आऊटसोर्सिंग कर्मचारियों को जीने लायक वेतन दिया जाए

 

प्रदेश के निकाय कर्मचारियों में भारी आक्रोश आन्दोलन की घोषणा -शशि मिश्रा

प्रमुख संवाददाता

लखनऊ। महासंघ प्रदेश के निकाय कर्मचारियों की सेवा सम्बधी, पुरानी पेशंन बहाली व अन्य समस्याओं के समाधान हेतु गत वर्षो से लगातार धरना, प्रदर्शन, ध्यानाकर्षण आन्दोलन एवं समय समय पर प्रेषित पत्राचार के माध्यम से मुख्यमंत्री नगर विकास मंत्री सहित मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव कार्मिक, वित्त एवं प्रमुख सचिव नगर विकास, निदेशक स्थानीय निकाय सहित प्रदेश की सभी नागर निकायों को अवगत कराता चला आ रहा है। 

परन्तु खेद है कि प्रदेश सरकार व शासन द्वारा गत  सरकार के 5 वर्ष के कार्यकाल व वर्तमान सरकार के लगभग 9 माह के कार्यकाल में  निकाय कर्मचारियों की समस्याओं पर न ही कोई बैठक की गयीं, और न ही किसी भी समस्या का समाधान करने की सकारात्मक पहल, जिससे प्रदेश के निकाय कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त होना स्वाभाविक है। महासंघ अपनी प्रदेश की कार्यकारिणी व समस्त सहयोगी संगठनों की आम सहमति पर अब आन्दोलन की तैयारी कर एक बृहद आन्दोलन करने की रणनीति बनायी है, जिसमें प्रदेश की समस्त निकायों का जनवरी माह 2023 में भ्रमण व आन्दोलन की रूपरेखा तैयार कर फरवरी माह 2023 में निर्णायक आन्दोलन करेगा।

महासंघ का स्पष्ट मत है कि प्रदेश सरकार व शासन निकाय कर्मचारियों की मौलिक अधिकारो व सेवा सम्बधी जो लाभ कर्मचारियों को समय रहते अब तक मिल जाना चाहिए, वह भी नहीं दे रही है, जिससे प्रदेश के निकायों के ऐसे सम्वर्ग जैसे- लिपिक, राजस्व, कम्प्यूटर, चालक, सफाई कर्मचारियों के साथ साथ दैनिक वेतन, संविदा, धारा 108, एवजदार कर्मचारियों का विनियमतीकरण व सेवा से पृथक कर्मचारियों की बहाली, आऊटसोर्सिंग कर्मचारियों को जीने लायक वेतन, समय से वेतन, भत्ते, पेशंन व छठवें वेतन मान से व्याप्त वेतन विसंगति, सातवें वेतनमान का अवशेष, अकेन्द्रीयत कर्मचारियों की सेवा नियमावली आदि बहुत सी समस्याओं का समाधान एक लम्बे समय से नगर विकास व वित्त विभाग की हीलाहवाली से यथावत लम्बित है। 

महासंघ का यहां यह भी मानना है कि इन परिस्थितियों में यदि निकाय कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान प्रेषित पत्र को संग्यान लेकर होने वाले निकाय चुनाव के पूर्व नहीं निकाला गया तो वर्तमान सरकार को निकाय चुनाव में बहुत बडी क्षति उठानी पडेगी। उपरोक्त आन्दोलन से आम जनमानस को होने वाली परेशानियों व क्षति की समस्त जिम्मेदारी प्रदेश सरकार व शासन की कर्मचारी विरोधी कार्यप्रणाली की होगी।

टिप्पणियाँ