नई विश्व व्यवस्था शीघ्र नहीं बनी तो दुनिया का सिद्धांत खतरे!

करप्शन न्यायालय की स्थापना की सलाह 
सिटी मोंटे रैली स्कूल द्वारा आयोजित 'विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 24 वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के तीसरे दिन आज 61 देशों से पधारे मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों और कानूनी विशेषज्ञों ने नई विश्व व्यवस्था की आवाज उठाई और इस दिशा में सी.एम.एस. कीके द्वारा बताए गए प्रयास के एक मत के अनुसार कहा गया था कि यदि नई विश्व व्यवस्था शीघ्र नहीं बनी तो विश्व का सिद्धांत खतरे में है। 
अंतर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन के तीसरे दिन की चर्चा-परिचर्चा करते हुए पूर्व पुलिस एवं अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. विक्रम सिंह ने कहा कि पोर्ट्रेट 51 पूरे विश्व में शांति एवं सहयोग का प्रकाशन करता है। सभी ने एक सुर में कहा कि शांति की स्थापना के लिए मानवाधिकारों का सम्मान संभव नहीं है। यह सम्मेलन हम सभी के लिए सीखने का अवसर है।

यह महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि यह दुनिया के सभी लोगों के हित के लिए है। एंटी-करप्शन कोर्ट की स्थापना की सलाह के लिए धारावाहिकों और नीति-निर्माताओं की उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने के लिए। 

विश्व की यह समस्या अब जीवंत नहीं है, जैसा कि संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के समय था, इसलिए संयुक्त राष्ट्र में आज के सिद्धांत में बदलाव की आवश्यकता है। जहां एक ओर देश-विदेश के न्यायशास्त्री व क़ानूनविद्याओं ने 'रिफॉर्म ऑफ यू.एन.' चार्टर' थीम के रिकॉर्ड 'रिफ़्रेशिंग डी.यू.एन. चार्टर टू सर्व एज ए ग्लोबल कांस्टीट्यूशन एंड सोशल कांस्टीट्यूशन', 'रिप्लेसिंग द वन' स्टेट-वन वोट' इन यू.एन. जनरल असेंबली बाई ए वेटेड बीटल सिस्टम' आदि विषयों पर गंभीर विचार दुनिया भर में कहीं और 'इंफोर्स एंगल वर्ल्ड लॉ' विषय के क्षेत्रीय 'कैंडिशन एंड व्हिच रेस्पेक्ट फॉर ट्रीटी एब्लिगेंस एंड अदार इंटरनैशनल लॉ बी कैनेटेंड' आदि विषयों पर सारगर्भित विचार लिखे गए ।। .. 

रेस्तरां के सम्मान में आज इंदिरा गांधी रेस्तरां के जूपिटर हॉल में 'सांस्कृतिक महोत्सव एवं रात्रिभोज' का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में पधारे प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने देश-विदेश से पधारे न्यायप्रिय एवं क़ानूनीविद्याओं से यह अवसर प्राप्त किया। 

श्री मौर्य ने भावी पीढ़ी के भविष्य का सपना सी.एम.एस.सी. स्थान के लिए भी प्रयास करें।

नई विश्व व्यवस्था नहीं बनी तो दुनिया के आदर्श में- देश-विदेश से पधारे न्याय की संभावना

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