मर्यादा पुरुषोत्तम बनाने के लिए कैकेई ने युगों का कलंक लिया

विशेष संवाददाता

लखनऊ राजकुमार राम को मर्यादा पुरुषोत्तम राम बनाने के लिए माता कैकेई ने युगों का कलंक अपने माथे पर लिया।

आध्यात्मिक गुरु श्री श्रीरविशंकर की वार्ता पर आधारित एवं पंकज मणि द्वारा निर्देशित नाट्य प्रस्तुति  रामलला की माता का सफल मंचन रवीन्द्रालय चारबाग, लखनऊ ‌ में बंगलौर आर्ट ऑफ लिविंग के आश्रम मंडली के १८ कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया। 

इस नाट्य प्रस्तुति में दर्शाया गया है कि जिस कैकेई और मंथरा को हमेशा से खलनायिका का दर्जा दिया गया है ,उन्होंने ने ही सारी आलोचना अपने सिर पर लेकर राजकुमार श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम बनाने में अहम योगदान दिया।

इस भाव प्रधान नाट्य प्रस्तुति में यह बताया गया है कि राम को सर्वाधिक स्नेह करने वाली माता कैकेई ने राम को वनवास इसलिए भेजा ताकि उनकी शौर्य व कीर्ति सर्वाधिक फैले और वे राजकुमार के बाद सिर्फ राजा न बने बल्कि सर्वमान्य होकर सभी के दिलों पर चिरकाल तक राज करें। 

कैकेई एक ऐसी मां थी जिन्होंने युगों का कलंक अपने माथे पर लिया। मंथरा ने भी भरत के लिए राजसिंहासन मांगने के लिए कैकेई को भड़काकर स्वयं को सबकी नजरों में गिराया किंतु उसके उकसाने के नेपथ्य में जगत कल्याण का महाभाव छिपा था।

आश्रम मंडली के सभी पात्रों ने अपने जीवंत अभिनय से नाटक का प्रभावी प्रस्तुतीकरण किया। कलाकारों ने संवाद, चौपाई, लोकगीत व नौटंकी विधा का कुशल मंचन करते हुए दर्शकों को सम्मोहित कर दिया। पंकज मणि द्वारा निर्देशित यह संगीतमय नाटक आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भरपूर है। इसके संवाद एवं प्रस्तुति  मनोरंजन के साथ साथ भावनात्मक रूप से आंखें भी नम कर देती है। इस नाटक में संगीत और नृत्य के साथ परोसे गए संवाद को समझना आसान रहा।

यह कार्यक्रम इसी माह में अयोध्या सहित उत्तर प्रदेश के 5 जिलों कानपुर, गोरखपुर,‌ वाराणसी, प्रयागराज  में आयोजित किया जा चुका है। लखनऊ में हुए संगीतमय नाटक का आरंभ  प्रशिक्षक अनुराग सिंह द्वारा आर्ट ऑफ लिविंग का परिचय देते हुए किया गया। कार्यक्रम का संचालन अर्चना सतीश द्वारा किया गया। तत्पश्चात कार्यक्रम में दीप प्रतिस्थापन मुख्य अतिथि.मनकामेश्वर मंदिर की पीठाधीश्वर दिव्या गिरी एवं विशिष्ट अतिथि नानक चंद लखमानी, महेंद्र मोदी रिटायर्ड डी जी पी, पवन अग्रवाल एवं मंजू अग्रवाल द्वारा किया गया।इस नाटक की भूमिका एवं मंडली के कलाकारों का परिचय वरिष्ठ आर्ट ऑफ लिविंग शिक्षक तनुज नारायण एवं शिव कुमार श्रीवास्तव द्वारा कराया गया तथा वरिष्ठ शिक्षक प्रदीप पाठक द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। 

इस सफल आयोजन को नमिता उपाध्याय, योगेश शर्मा, राजीव पाठक, विमल खन्ना, नीरज, अंजलि सिंह, अनिकेत, अरूण सिंह,मनीष गुप्ता, सुमन शर्मा, रीतू सक्सेना, सौम्या, निश्चल, उमेश तथा अन्य एपेक्स मेंबर्स, शिक्षक, वालंटियर के सहयोग से सफलता पूर्वक सम्पन्न कराया गया। 


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