विश्व पपेट दिवस के अवसर पर नृत्य नाटिका की हुई बहुत खूबसूरत प्रस्तुति
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देश की आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने पर आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम ओर सृजन शक्ति वेलफेयर सोसायटी लखनऊ के सँयुक्त तत्वावधान में "गोप गोपेश्वर कृष्ण लीला". नृत्य नाटिका की हुई बहुत खूबसूरत प्रस्तुति।
सृजन शक्ति वेलफेयर सोसाइटी ,लखनऊ व उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम ने संगीत नाटक अकादमी के बाल्मीकि रंगशाला में गोप गोपगोपेश्वर कृष्ण लीला नृत्य नाटिका की प्रस्तुति की जिसकेसम्पूर्ण निर्देशन डॉ सीमा मोदी व भरत निधि तिवारी ने किया।
मुख्य अतिथि संस्कृत संस्थान के निदेशक विनय श्रीवास्तव रहे। वरिष्ठ रंगकर्मी के के अग्रवाल, संस्था के अध्यक्ष बी एन ओझा, विनय श्रीवास्तव, वरिष्ठ रंगकर्मी प्रभात बोस ने सब कलाकरों को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया।
नृत्य नाटिका गोप गोपेश्वर कृष्ण लीला , जिसमे कृष्ण जन्म, पूतना वध, ब्रह्मांड दर्शन माखन चोरी, गोपियों की मटकी फोड़ बकासुर वध, राधा कृष्ण प्रेम प्रसंग कालिया मर्दन, गोपियों का कपड़ा चोरी, गोवर्धन पर्वत, मथुरा गमन, कंस वध का मंचन दर्शाया गया कि कृष्ण एक बहुत नटखट बच्चे हैं। वे एक बांसुरी वादक हैं वे अपने दुश्मनों के लिए भयंकर योद्धा हैं।
कृष्ण एक ऐसे अवतार हैं जिनसे प्रेम करने वाले हर घर में मौजूद हैं। वे एक चतुर राजनेता और महायोगी भी हैं। वो एक सज्जन पुरुष हैं, और ऐसे अवतार हैं जो जीवन के हर रंग को अपने भीतर समाए हुए हैं। इसे ना तो कर्तव्य का अभिमान है और ना ही सुखी रहने की इच्छा, बल्कि दूसरों को सुखी रखने की इच्छा को लीला कहते हैं।
श्रीकृष्ण ने यही लीला की, जिससे समस्त गोकुलवासी सुखी और संपन्न थे। उन्होंने कहा कि माखन चोरी करने का आशय मन की चोरी से है। कन्हैया ने भक्तों के मन की चोरी की। कलाकारो में नीतू राजपूत, लवकुश प्रसाद, विशू, राजपूत , आयुष प्रताप, आयुष चौहान, आयुष शर्मा, प्रियांशु कुमार, वर्षा सिंह, वंशिका शर्मा,इशिका त्रिपाठी, परी कुमारी, विवांता नायर , जहान्वी विष्ट, आद्या विष्ट, तनिष्क पांडेय, रितिका श्रीवास्तव, आकर्षि सिंह, आरती कुमारी, श्रुति सिंह, अंतरा कुमारी pramuk.
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