कुशवाहा मौर्य शाक्य सैनी समाज अब अपने को ठगा सा महसूस कर रहा?
मामला विचारों के संघर्ष का.
- समाज के बड़े नेता बाबू सिंह के बाद स्वामी प्रसाद भी पार्टी बनाकर समाज को करना चाहते एकजुट..
- आज तक एक भी विधायक एवं सांसद बनाने की नहीं हो पाई..
- समाज के जीतने वाले विधायकों एवं सांसदों को हारने के लिए यह समाज के दल जरूर दिखे..
लखनऊ. कुशवाहा मौर्य शाक्य सैनी समाज के एक और बड़े नेता स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं सदस्य विधान परिषद का इस्तीफा देकर दिल्ली में नई पार्टी बनाने का ऐलान कर रहे हैं और पार्टी बनाकर समाज का उत्थान और विकास का ढिंढोरा पीटना शुरू कर दिया है.
मालूम हो इसके पूर्व भी समाज के एक बड़े नेता बहुजन समाज पार्टी के कैबिनेट मंत्री एवं सदस्य विधान परिषद बाबू सिंह कुशवाहा ने भी बसपा से इस्तीफा देकर राजनीतिक पार्टी बना कर समाज की सेवा करना चाहते थे.
परंतु पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबू सिंह कुशवाहा ने अपने भाई को कांग्रेस की टिकट और पत्नी को सपा की टिकट पर जब लोकसभा चुनाव लड़ना शुरू किया तो इस बड़े नेता की पोल खुल गई कि यह समाज की सेवा करना चाहते हैं कि अपनी सेवा करना चाहते हैं.
समाज के लोगों ने उनकी पार्टी को छोड़ना शुरू कर दिया और आज पार्टी में एक मात्र नेता बाबू सिंह कुशवाहा ही है जो न समाज के लिए कुछ कर पा रहे हैं और ना अब अपने लिए कुछ कर पा रहे हैं क्योंकि समाज भी अब जान चुका है की बाबू सिंह कुशवाहा में कितनी दम है.
स्मरण रहे स्वामी प्रसाद मौर्य कभी बीजेपी के बड़े नेता माने जाते थे भाजपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य की पुत्री संघमित्रा को सपा के जन्मदाता नेताजी के परिवार एवं भतीजा धर्मेंद्र यादव के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ाया भाजपा ने ताकत झोक कर संघमित्रा को लोकसभा भेज कर दिल्ली में सबसे बड़ी कोठी एलट की परन्तु स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बेटे अशोक मौर्य के लिए टिकट भाजपा से मांग कर विधायक बनना चाहते थे.
जब भाजपा ने आनाकानी की तो भाजपा को ठोकर मार कर सपा में शामिल हो गए और धार्मिक भावना भड़काने वाले जब बयान देने लगे तो सपा मे भी स्वामी प्रसाद मौर्य को सपा से बाहर करने की चर्चा बढ़ने लगी इसलिए वह स्वयं इस्तीफा देकर नई पार्टी का गठन कर दिया.
अब दिल्ली में घोषणा करने जा रहे हैं वैसे कुशवाहा मौर्य शाक्य सैनी समाज की कई राजनीतिक पार्टिया उभर कर आई है परंतु उनकी हैसियत आज तक एक भी विधायक एवं सांसद बनाने की नहीं हो पाई परंतु समाज के जीतने वाले विधायकों एवं सांसदों को हारने के लिए यह समाज के दल जरूर दिखे वैसे कुशवाहा मौर्य शाक्य सैनी समाज अब अपने को ठगा सा महसूस कर रहा है.
भारतीय जनता पार्टी ने समाज की रक्षा करने के लिए गीता शाक्य औरैया एवं अमरपाल मौर्या प्रयागराज को राज्यसभा सांसद एवं केशव प्रसाद मौर्य को डिप्टी सीएम तथा जसवंत सैनी को राज्य मंत्री बनाया तो गया है परंतु वह भी हवा हवाई नेता साबित हो रहे हैं क्योंकि समाज का भला उनसे भी नहीं हो पा रहा है जिसको लेकर समाज में बेचैनी बढ़ती जा रही है.
यदि भारतीय जनता पार्टी ने कुशवाहा समाज के 14 पर्सेंट वोट पर लोकसभा चुनाव के पूर्व कोई जिम्मेदार समाज के नेता को समाज को भाजपा में जोड़ने की जिम्मेदारी न सोपी तो समाज अपने को ठगा सा महसूस करके चुनाव में चौंकाने वाले परिणाम दे सकता है.
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