नई शिक्षा नीति युुवाओं के भविष्य का करेंगे निर्धारण

  • प्रेस विज्ञप्ति नई शिक्षा नीति एवं मीडिया विषय पर परीचर्चा का स्थान
  • छात्रों ने कहा नई शिक्षा नीति युुवाओं के भविष्य का करेंगे निर्धारण

अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के जनसंचार और पत्रकारिता विभाग में ’नई शिक्षा नीति एवं मीडिया’ विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। 

छात्रों को संबोधित करते हुए एमसीजे के समन्वयक डॉ0 विजयेन्दुु चतुर्वेदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति देश की सामाजिक, सांस्कृतिक एवं भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। 

यह छात्रों के कौशल विकास पर आधारित है। इसे प्रभावी बनाने में मीडिया की सकारात्मक भूमिका है। 

विभाग के शिक्षक डॉ0 राज नारायण पांडेय ने कहा कि नई शिक्षा नीति केंद्र सरकार द्वारा व्यापक मंथन एवं शिक्षाविदों की सलाह के बाद तैयार किया गया है जो देश के भविष्य की दिशा एवं दशा तय करेगा। विभाग के डॉ0 अनिल कमार विश्वा ने कहा कि नई शिक्षा नीति में स्थानीय भाषा को प्रमुख स्थान दिया गया है। इससे छात्रों में सीखने की क्षमता बढ़ेगी। 

समान परीचर्चा में छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार रखे। जिसमें रोशनी कुमारी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में मीडिया की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो गई है। जनसाधारण के बीच में जनजागरण का कार्य कर रहा है। याशिनी दीक्षित ने कहा कि एनईपी में कौशल विकास पर जोर दिया गया। 

परिचर्चा में तान्या सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति मीडिया के सहयोग से शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आएगी। हिमांशी सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति प्रभावी बनाने के लिए संसाधनों पर जोर देगी। सौरभ मिश्रा ने बताया कि नई शिक्षा नीति छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम करने की दिशा में एक बड़ी पहल है। परिचर्चा में प्रोग्रेस ठाकुर ने बताया कि मीडिया शिक्षा के क्षेत्र में मार्गदर्शन के रूप में कार्य कर रहा है। इसमें शामिल कस्तूरी रंगन का योगदान महत्वपूर्ण है। चंद्रशेखर सोनी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में रोजगार कम करने में सहयोग मिलेगा। सर्वेश द्विवेदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में पाठ्यक्रम को अधिक प्रासंगिक बनाया गया है। शिवानी पांडे ने कहा कि किसी भी विषय को रटने के बजाय समझने पर जोर दिया जाता है। शैलेश यादव ने कहा कि एनईपी में मातृभाषा के विकास पर जोर दिया गया। 

वही परिचर्चा में छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार रखे। जिसमें रोशनी कुमारी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में मीडिया की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो गई है। जनसाधारण के बीच में जनजागरण का कार्य कर रहा है। याशिनी दीक्षित ने कहा कि एनईपी में कौशल विकास पर जोर दिया गया। 

परिचर्चा में तान्या सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति मीडिया के सहयोग से शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। हिमांशी सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति प्रभावी बनाने के लिए संसाधनों पर जोर देना होगा। सौरभ मिश्रा ने बताया कि नई शिक्षा नीति छात्रों पर पुस्तकों का बोझ कम करने की दिशा में एक बड़ी पहल है। परिचर्चा में प्रगति ठाकुर ने बताया कि मीडिया शिक्षा के क्षेत्र में मार्गदर्शक के रूप में कार्य कर रहा है। इसमें चेयरमैन कस्तूरीरंगन का योगदान महत्वपूर्ण है। चन्द्रशेखर सोनी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में बेरोजगारी कम करने में सहयोग मिलेगा। 

नई शिक्षा नीति में पाठ्यक्रमों को ज्यादा प्रासंगिक बनाया गया है। शिवानी पांडे ने कहा कि इसमें विषयों को रटने के बजाय समझने पर जोर दिया गया है। शैलेश यादव कहा कि एनईपी में मातृभाषा के विकास पर जोर दिया गया। सुधांशु शुक्ला ने कहा कि नई शिक्षा नीति में कई बदलाव लाया गया है। 

इसी क्रम में हार्दिक यादव, दिव्याशं यादव, प्रणीता राय ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन मनीषा ओझा व सर्वेश द्विवेदी द्वारा किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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