शहर के सबसे बड़े होटल सत्या में भाजपा का प्रेस कॉन्फ्रेंस जनता के पैसों का दुरुपयोग

 


पारसनाथ प्रजापति

सिंगरौली। भारतीय जनता पार्टी अपने किए गए कार्यों पर पूर्ण रूप से संतुष्ट नहीं है भारतीय जनता पार्टी को कहीं ना कहीं शंका है तब तो आज शहर के सबसे बड़े सत्या होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार की योजनाओं को गिनानी पड़ रही है भाजपाइयों का शक भी बिल्कुल सही है कि उनके कार्य के आधार पर जनता उनके साथ नहीं है विधानसभा चुनाव को मद्देनजर देखते हुए आज सभी योजनाओं के पोर्टल चालू हुये हैं इन योजनाओं का लाभ पाने के लिए जनता बेकरार थी एक-एक योजनाओं का लाभ पाने के लिए जनता तरस रही थी तब किसी भी प्रकार योजनाओं का कोई पोर्टल चालू नहीं हुआ था लेकिन जब आज सरकार को जरूरत हुआ जनता को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए सिर्फ 2023 विधानसभा चुनाव तक सीमित रहेंगे इसके पहले संबल योजना,कर्मकार कल्याण मंडल सभी बंद थे अभी विधानसभा चुनाव होने हैं इसलिए पोर्टल खोल दिए गए हैं ताकि जनता सरकार की तरफ आकर्षित हो पायें और भाजपा के लोग झूठ को सच में बदलने का प्रयास करेंगे।


सीधी सिंगरौली सड़क निर्माण पर भाजपा की बोलती बंद


भारतीय जनता पार्टी जो प्रदेश व केंद्र में पूर्ण रूप से बहुमत में हो आज विकास यात्रा करना पड़ रहा है प्रेस कॉन्फ्रेंस कर योजनाएं गिनानी पड़ रही है सीधी सिंगरौली पहुंच मार्ग सड़क जर्जर हालत में पड़ी हुई है मैं भाजपा के लोगों से पूछना चाहता हूं कि वास्तविक विकास तो रोड है सीधी सिंगरौली सड़क का निर्माण क्यों नहीं हुआ और इसका जिम्मेदार कौन है सीधी सिंगरौली एन एच-39 को लेकर विपक्ष भी काफी हमलावर हुआ परंतु सरकार के कान में जूं तक नहीं हुआ जो भारतीय जनता आज विकास हुआ है विकास का ढिंढोरा पीट रही है भाजपा खुद अपने करतूत की वजह से लड़खड़ा कर गिर जाएगी।


ट्रामा सेंटर की बदहाल व्यवस्था


जिला चिकित्सालय ट्रामा सेंटर में लगभग 30 चिकित्सक पदस्थ हैं लेकिन मरीज जब अपनी दुख व समस्या लेकर हॉस्पिटल पहुंचता है गरीब पीड़ित असहाय मरीज की समस्या को देखने सुनने वाला कोई ट्रामा सेंटर में नहीं होता है सुबह में ओपीडी के समय डॉक्टर वहां पर जाते जरूर हैं पर कुछ चंद मिनटों में फॉर्मेलिटी पूरा कर अपने प्राइवेट क्लीनिक में जाकर मरीज देखने का काम करते हैं और सिंगरौली की भोली-भाली जनता से अच्छी खासी रकम ऐठी जा रही है ट्रामा सेंटर की बदहाल व्यवस्था पर सरकार व जिला प्रशासन के लोग भ्रष्टाचार में लिप्त चिकित्सकों पर कार्यवाही करने के बजाय भ्रष्टाचारियों के साथ भाजपा भी मिलकर सुर ताल मिलाने का काम कर रही है भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और सरकार के लोगों से कहना है आप लोग ट्रामा सेंटर की व्यवस्था को देखिए और गरीबों को समुचित इलाज की व्यवस्था कराइए हर गरीब को अच्छा और बेहतर इलाज ट्रामा सेंटर में हो सके लेकिन ट्रामा सेंटर के जो चिकित्सक हैं अस्पष्ट रुप से मरीजों को कहते हैं कि मेरे प्राइवेट क्लीनिक पर आओ बेहतर इलाज करेंगे ट्रामा सेंटर में भर्ती करके तुम्हारा इलाज नहीं किया जा सकता और मरीजों को ठीक होना है अपनी जिंदगी हर व्यक्ति को प्यारी होती है इसलिए मरीज भी मजबूरी में प्राइवेट क्लीनिक पर जाकर इलाज करा रहें हैं।


आयुष्मान योजना सिर्फ दिखाने के लिए लोगों को नहीं मिल रहा है योजना का लाभ


सरकार और जिला प्रशासन के लोगों ने आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए पूर्ण जोर दिया है आयुष्मान कार्ड भी लगभग लगभग सभी के बने हुए हैं परंतु कहा जाता है कि आयुष्मान कार्ड में हर व्यक्ति को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज किया जाएगा जो आयुष्मान से अधिकृत हॉस्पिटल हैं उसमें लोग भर्ती होते हैं तो बहुत आसानी से भर्ती नहीं होते हैं हॉस्पिटल प्रबंधन उन्हें तमाम तरीके से परेशान करता है तब जाकर आयुष्मान योजना के तहत हॉस्पिटल में मरीज भर्ती हो रहे हैं भर्ती होने के बावजूद मरीज ठीक नहीं होने पाता है तभी उसे डिस्चार्ज किया जाता है आयुष्मान व अस्पताल प्रबंधन के द्वारा कहा जाता है मरीज ठीक हो गया है हॉस्पिटल से ले जाओ अपने घर, आयुष्मान कार्ड के माध्यम से ज्यादातर जो मरीज गंभीर रूप से घायल होते हैं ऑपरेशन की आवश्यकता होती है उनका ऑपरेशन नहीं किया जाता है चिकित्सकों द्वारा लगातार राशि की मांग की जाती है अभी सिंगरौली हॉस्पिटल में  मरीज भर्ती हुआ था अदानी पावर के कोल वाहन में टक्कर के वजह से गंभीर रूप से घायल था उसके सर में गंभीर चोट था डॉक्टर राज जायसवाल के द्वारा इलाज किया जा रहा था आयुष्मान कार्ड के द्वारा मरीज भर्ती हुआ था परंतु डॉक्टर राज जायसवाल के द्वारा ऑपरेशन की राशि जमा करने की बात कही गई थी जब इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एनके जैन से चाही गई तो उन्हें किसी प्रकार की जानकारी नहीं है कि जिले में कौन सा हॉस्पिटल आयुष्मान से संबंधित है आयुष्मान योजना के क्या नियम है और कौन से नियम के तहत मेडिसिन प्राप्त होती है मरीज के ऑपरेशन होते हैं इन जानकारियों से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी परिपूर्ण नहीं है उन्होंने परिजन को ही कहने लगे कि आप जा कर के देखो कि इसमें क्या है मुझे पता नहीं है जब जिले के सबसे बड़े स्वास्थ्य अधिकारी को किसी प्रकार की जानकारी नहीं होती है तो फिर यह भ्रष्टाचार नहीं तो क्या है।

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