समस्या का अंतिम हल माफ़ी -कर दो या मांग लो

"माफी" - क्षमा करें

मुझे माफ़ करो - मैं माफ़ी माँगता हूँ - यह मेरी गलती है

  • माफ़ी वाला छोटा या बड़ा नहीं होता..
  • पर माफ़ी देने वाले का दिल बहुत बड़ा होता है..
  • क्षमा दान महादान..

वैश्विक स्तर पर भारतीय सभ्यता, संस्कृति, मूल्य मर्यादा और आध्यात्मिकता की सतर्कता दुनिया में कहीं नहीं है हमारी सभ्यता के कई पापों में से एक माफ़ी मांगना है बड़े रोधक का कहना है जो माफ़ करता है पुरानी बातों को भूल जाता है वही सबसे बड़ा दानी है क्योंकि क्षमादान जैसा कोई दान नहीं यह वैचारिक शक्ति है भारतीय सभ्यता की!! 

हमारे आज के विषय पर खेद की करें तो, क्षमा करने के उदास नियम के साथ-साथ एक पहलू यह भी है कि हमसे अगर गलती हो जाए तो हमें शांत स्वभाव से अपनी गलती को स्वीकार करना चाहिए और माफ़ी मांगनी चाहिए, क्योंकि हमेशा याद रखें कि जोखिम से रिश्ते हमेशा मजबूत होंगे, दो लोगों के बीच कभी-कभी बैर नहीं होगा। माफ़ी करने या जोखिम लेने की आदत से यह मंजूर होता है कि व्यक्ति दच्छों के दावों में संबंधों को अधिक अहमियत देता है। 

मानव जीव में क्षमा भाव की करें तो, क्षमा भाव जिसमें यह विकसित हो जाता है, वह व्यक्ति समाज में आदरणीय माना जाता है। किसी को किसी की भूल के लिए क्षमा करना और आत्मग्लानि से मुक्ति पाना एक बहुत बड़ा परोपकार है। कितना आसान है किसी से अपनी गलती की जोक मांगना और उससे भी ज्यादा आनंद मिलता है, जब वह व्यक्ति मुझे माफ कर देता है। क्षमा का शस्त्र जिसके पास है, उसका दुष्ट मानव कुछ नहीं मर सकता। जिस तरह बिना टिनकों की पृथ्वी पर गिरकर अग्नि स्वयं ही शांत हो जाती है।

हम ग्लानि की स्थिति की स्थिति में हैं, यदि हमसे प्रत्यक्ष गलती हो गई है तो ग्रेविटास से क्षमा मांगें। कोई स्पष्टीकरण नहीं, हमारी गलती से वह दूर है और हमारे कारणों को समझने की स्थिति में नहीं है। उसे पहले शांत कर सामान्य स्थिति में देखें। दिल से गई मजाक से स्थिति सामान्य हो जाएगी। यह हमारा बड़प्पन भी होगा कि जो व्यक्ति हमारे कारण दुखी है और मैं अपनी गलती स्वीकार कर उसे सामान्य होने में मदद कर रहा हूं। फिर हानि या असुविधा की खोज के लिए प्रयास करें। 

बेरोजगारी की स्थिति में समय बर्बाद करने की बजाय विकल्प चुनें। इस तरह हम अपनी क़ाबिलियत के बावजूद सम्मान प्राप्त करेंगे। अन्यथा भावनाओं की अभिव्यक्ति से आप हमेशा तनाव में रहेंगे, जो आपको समाधान से दूर और गलत ले जाएगा। अगर हम क्षमा देने की करें तो, कमजोर व्यक्ति कभी क्षमा नहीं कर सकता, क्षमा करना तो शक्तिशाली व्यक्ति का गुण है। 

..जो पहली क्षमा मांगता है वह सबसे बहादुर है..

..और जो सबसे पहले क्षमा करता है वह सबसे ताकतवर है..

