राष्ट्र निर्माण में सभी छात्र सहभागी बने -उच्च शिक्षा राज्य मंत्री
- अवध विश्वविद्यालय का 27वां दीक्षांत समारोह भव्यतापूर्ण संपन्न हुआ
- अयोध्या अनादिकाल से हमारी सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक -कुलाधिपति
- भारत में दीक्षा की अति प्राचीन -प्रो0 कुलदीप अग्निहोत्री
- रोजगार पर शिक्षा की दिशा में विश्वविद्यालय नंबर..
हमारा देश समृद्ध विरासत को सुरक्षित रखने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर प्रगति कर रहा है। कुलाधिपति ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का संकल्प धीरे-धीरे आकार ले रहा है।
अयोध्या के मंदिरों से प्राप्त होने वाले फूलों से प्रवेश कर विश्वविद्यालय सामाजिक दायित्वों की निगरानी कर रहा है। उन्होंने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि आज महिला सशक्तिकरण में प्रदेश अनुकृति कार्य कर रही है।
प्रदेश की छह यूनिवर्सिटीज में छह महिला कुलपति काम कर रही हैं। पूरी ईमानदारी से आपका बिरादरी का काम हो रहा है। राज्य विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह में 80 प्रतिशत छात्राओं को स्वर्णपदक प्राप्त हुआ है। यह स्पष्ट है कि शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी हर स्तर पर बढ़ रही है।
यह प्रदर्शन स्वागत योग्य है और भारत के सामाजिक निर्माण की दिशा में एक सुखद संदेश है। कुलाधिपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में शोध परियोजना के साथ वैश्विक स्तर पर शिक्षण नामांकन के साथ नामांकन बढ़ाने की आवश्यकता है, जिससे योग्यता में गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। कार्यक्षेत्र भागीदारी में सक्रिय भूमिका निभाएंगे और ग्रामीण स्तरों पर नागरिकों को अवलंबित करना होगा। केवल पूर्ण भारत का संकल्प साकार हो जाता है। यूनिवर्सिटीज के दीक्षांत समारोह में 80 प्रतिशत छात्राओं को स्वर्णपदक प्राप्त हुआ है। यह स्पष्ट है कि शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी हर स्तर पर बढ़ रही है। यह प्रदर्शन स्वागत योग्य है और भारत के सामाजिक निर्माण की दिशा में एक सुखद संदेश है।
विश्वविद्यालय में शोध परियोजना के साथ वैश्विक स्तर पर शिक्षण नामांकन के साथ नामांकन बढ़ाने की आवश्यकता है, जिससे योग्यता में गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।
विश्वविद्यालयों को सामाजिक भागीदारी में सक्रिय भूमिका निभानी होगी और ग्रामीण स्तरों पर नागरिकों को अवरूद्ध करना होगा। केवल पूर्ण भारत का संकल्प साकार हो जाता है।
यूनिवर्सिटीज के दीक्षांत समारोह में 80 प्रतिशत छात्राओं को स्वर्णपदक प्राप्त हुआ है। यह स्पष्ट है कि शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी हर स्तर पर बढ़ रही है। यह प्रदर्शन स्वागत योग्य है और भारत के सामाजिक निर्माण की दिशा में एक सुखद संदेश है।
विश्वविद्यालय में शोध परियोजना के साथ वैश्विक स्तर पर शिक्षण नामांकन के साथ नामांकन बढ़ाने की आवश्यकता है, जिससे योग्यता में गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। कार्यक्षेत्र भागीदारी में सक्रिय भूमिका निभाएंगे और ग्रामीण स्तरों पर नागरिकों को अवलंबित करना होगा। केवल पूर्ण भारत का संकल्प साकार हो जाता है। कुलाधिपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में शोध परियोजना के साथ वैश्विक स्तर पर शिक्षण नामांकन के साथ नामांकन बढ़ाने की आवश्यकता है, जिससे योग्यता में गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। कार्यक्षेत्र भागीदारी में सक्रिय भूमिका निभाएंगे और ग्रामीण स्तरों पर नागरिकों को अवलंबित करना होगा। केवल पूर्ण भारत का संकल्प साकार हो जाता है। कुलाधिपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में शोध परियोजना के साथ वैश्विक स्तर पर शिक्षण नामांकन के साथ नामांकन बढ़ाने की आवश्यकता है, जिससे योग्यता में गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। कार्यक्षेत्र भागीदारी में सक्रिय भूमिका निभाएंगे और ग्रामीण स्तरों पर नागरिकों को अवलंबित करना होगा। केवल पूर्ण भारत का संकल्प साकार हो जाता है। धर्म केशाला पूर्व कुलपति प्रो0 कुलदीप चन्द अग्निहोत्री ने कहा कि भारत में दीक्षा की अति प्राचीन है। दीक्षा एक पावन प्रक्रिया है। इसे अलग से भारत को समझने की चेष्टा करें।
उन्होंने कहा कि अभी तक भारत को पश्चिमी दृष्टि से समझा गया इसी कारण से भारत के साथ न्याय नहीं हो पाया आज भारत अगड़ाई ले रहा है। इसके आप सभी सहभागी बने। सभी युवा देश के सबसे सशक्त प्रहरी है।
