इस सबसे आहत नील सेना के अध्यक्ष राजेश कुमार,उपाध्यक्ष संतोष यादव,महासचिव विकास राठौर ने जनपद मुख्यालय के तिकोनिया पार्क में राम भक्त साथियों के साथ रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट सचिव चंपत राय के कृत के विरोध में अमरण अनशन कर सरकार से मांग कर रहे है की हम राम भक्तों द्वारा बिहार के लाखो घरों से लाई गई सिंदूर को कनक भवन में सीता को अर्पित किए जाए, पुजारी नियुक्त आयोग का गठन कर मंदिरों में आरक्षण लागू हो और पुजारी नियुक्त आयोग के द्वारा भारत सरकार भारत के सभी मंदिरों में लिखित परीक्षा व योग्यता अनुसार पुजारी नियुक्त करें साथ ही एससी एसटी ओबीसी पुजारी को रोस्टेड के आधार पर नियुक्त हो और हमारी मांगे ना पूरी होने के उपरांत हम सभी श्रद्धालु सरयू नदी में जल समाधि ले लेंगे।
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