लखनऊ में भारत का पहला साहिबजादा पार्क बनने का रास्ता साफ



चार साहिबजादों के अद्वितीय बलिदान को अब अगली पीढ़ी भी स्मरण कर राष्ट्र भाव से ओत प्रोत होगी -संयुक्ता भाटिया

प्रितपाल सिंह

लखनऊ। भारत का प्रथम ऐतिहासिक साहबजादे पार्क के निर्माण का रास्ता हुआ साफ, नगर निगम लखनऊ और रेलवे डी.आर.एम. लखनऊ के मध्य हुआ एम.ओ.यू को लखनऊ लालबाग स्थित नगर निगम मुख्यालय में ऐतिहासिक सहबजादे पार्क के लिए नगर निगम और रेलवे के मध्य एम.ओ.यू (Memorandum Of Understanding) पर हस्ताक्षर हो गए।  

महापौर संयुक्ता भाटिया के नेतृत्व में नगर निगम ने गुरु गोविंद जी के चार साहिबजादों के बलिदान को नमन करते हुए उनकी शहादत को अगली पीढ़ी तक स्मरण कराने के उद्देश्य से साहिबजादा पार्क बनाने की घोषणा की थी। महापौर के प्रयास से साहिबजादो के अद्वितीय बलिदान को स्मरण करते हुए मुख्यमंत्री ने भी मुख्यमंत्री आवास पर चार साहिबजादा दिवस मनाया था।

चार शहीबजादों के इस अदम्य साहस और त्याग को इतिहास में उचित स्थान दिलाने के ही उद्देश्य से लखनऊ में आलमबाग स्थित गुरुद्वारा के पीछे जमीन पर साहिबजादा  पार्क बनाने का निर्णय महापौर संयुक्ता भाटिया द्वारा सिख समाज की मांग पर लिया गया था। लेकिन वह जमीन रेलवे की होने के कारण नगर निगम उसमे निर्माण कराने में असमर्थ था। 

महापौर के प्रयास से रेलवे के अधिकारियों से कई स्तर की वार्ता के बाद रेलवे और नगर निगम के मध्य यह सहमती बनी की इसके सौंदर्यीकरण निर्माण सहित रख रखाव हेतु नगर निगम लखनऊ को हैंडओवर किया जायेगा, सहमती बनने के पश्चात आज नगर निगम लखनऊ और डी.आर.एम लखनऊ के मध्य एम.ओ.यू पर हस्ताक्षर हुए।

इस समझौते के पश्चात लखनऊ में भारत का पहला साहिबजादा पार्क बनने का रास्ता साफ हो गया  जिसका शिलान्यास जल्द ही सुनिश्चित हो जाएगा।

इस अवसर पर महापौर ने रेलवे के अधिकारियों एवं सिख समाज से आए प्रतिनिधियों को धन्यवाद देते हुए कहा की  प्रधानमंत्री एवं  मुख्यमंत्री की प्रेरणा से इस ऐतिहासिक साहिबजादा पार्क के निर्माण का रास्ता साफ हो गया। इस पार्क के बन जाने के बाद हमारी अगली पीढ़ी भी चार साहिबजादों के अतुलनीय बलिदान को स्मरण कर पाएगी एवं प्रेरणा लेकर राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव से युवा पीढ़ी में अपने देश से अपने धर्म से अपने वतन से प्रेम करने का भाव निर्माण हो सकेगा। 

महापौर ने बताया कि साहिबजादों ने अपनी वीरता और अपने आदर्श से एक ऐसा उदाहरण प्रस्तुत कर दिया जो आज भी हर किसी के लिए अनुकरणीय है। 

गुरु गोविंद सिंह के चारों साहिबजादों ने इस देश की खातिर, अपने धर्म की खातिर हंसते-हंसते अपना बलिदान कर दिया, लेकिन उन्होंने अन्याय के आगे कभी भी झुकना स्वीकार नहीं किया। महापौर ने आगे कहा कि गुरु गोविंद सिंह के चारों साहिबजादों की शहादत को जितना भी नमन किया जाए वह कम ही होगा। वास्तव में इन चारों साहिबजादों के बलिदान की यह कहानी युवा पीढ़ी को अपने देश से अपने धर्म से अपने वतन से प्रेम करने का संदेश देती है। 

प्रधानमंत्री जी ने भी साहिबजादों के बलिदान दिवस को 'वीर बाल दिवस' मनाने की घोषणा की है।

इस शुभ अवसर पर महापौर संयुक्ता भाटिया संग रेलवे से DRM डी.आर.एम. लखनऊ सुरेश सप्रा, ADRM जयंत कुमार चौधरी के साथ Sr DEN नीरज शुक्ला और नगर निगम से नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, अपर आयुक्त अभय कुमार पाण्डेय, अपर आयुक्त यमुना धर चौहान सहित सिख समाज से आलमबाग गुरुद्वारा के अध्यक्ष सरदार निर्मल सिंह, प्रबंधक सरादर मनप्रीत सिंह बढेरा, सरदार सुरेन्दर सिंह बक्शी अध्यक्ष गूंज (सिख वॉयस) आदि उपस्थित रहे।

टिप्पणियाँ