लखनऊ को भिखारी मुक्त करने के लिए उर्वशी ने उठाई मांग

भिखारियों को सहप्रतिशत पुनर्वासित कर राजधानी लखनऊ को भिखारी मुक्त करने के लिए सक्रियवादी उर्वशी ने मांग उठाई..

यदि आप कभी यूपी की राजधानी लखनऊ आए हैं तो यहां के चौराहों और पर्यटन के आस पास बड़ी संख्या में घूम रहे भिखारियों के कारण परेशान होना लाजिमी होगा। 
अब राजधानी लखनऊ निवासी समाजसेविका ने सूबे और राज्यपाल सहित सभी संबंधित समूहों के आला अधिकारियों को पत्र लिखकर राजधानी लिख दी है

उर्वशी का कहना है कि सूबे में उत्तर प्रदेश भिक्षावृत्ति प्रतिषेध अधिनियम 1972 कानून प्रचलित है। राज्य सरकार द्वारा भिखारियों के पुनर्वास के लिए कई योजनाएँ लागू हैं और ज़ोन राजकोष से अनुमान भी लगाया जा रहा है। 
उत्तर प्रदेश को भिखारी मुक्त प्रदेश बनाने के लिए सरकार की नीति भी बनाई गई है। उत्तर प्रदेश में भिखारियों के पुनर्वास के लिए भिक्षुक गृह भी चल रहे हैं लेकिन ऐसा होने पर भी राज्य सरकार के जिला प्रशासन, समाज कल्याण विभाग, नगर राज्य विकास विभाग, पुलिस महकमे, यातायात पुलिस महकमे और भिक्षावृत्ति को प्रतिरोधी के लिए जिम्मेवार अन्य उच्चाधिकारियों के दृष्टिकोण के कारण राजधानी के प्रत्येक दर्शन, पर्यटक स्थल, शोपिंग माल आदि के आसपास बड़ी संख्या में भिखारी आम जनता को परेशान करते हैं जिसके कारण राज्य सरकार की छवि खराब हो रही है।

उर्वशी ने अपने पत्र की मांग में लिखा है कि उनके बयानों की पुष्टि प्रौद्योगिकी से की जा सकती है। 
बकौल उर्वशी इन सम्बद्ध अधिकारियों द्वारा भिखारियों को देखकर भी उनकी अनदेखी की जा रही है जिसके कारण इन भिखारियों का मनोबल बढ़ रहा है और आम जनता त्रस्त है। इन भिखारियों द्वारा भिक्षावृत्ति के लिए बच्चों का प्रयोग करके इन बच्चों की भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।समाज कल्याण विभाग, नगर विकास विभाग,पुलिस महकमे, यातायात पुलिस महकमे और भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए जिम्मेवार अन्य सम्बद्ध अधिकारियों के अधीन होने के कारण राजधानी में भिखारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

उर्वशी की राजधानी में सूबे की महिलाएं और बच्चे बड़ी संख्या में निशाने से देश विदेश में प्रदेश की छवि धूम रही है और राज्य सरकार द्वारा पेश की जा रही सूबे की प्रगति की चमकमाती तस्वीर गंदी हो रही है। 
समाज कल्याण विभाग, नगर विकास विभाग, पुलिस महकमे, यातायात पुलिस वृत्ति को रोकने के लिए जिम्मेवार अन्य अधिकारियों के अधीन होने के कारण भिखारियों के पुनर्वास और उन्हें सम्मान के साथ अधिकृत अर्जन अधिकृत बनाने के लिए राज्य सरकार की योजना का ढोंग करना की बात भी उर्वशी ने अपने मांगपत्र में लिखी है

बकौल उर्वशी इन महकमों के अधिकारियों द्वारा जबरन और व्यवसायिक भिक्षावृत्ति करने वालों को लेखा-जोखा प्राप्त करने के लिए यथेष्ट कार्यवाही नहीं की जा रही है जिसके कारण से कई भिखारी बलात भी निशाने को बाध्य हैं।

उत्तर प्रदेश में आगामी माह में प्रस्तावित घुसपैठियों समिट की बात कह रहे उर्वशी ने अनुरोध किया है कि संबंधित निर्दिष्ट निर्दिष्ट भिखारियों को प्रतिशत निवासी पुनर्वासित कर दें, यूपी की राजधानी लखनऊ को जल्द से जल्द भिखारी मुक्त कर दें

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