पैसे लेकर यात्रा नहीं करने वाले सहेरा प्रांत को उपभोक्ता अदालत ने थप्पड़ मारा?

सुरत से हमारे संवाददाता चंद्रकांत सी पूजारी की एक रिपोर्ट..

नवंबर 2019 के महीने में सहेरा प्रांत यात्रा संघ द्वारा कलकत्ता और गंगा सागर आदि स्थानों पर भ्रमण का आयोजन किया गया था। जिसमें फरियादी (1) भाविन के भावसार, (2) धर्मेश मिस्त्री, (3) मोनेस पटेल, (4) महेशभाई पटेल (5) पंकज भाई पटेल (6) देवांग भावसार आदि ने अपने परिवार के साथ इस यात्रा को बुक किया और यात्रा की। 

साहेर प्रांत संघ के ट्रस्टी के रूप में (1) प्रबंधक रविशंकर चुन्नीलाल पालीवाल (2) मिन रविशंकर पालीवाल (3) अरविन्द अमृतलाल कोठारी, (ट्रस्टी) (4) अशोक सूर्यवंशी। 

(ट्रस्टी) अडाजन सर्किल सूरत.. उल्लेखित सभी पैसे चुका दिए लेकिन जिस तारीख को टूर रवाना होना था उस दिन टूर शुरू नहीं हुआ। 

दो-तीन बार तारीखें बदलीं और फिर दौरा रद्द कर दिया। इसलिए उन्होंने मुख्य वादी के माध्यम से भुगतान की गई कुल राशि वापस करने की मांग की। राशि का भुगतान करने में अनिच्छा से, कोई राशि वापस नहीं की गई या यात्रा नहीं की गई। 

अतः इन सभी वादियों ने उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग सूरत में वादी के वकील जेनीष भावसार, प्रधान न्यायाधीश आर. 1,92,500/- का भुगतान आवेदन की तिथि से राशि की वसूली होने तक 7% प्रति वर्ष की दर से ब्याज के साथ। 

इसके अलावा 5000/- रुपये शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के मुआवजे के रूप में विभिन्न शिकायतकर्ताओं को भुगतान करने का आदेश दिया जाता है।

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