सर्पदंश से सातवीं के छात्र वरुण मृत घोषित

मुरादाबाद। सांप के काटे जाने के बाद तांत्रिक के कहने पर परिवार ने जिंदगी  की आस में 12 दिन तक बच्चे के शव को घर में ही गड्ढे में दबाए रखा। शव से दुर्गंध आने लगी थी। मांस भी गलना हो शुरू गया था। सपेरे ने परिवार को गुमराह करके बच्चे को जिंदा करने के दावा किया था। अब उसने फोन उठाना ही बंद कर दिया।

झूठ बोलता रहा सपेरा....

सर्पदंश से मृत घोषित सातवीं के छात्र वरुण (14) पुत्र बबलू ठाकुर निवासी गांव ऊंचाकानी को जीवित करने का झूठ बोलता रहा और पीड़ित परिवार उसकी बातों पर विश्वास करता रहा। इसके चलते अंधविश्वास के गड्ढे में छात्र के शव की दुर्दशा हो गई। 12 दिन से गड्ढे में दबे छात्र के शव की दशा काफी खराब हो चुकी थी। उसमें से तेज दुर्गंध आ रही थीं। मांस भी गलना शुरू हो गया था। परिजनों ने आनन-फानन शव को श्मशान में ले जाकर गड्ढा खोदकर छात्र का अंतिम संस्कार कर दिया।

संपर्क नहीं हुआ तांत्रिक / सपेरे से...

यह बात भी सामने आई है कि पीड़ित परिवार दो दिन से सपेरे से संपर्क करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। जिससे स्पष्ट हो रहा है कि सपेरा मृतक के परिजनों को गुमराह कर रहा था।

गौरतलब है कि नौ नवंबर को रात में सोते समय सातवीं के छात्र वरुण को सांप ने डस लिया था। पहले परिजन छात्र को लेकर झाड़-फूंक करने वालों के पास पहुंचे। उसके बाद परिजन छात्र को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे थे, लेकिन डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया था। इसके बाद परिजन छात्र को बचाने की आस में कई सपेरों के पास लेकर गए थे। 

इस दौरान अलीगढ़ के एक सपेरे ने छात्र को घर में ही गड्ढा खुदवाकर दबवा दिया था और तीन दिन सपेरा गांव में आया और कुछ तंत्र विद्या भी की थी, लेकिन छात्र की कोई हरकत नहीं हुई। इसके बाद में सपेरे ने 19 नवंबर को आने की बात कही थी और उसी दिन छात्र को जीवित निकालने की बात कही थी, लेकिन सपेरा नहीं आया।

इसके बावजूद भी छात्र के परिजनों ने दो दिन और सपेरे का इंतजार किया, लेकिन वह नहीं आया। मंगलवार सुबह परिजनों ने छात्र को देखने के लिए गड्ढा खोला, तो उसमें से तेज दुर्गंध से लोग बेहाल हो गए, जिसके बाद शव को गड्ढे से बाहर निकाला गया और आनन फानन ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान परिजन गमजदा थे और वह किसी से बात भी नहीं कर रह थे। वहीं ग्रामीणों के बीच सपेरे की दगाबाजी को लेकर चर्चाएं होती रही।

पुलिस के समझाने पर भी नहीं माने थे परिजन

सर्पदंश से मृत घोषित वरुण को घर में ही गड्ढे में दबाने के मामले में पुलिस ने भी संज्ञान लिया था। पुलिस ने छात्र के परिजनों से बात की और छात्र को गड्ढे से बाहर निकालने को कहा था, लेकिन परिजन ने गड्ढे से बाहर निकालने से मना कर दिया था। जिसके बाद पुलिस ने बैरंग लौट आई थी। पीड़ित परिवार को सपेरे पर विश्वास हो गया था कि वह गड्ढे से उनके बेटे को जीवित कर सकता है। इसलिए सपेरे के बताए अनुसार 12 दिन तक छात्र के शरीर को गड्ढे में रखे रहे।

छात्र को एएसवी इंजेक्शन लगता तो बच सकती थी जान...

छात्र के परिजनों को गुमराह करने वाले सपेरे पर जागरूक लोगों में गुस्सा है जिनका कहना था कि ऐसे सपेरे पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं गम से बेहाल परिवार इस मामले में कुछ बोलने को तैयार नहीं है है। कुछ लोगों का कहना था कि सांप के डसने के तत्काल बाद छात्र को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल ले जाते और उसको एंटी स्नेक वेनम (एएसवी) इंजेक्शन लगवाते तो छात्र की जान बच सकती थी।

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