डी यू का वैश्विक अध्ययन केंद्र करेगा अब गुजरात का चुनावपूर्व सर्वेक्षण

चंद्रकांत सी पूजारी

दिल्ली विश्वविद्यालय के वैश्विक अध्ययन केंद्र ने 14 नवंबर 2022 को अपने सभी छात्रो, अध्यापकों व शोधार्थियों के साथ चुनाव कार्यशाला का आयोजन कर सी जी एस समीक्षाः गुजरात विधान सभा की शुरुआत कर दी है। 

समीक्षा श्रृंखला के तहत, केंद्र ने पहले भी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, पश्चिम बंगाल असम दिल्ली नगर निगम, पंजाब और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में सभी जिलों, निर्वाचन क्षेत्रों और वार्डों को कवर करते हुए काफी सफल सर्वेक्षण किए हैं। केंद्र के निदेशक प्रो. सुनील के चौधरी का कहना है कि यह पहली बार है जब डीयू के छात्र गुजरात विधानसभा चुनाव का सर्वेक्षण करेंगे। इससे पहले केंद्र ने 7 चुनाव सर्वेक्षण कराए हैं जिनमे से 2017 में केंद्र ने 83 हजार सैंपल लेकर उत्तर प्रदेश का सर्वे किया था। 

यह केंद्र का आठवाँ सर्वेक्षण है, जो ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों प्रकार से कराया जाएगा। 

इस परियोजना को अधिक समावेशी और समग्र अभ्यास बनाने के लिए डीयू के विभिन्न कॉलेज व अन्य विश्वविद्यालयों के लगभग 200 छात्रों को जोड़ा जाएगा, जिनमे एम ए, एमफ़िल व पीएचडी के शोधार्थी भी सम्मिलित होंगे जिनकी एक टीम 27 नवंबर 2022 को गुजरात के प्रथम चरण के जिलों में जा रही है। जिसके पश्चात 30 नवंबर 2022 को दूसरे चरण के सर्वेक्षण किए जाएँगे।

इससे पहले केंद्र ने हाल ही में हुए हिमाचल प्रदेश के चुनावों का सफल सर्वेक्षण कर एक नया आयाम कायम किया है, इस सर्वेक्षण में दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजो जैसे कि भारती कॉलेज, अदिति महाविद्यालय, श्याम लाल कॉलेज, इत्यादि  एवं हिमाचल प्रदेश के विभिन्न विधानसभाओ के कुछ इस्थानिय विश्वविद्यालयो न बढ़चढ़कर हिस्सा लेकर इस सर्वेक्षण को सफल बनाया है, साथ ही केंद्र की और से कुछ शोधार्थी ऑफलाइन सर्वेक्षण करते हुए राज्य के अलग अलग जिलों जैसे कि मंडी, कांगरा, शिमला, बिलासपुर, हमीरपुर,कुल्लू इत्यादि मै भी गए, इस सर्वेक्षण के माध्यम से यह निकलकर आया है कि हिमाचल की राजनीति मै इस बार नए परिवर्तन देखे जा सकते है, प्रदेश में मतदाता अब मद्दुों पर अधिक बल देकर नए परिवर्तन जैसे कि नए अस्पताल, विश्विद्यालय, अच्छी शिक्षा, बेरोजगारी का समाधान, विकास एवं अभिशासन चाहता है। 

यहाँ पर कुछ वर्ग ऐसे भी पाये गए जिनको साइलेंट वोटर्स कहा जा सकता है, जिसमें की महिलाओं की संख्या अधिक नज़र आई, इस प्रकार हिमाचल की राजनीति को ऑफलाइन एव ऑनलाइन सर्वेक्षण के माध्यम से सफल रूप से अध्ययन किया गया।

वस्तुनिष्ठ एवं वज्ञानिक तरीके से अब तक किए गए  सर्वेक्षण शोधकर्ताओं द्वारा एक स्वतंत्र और स्वायत्त सर्वेक्षण रहे हैं  जिसका एक आधार समग्रता भी रहा। जो ऑफ़लाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से आयोजित किये गये है। 

इसी कड़ी मैं केंद्र द्वारा गुजरात विधानसभा चुनाव सर्वेक्षण एक सावधानीपूर्वक नियोजित और उद्देश्यपूर्ण अभ्यास है जो युवा शोधकर्ताओं के सेफोलॉजिकल अभिविन्यास  को नई ऊँचाइयाँ देगा

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