गंगापुल पर एक खूबसूरत और मनमोहक तस्वीर देखने को अवसर

  • 150 साल पुराना गंगापुल घाटघाट, शोरूम रेडी.
  • बंदा में तबाही का कारण बना,  अधिकारियों ने किया निरीक्षण.
प्रकाश शुक्ला

शुक्लागंज, उन्नाव। 150 साल पुराने ब्रिटिश समय में तैयार हुआ शुक्लागंज गंगापुल, अब पठानकोट में एक संकेत तैयार हो जाएगा। पुराने पुल को नए रूप में पेश करने के साथ ही यहां स्टॉल बनाने का प्रस्ताव तैयार करने के लिए भुगतान किया जा सकता है। इसी को लेकर नगर आयुक्त ने अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर पुल का निरीक्षण किया। इंजेक्शन के निर्देश दिए गए। नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर अमित सिंह डूडा, परियोजना अधिकारी तेज कुमार जोनस्वच्छता अधिकारी मनोज पाल आदि के साथ निरीक्षण करते रहें। पुल पर स्टॉलों के कॉटन के लिए परियोजना अधिकारी को नियम सूची के अनुसार तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं। गंगाघाट रेलवे स्टेशन के पास गंगापुल की बेहद खूबसूरत तस्वीर प्रधानमंत्री की 2 दिन पूर्व गंगाघाट स्थित कानपूर पुल बाया फ्लीट रेलवे स्टेशन का निशान को लेकर वर्चुअल तरीके से चित्रित की गई थी। आस-पास स्टेशन की लागत करीब 30 करोड़ आंकी गई है। अब बंद पड़े गंगापुल पर एक खूबसूरत और मनमोहक तस्वीर देखने को मिलेगी।

गंगापुल से करीब प्रमुख साल बंद है 150 साल पुराना शुक्लागंज गंगापुल करीब 5 साल से बंद है। 

पिलरों की आई रिपोर्ट में लोगों की सुरक्षा को देखते हुए पुल को खतरनाक माना गया और पीडब्लूडी द्वारा इसे बंद कर दिया गया शुक्लागंज  और कानपुर के चारो पर्दा डाला गया। 

भारत के कलाकारों ने 1875 में इंग्लैंड द्वारा कानपुर को उन्नाव-लखनऊ से जोड़ने के लिए पुल का निर्माण करने की  तैयारी शुरू कर दी थी  ।

ईस्ट इंडिया के कारीगरों ने बनाया था प्लॉट। इसे बनाने में 7 साल 4 महीने लगे थे। मैस्कर घाट पर प्लांट लगाया गया था। ब्रिटिश ने पुल के निर्माण के लिए फाइल तैयार की थी, जबकि इसी पुल के करीब 1910 में रेलवे ब्रिज का संचालन शुरू हुआ था। 

जानकारी के मुताबिक 22 हजार चौपहिया-डोपहिया समेत 1.25 लाख लोग इस पुल से गए थे। 12 मीटर की चौड़ाई और 1.38 किलोमीटर का पुल लोगों का कहना था।

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