मुंशी जी की कहानियां रंगमंच का अहम हिस्सा -डॉ सीमा मोदी
मुंशी प्रेमचंद द्वारा स्वतंत्रता आंदोलन की पृष्ठभूमि में लिखी गई कहानी "मां" एक क्रांतिकारी आदित्य की पत्नी करुणा एवं उसके पुत्र प्रकाश के विचारों के टकराव की मार्मिक कहानी है।
करुणा अपनी देश के प्रति निष्ठा एवं पति आदित्य को दिये वचन के अनुरूप प्रकाश को एक देश भक्त, स्वतंत्रता सैनानी बनाना चाहती है जबकि प्रकाश विलायत से शिक्षा प्राप्त करके अंग्रेज सरकार की नौकरी करना चाहता है। अंत में करुणा अपने पति दिये वचन एवं देशहित में पुत्र प्रेम को बलिदान कर देती है।
वरिष्ठ रंगकर्मी एवं लेखक के के अग्रवाल द्वारा किए गये किये गये कहानी "मां "के नाट्य रुपांतरण का भावपूर्ण पाठन सशक्त अभिनेत्री व रंगमंच कलाकार सीमा मोदी एवं अभिनेता व रंगमंच कलाकार नवनीत मिश्रा द्वारा किया गया। राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान , सचिवालय, हजरतगंज में मुंशी प्रेमचंद जी की जयंती मनाई गई।
सीमा गुप्ता महामंत्री, शुशील श्रीवास्तव, सुनील बाजपेयी, डॉ वी के श्रीवास्तव, डॉ रश्मि व अन्य महानुभाव शामिल हुए। अध्यक्षता अखिलेश मिश्रा आई ए एस ने की।
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