शास्त्रों में कहा गया है कि क्षमा वीरों का आभूषण है। बाणभट्ट के हर्षचरित में उल्लेख किया गया है कि क्षमा सभी तपस्याओं का मूल है। महाभारत में कहा गया है कि क्षमा करें असंगत संबद्ध गुण और समर्थ दिनांक का जेवर है।' श्री गुरु ग्रंथ साहिब का वचन है- क्षमा को रोग नहीं सता और न ही यमराज डरता है। 

हम खेद में मिश्रण से हानि की स्थिति में हैं तो विशेषाधिकार परिवार झगड़ों में हम देखते हैं कि पति की पत्नी से झगड़ा हो गया है। उनके बीच कोई समस्या हो सकती है, जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। चूंकि पत्नी का मूड खराब है तो वह बेटे पर गुस्सा करती है। बेटे पर मां मामूली-सी बात पर चिल्लाती है तो वह अपने साथियों से लड़ती है और हम जितनी ज्यादा कल्पना कर सकते हैं उतनी ही कहानी को विस्तार दे सकते हैं। ये यदि समस्या के स्रोत की दिशा में हो तो भी यह उसे व्यवस्थित करने के बजाय बड़ा बना देता है। लुकाछिपी बड़ी समस्या है, क्योंकि कोई भी जोक मांगे इसके बजाय जुड़े हुए विस्फोट के कारण ठीक में हमें ही जोकिंगी हो सकता है। 

हम गलतफहमी में अफसोस और ऐसी गलती दोबारा नहीं करेंगे, मुझे अफ़सोस है, इन तीन छोटे शब्दों के बिना मजाक वास्तव में मजाक नहीं है। उनका उपयोग करने से हम इसकी कल्पना कर सकते हैं कि हम वास्तव में उस समस्या को उत्पन्न करने के लिए पछताते हैं जिसने शिकायत की थी। इन शब्दों के साथ अनुरोधों से हमें यह संकेत मिलता है कि हम असफल हो गए हैं, जो कुछ हुआ है उसके लिए जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं। 

पक्का करेंगे कि ऐसा दोबारा न हो, यह समझाते हुए कि जो हुआ अब आगे हमेशा एक अच्छा विचार होगा, भविष्य में गड़बड़ी से मुक्त रखने के लिए हम जो कुछ भी बदलने की योजना बना रहे हैं उसे रेखांकन करके सफलता पर निर्माण करना सबसे अच्छा है।

हरकत की व्यवहारिकता की करें, यदि हम हैं, आंशिक रूप से भी गलत, किसी की मांग करने से पहले क्षमा मांगना बेहतर है। क्षमा करना उन लोगों को हल करने में मदद कर सकता है जिन्हें हल करना सामान्य शब्दों के लिए बहुत कठिन है। आक्रोश की जातिता इसमें शामिल लोगों की संस्कृति पर टिक जाती है। 

शर्म की संस्कृति में, एक उच्च स्थिति वाले व्यक्ति से जबरन जोक मांगना एक बहुत ही वैधानिक चीज के रूप में देखा जाता है, क्योंकि सम्मोहक रूप से किसी व्यक्ति के सामाजिक महत्व को एक महत्वपूर्ण कार्य के रूप में देखा जाता है

मैनर्स से स्टीकर करने का मानक नहीं है, यह एक ऐसा मानक है जिसका आप पालन करते हैं। यह कहना कभी आसान नहीं होता, क्षमा करें। लेकिन कभी-कभी, गलती के लिए जोक मांगना ही आपकी प्रतिष्ठा की रक्षा करने का एकमात्र तरीका है।

  1. क्षमादान महादान है..
  2. क्षमा के बराबर कोई दान नहीं है..
  3. गलती करना मानवजाति है..
  4. क्षमा करना ईश्वरीय गुण हैं..
  5. क्षमा खुशनसीब है..
  6. अहंकारी बदनसीब हैं..

इसलिए यदि हम संपूर्ण विवरण का विश्लेषण करते हैं और उसका विश्लेषण करते हैं तो हम करेंगे कि मुझको भैयाजी द्वारा क्षमा किए जाने से गलती हो गई। गलती हो जाने पर क्षमा मांगना हर समस्या का समाधान है। यदि हमसे प्रत्यक्ष कोई गलती हुई है तो ग्रेविट से क्षमा मांगना हमारा बड़प्पन होगा और सम्मान के बावजूद हमारी जिम्मेदारी, गारंटी प्राप्त होगी। 

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