अस्पष्ट और अस्पष्टता वाले अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई की मांग

एक्शन द स्पॉट 

  • भ्रष्टाचार के रूप में दीमक से मिला भगत और विशिष्ट लेखकों से राहत पाने वाले शासकीय कर्मचारियों को लगातार सफाई पर ध्यान देना चाहिए..
  • अस्पष्ट और अस्पष्टता वाले अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई, लगातार स्पष्ट समय की मांग..
आज हम इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस लेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, एक्शन ऑन द स्पॉट.. 

किशन सनमुखदास भावनानी

वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार भ्रष्टाचार और विशिष्टता हर देश की उन्नति और सुशासन में बाधक बनी हुई है। इन तीन महत्वपूर्ण प्रकरणों पर यदि कड़ी कार्रवाई, समुद्री सीमा पर कार्रवाई और सतत समझौते की नीति अपनाई जाए, तो प्रत्येक देश में इन टिकड़ी पर बहुत जल्द नियंत्रण लाया जा सकता है। यह कार्रवाई उच्च स्तर को लेकर बॉटम स्तर तक हर स्तर के प्रतिवादी चेयरपर्सन द्वारा करने पर न केवल जनता को एक स्पष्ट सुथरा सुशासन का संदेश जाएगा बल्कि ह्यूमिंग तंत्र के सुशासन पर चलने के दूरगामी परिणाम भी होंगे। क्योंकि इस मामले में उनकी कुरसी पर सताया जाएगा कि कुछ भी विशिष्ट या विशिष्ट है, तो यह भविष्य के लिए ठीक नहीं है कि उनका पद जा सकता है और सामाजिक स्तर पर बदनामी अलग होगी,चूंकि दिनांक 3 दिसंबर 2022 को एमपी के सीएम मंडला डिंडोली गांव में औचक निरीक्षण कर रहे अधिकारी छह अस्पष्टता और अनुकूलता के संबंध में सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए वीडियोज पूरा मीडिया में आज दिनभर वायरल होते हैं और टीवी चैनलों पर भी इसकी चर्चा हुई दिनभर रही। 

हम समानता और विशिष्टता करते हैं तो इसका जड़े ही भ्रष्टाचार से आता है जिसके दम पर ही दोनों होते हैं। अनिल कपूर की फिल्म के नायक का विवरण आज एमपी में छप कर सामने आया। इस वजह से उनका तेवर आजकल कुछ अलग ही आ रहा है। मंच से जानकारी को सपेंड करते हैं। विज्ञान और किसानों के बीच हो जाते हैं। सीधे नंबर और बड़े अधिकारी भी होते हैं। 

शनिवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ। पहले तो बैतूल के चार अधिकारियों को निलंबित किया गया। उसके बाद उसका गंतव्य बिना हेलिकाप्टर के सवार हो जाए। अचानक कहा कि डिंडौरी घूम रहा है। फिर क्या था दिंडौरी के शाहपुरा में सीधे उतरा। 

वास्तव में और किसानों से मिलते हैं। यहां से सीधी वे सड़क मार्ग से बेलगांव मध्यम सिंचाई परियोजना (बिलगढ़ा) बांध पहुंच गए।अपने फैसले को सुना और दर्ज किया गया, विशेष रूप से, स्टेटो बेलगांव, शाहपुरा शाला बड़ाझर टेबल बालक घोड़ी अधीक्षक, बीज वितरण में जुड़े दायित्वों पर कृषि और मंडला अस्पताल जिला सिविल सर्जन को सस्पेंड करने की फरमान भी जारी किया। वहीं, सीएम ने अच्छा काम करने वाले अधिकारिता से भी सम्मानित किया। 

इसके पूर्व में भी इस तरह की कार्रवाई स्पॉट की कार्रवाई बहुत जगह पर अटक गई है जिसका नाम देश के हर चार्ट से लेकर जिलाधिकारी और जिला परिषद से लेकर ग्राम पंचायत तक को लेने की जरूरत है, तो फिर क्या! मेरा भारत फिर सोने की चिड़िया बनीगी। 

रिश्वतखोरी और जाति के कानूनी ढांचे की तो, हर स्थिति की एक प्रक्रिया होती है,  लेकिन प्रत्येक अधिकृत प्रागी को उनके अधीर कार्य करने वाले कर्मचारियों की रूपरेखा और विशिष्ट लेखकों के निचले स्तर के आधार पर कार्रवाई करने की भेदभाव पूर्ण शक्ति है। कई बार स्वयं का नाम लेकर भी कार्रवाई करने का अधिकार होता है। पिछले दिनों हमने टीवी चैनलों पर देखा कि एक मंत्री द्वारा एक मंच पर एक उच्च अधिकारी से सवाल का जवाब देने पर वह अधिकारी मंच से उठकर चला गया। 

हम अक्सर देखते हैं कि कई शासकीय कर्मचारी सघन होते हैं, लेकिन रिश्वत अधिनियम और उससे संबंधित दायित्वों की बाध्यताएं नहीं होती हैं, जिसके कारण कई लीकेज की वजह से न केवल कर्मचारियों को छूट मिलती है, बल्कि उन्हें उस अवधि की देयता भी मिलती है। 

एक रिपोर्ट के अनुसार सजा के प्रतिशत वैसे भी बहुत कम स्तर पर है। इसलिए शिकायत में संशोधन कर सख्ती लाना जरूरी है। जिस तरह आम जनता सहित हर क्षेत्र के लिए कानून में सख्ती इतनी नहीं है, लेकिन अब उसका एक कदम आगे बढ़ा है, उसके झंडे को और सघन करने की जरूरत है।