समारोह में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती रजनी तिवारी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में सभी छात्र सहभागी बने। सभी को सदाचार एवं नैतिक धारणा के पूर्वानुमान द्वारा डिग्री की प्रासंगिकता को प्रमाणित करना है। समाज में योगदान कर सक्रिय रूप से नव निर्माण के लिए सभी को प्रेरित करें। यहां तक पढ़ने वाले शिक्षक एवं माता-पिता के प्रति अपनी जाति को समझें। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद का कथन है कि शिक्षा के लक्ष्य को मनुष्य की भावना से भर देना चाहिए। आप तब तक परिश्रम करते हैं जब तक कि लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते। उन्होंने कहा कि भारत विश्व की महाशक्ति बनने की दिशा में पहचान करता है।
केंद्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्र निर्माण के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं अब उसका स्वरूप दिखाई देने लगा है।
समारोह में स्वागत का स्वागत और प्रतिवेदन पेश करती गई विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल ने कहा कि अयोध्या की पावन धरा पर स्थापित विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका का निवर्हन कर रहा है। विश्वविद्यालय से 764 संपर्क। विश्वविद्यालय में 6 लाख स्नातक एवं स्नातक अध्ययन करते हैं।
छात्रों का सर्वांगीण विकास एवं सामाजिक व सामाजिक दायित्व का प्रवाह जारी करने के लिए एनसीसी, एनएसएस और क्रीडा परिषद की संस्था भी प्रतिबंधित है। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं देश-विदेश में प्रमुख पद और ख्यातिलित खोज में अपनी सेवायें दे रहे हैं।
रोजगार पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए विश्वविद्यालयों की सूची है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विश्वविद्यालय परास्नातक एवं स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में लागू किया गया है।
कुलपति प्रो0 गोयल ने गोली से कहा कि विश्वविद्यालय महिला अधिकारिता के क्रम में ग्रामीण महिलाओं के लिए आस-पड़ोस के क्षेत्र में संयुक्त रूप से स्वास्थ्य क्षेत्र में छह कैप लगाने के लिए आवश्यक दवाएं और मल्टीबिटामिन की आपूर्ति की गई है। ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य की जाचकर अस्वास्थ्यकर सहायता प्रदान की गई। विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों को डिजिटलीकरण के क्रम में डिजीलाकर की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। 127 स्वर्णपदक प्राप्त हुए 82 होस्ट हैं। विश्वविद्यालय के प्रतिभागियों ने राष्ट्रीय स्तर के खेल प्रतियोग जोखिम में 13 स्वर्ण, 9 रजत और 29 कांस्य पदक प्राप्त किए हैं जो यह सिद्ध करते हैं कि देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है।
इस समारोह में कुलाधिपति एवं कुलपति द्वारा सर्वोच्च अंक प्राप्त स्नातक, परास्नातक एवं दानस्वरूप छात्रों- छात्राओं को कुल 127 स्वर्णपदक प्रदान किए जाएंगे। इसमें विश्वविद्यालय परिसर एवं महाविद्यालयों के स्नातक, परास्नातक दूसरे में कुल 191074 छात्रों-छात्राओं को डिग्री दी गई। जिसमें के कुल 152080, परास्नातक के कुल 38897 और छात्रों के कुल 97 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। कार्यक्रम से पहले कुलाधिपति द्वारा डा0 लोहिया की प्रतिमा स्थापित की गई। उसके बाद विश्वविद्यालय के 65 बटालियन एसीसी कैडेट्स को गार्ड ऑफनर द्वारा दिया गया। विश्वविद्यालय के पूर्वगृह में राज्यपाल ने माॅ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यास्थ एवं दीप प्रज्जवलित किए गए। छात्राओं द्वारा वंदेमातरम, जलभरो कार्यक्रम एवं कुलगीत की संगीतमय प्रस्तुति की गई। स्वागत का स्वागत कुलपति प्रो0 गोयल द्वारा पुष्प गुच्छ, श्रीफल एवं स्मृति भेटकर किया गया।
समारोह में राज्यपाल द्वारा विश्वविद्यालय की वार्षिक स्मृति को मोचन किया गया। कार्यक्रम के दौरान कुलाधिपति द्वारा प्राथमिक विद्यालयों के 30 छात्रों को बैग, बुक किट व फल की टटोली बताई गई। इसी कुलाधिपति द्वारा आगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सेवा में प्रोत्साहन के लिए बच्चों के खिलौने, साइकिल,अध्यक्ष प्रदान किए गए।
कार्यक्रम का सफल संचालन प्रो0 संतसरण संयोजन द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव उमानाथ ने किया। समारोह में मनहत राजू दास, महंत रामदास, विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, साहित्यकार एवं शिक्षाविद् दाओ प्रेमभूषण गोयल, जिलााधिकारी निकु कुमार, एसपी सिटी अयोध्या, वित्ते पूर्णन्दु अपील, मुख्य नियंता प्रो0 अजय प्रताप सिंह, प्रो0 चयन कुमार मिश्रण, प्रो0 आशुतोष सिन्हा, प्रो0 आशुतोष सिन्हा, प्रो0 नीलम पाठक, प्रो0 जसवंत सिंह, उत्कृष्ट अद्वितीय श्रीवास्तव, प्रो0 एसके रायजादा, प्रो. एमपी सिंह, प्रो0 एनके तिवारी, प्रो0 फारुख जमाल, प्रो0 के0के वर्मा, प्रो0 आरके तिवारी, प्रो0ेन्द्र शैल कुमार शैल प्रोेन्द्र वर्मा, प्रो0 तुहिना वर्मा, प्रो0 अनूप कुमार, सहायक कुलसचिव डा0 रीमा श्रीवास्तव, मो0 सही प्रो0 गंगाराम मिश्र प्रो अशोक राय बड़े संख्या में सदस्यों सहित छात्र-छात्राएं, शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
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