पिछले दिनों सीवी द्वारा आयोजित जागरूकता जागरूकता कार्यक्रम कार्यक्रम में शामिल हुए हैं, तो चार्ज के होश से उन्होंने भी कहा था, रिश्वत के खिलाफ सरकार जो इच्छा शक्ति दिखा रही है, वैसी ही सभी में भी दिखने की जरूरत है। 

विकसित भारत के लिए हमें एक ऐसा आपस में जुड़ा हुआ इको सिस्टम विकसित करना है, जो भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस रखता है। ये आज सरकार की नीति में, सरकार के दृष्टिकोण में, सरकार के दस्तावेजों में, आप हर जगह पर नजर डालेंगे। लेकिन इसी तरह हमारी जंक व्यवस्था के डीएनए में भी चेहरे से उभरना चाहिए। 

एक भावना यह है कि जो अधिकारी अधिकारी होते हैं, उनके कार्य के विरुद्ध, चाहे वो आपराधिक हो या फिर विभागीय शब्द तक जारी रहता है..

क्या हम रिश्वत से संबंधित अनुशासनात्मक कार्यवाही को मिशन मोड में, एक अवधि तय करके पूरा कर सकते हैं? क्‍योंकि लटकती तलवार उसे भी परेशान करती है। अगर वो निर्दोष है, और इस चक्र में आ गया तो उसे इस बात का बड़ा जीवन भर दुख रहता है कि मैं प्रमाणिकता से जीवन जी और पकड़ा और फिर फैसला नहीं कर रहा हूं। जिसने अपना नुकसान किया वह अलग है, लेकिन जिसने नहीं किया वह सरकार के लिए और जीवन के लिए लटकी हुई तलवार के कारण हर तरह से खराब हो जाता है। 

अपने ही साथियों को इस तरह लंबे समय तक लटके रहने का क्या फ़ायदा है। इस तरह से जितने पहले उतने ही प्रारंभिक निर्णय होंगे, उतनी ही प्रशासी व्यवस्था में अधिकता होगी, उनकी शक्ति निर्धारित की गई है। जो भी आपराधिक मामले हैं, उन पर तुरंत कार्रवाई की जा सकती है, उनकी लगातार निगरानी की आवश्यकता है। एक और काम जो किया जा सकता है, वह घपले के मामलों के आधार पर टैक रैकिंग कर रहा है। अब इसमें स्वच्छता के लिए भी शामिल हैं जैसे हम अभियान करते हैं, इसमें भी शामिल हैं। 

देखें कि कौन सा विभाग इसमें उदासीन है, क्या कारण है। और कौन सा विभाग है जो बहुत तेजी से इस समस्या को ग्रेविटास से आगे बढ़ा रहा है। और इससे जुड़ी रिपोर्ट का मासिक या तिमाही प्रकाशन, अलग-अलग मंडलों को रिश्वत के खिलाफ चल रहे मामलों को फास्ट से फाइल के लिए प्रेरित करेगा। किसी भ्रष्टाचारी को राजनीतिक सामाजिक शरण में ना मिले, हर भ्रष्टाचारी समाज को कठघरे में खड़ा किया जाना चाहिए, यह माहौल बनाने की भी जरूरत है। 

मैंने देखा है कि जेल की सज़ा सुनाए जाने के बाद भी भ्रष्टाचार साबित हुआ और कई बार भ्रष्टाचारियों का गौरव बढ़ा है। मैं तो देख रहा हूं, ऐसी ईमानदारी का ठेका ले कर घूमने वाले लोग उनके साथ जा कर ऐसे हाथ पकड़कर फोटो निकालने में शर्म नहीं दिखाते। 

करप्शन पर निगरानी के लिए हम समाज की भागीदारी, सामान्य नागरिक की भागीदारी को और अधिक बढ़ावा कैसे दे सकते हैं, इस पर भी काम किया जाना चाहिए। इसलिए रिश्वत चाहे कितना भी बल क्यों ना हो, वो किसी भी हाल में बचना नहीं चाहिए, ये आप जैसे काम करने की जिम्मेदारी है। लेकिन आपका सक्रिय इस दृष्टि से ये अभियान बिल्कुल छाया है कि बच्चों के मन में भ्रम के प्रति एक द्वेष प्रकट होना चाहिए। जब तक गंदगी के खिलाफ द्वेष पैदा नहीं होता है, तब तक स्वच्छता की महत्वपूर्णता पूर्ण समझ नहीं आती है। और फ्रेंचाचारों अस्पष्ट अस्पष्ट, संपूर्ण व्यावसाय को चरमरा देता है जी। 

.. और मैं जानता हूं, इस पर बार-बार सुनता हूं, बार-बार कहता हूं, बार-बार देखता हूं ..

इसलिए यदि हम संपूर्ण विवरण का विश्लेषण करते हैं और उसका विश्लेषण करते हैं तो हम फोटोग्राफी पर कार्रवाई करेंगे। रिश्वत के रूप में दीमक से राहत पाने के लिए तानाशाह कर्मचारी लगातार सख़्ती हो। दोषी और अलंकारिता वाले कर्मचारी अधिकारी तुरंत कार्रवाई के लिए लगातार सख़्ती समय की मांग करते हैं।

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