मनरेगा में प्रधान और रोजगार सेवक लगा रहे फर्जी हाजिरी
प्रधान और ग्राम रोजगार सेवक के परिजनों को ही मिला 100 दिन का रोजगार लेखराम मौर्य
लखनऊ । प्रधान और ग्राम रोजगार सेवक मिलकर मनरेगा में फर्जी हाजिरी के जरिए लाखों का घोटाला कर रहे हैं यही नहीं प्रधान अपने भाइयों और ग्राम रोजगार सेवक अपने चाचा और भतीजे की फर्जी हाजिरी लगाकर लगातार भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है।
ऐसा ही एक मामला राजधानी के विकासखंड काकोरी की ग्राम पंचायत कुशभरी का प्रकाश में आया है जहां वर्तमान ग्राम प्रधान जगदीश लगातार दूसरी बार प्रधानी का चुनाव जीते हैं इसके अलावा गायत्री देवी ग्राम रोजगार सेवक के पद पर तैनात हैं इसलिए ग्राम प्रधान पिछले कार्यकाल से इस वित्तीय वर्ष के शुरू होने के समय तक खेतों की मीट बंदी और संपर्क मार्गों के मरम्मत के कार्य में ग्राम प्रधान के सगे भाई गुड्डू और सुरेश की फर्जी हाजिरी लगाई गई है वही ग्राम रोजगार सेवक गायत्री देवी अपने चाचा रामजीवन एवं राजाराम तथा रामजीवन के लड़के सर्वेश की हाजिरी लगाती हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रधान के भाई कभी मजदूरी करने नहीं जाते हैं इसी प्रकार रोजगार सेवक के चाचा राजाराम के खेत में मेड़बंदी कराई गई है जिसमें राजाराम ने काम नहीं किया यह इस बात का सबूत है कि राजाराम जब अपने खेत में काम नहीं कर सकते हैं तो दूसरी जगह मजदूरी करने क्यों जाएंगे।
यह प्रकरण 2019- 20,2020 -21,21-22 के हैं। यहां सबसे दिलचस्प मामला यह है कि जो लोग काम करने जाते हैं उनको वित्तीय वर्ष में 100 दिन का रोजगार नहीं मिला जबकि प्रधान के भाई गुड्डू और ग्राम रोजगार सेवक के चाचा रामजीवन को ही 100 दिन का रोजगार मिला।
गांव के अन्य मजदूरों ने बताया कि प्रधान और रोजगार सेवक के परिवार के जिन सदस्यों की हाजिरी लगाई गई है वह लोग कभी मजदूरी करने नहीं जाते हैं।
अब तक इस तरह से प्रधान के दर्जनों चहेतों की फर्जी हाजिरी लगाई गई हैं इसके अलावा पूर्व में तैनात रहे ग्राम पंचायत अथवा ग्राम विकास अधिकारी के कार्यकाल में इस तरह का काम किया गया है और उन्हीं के कार्यकाल में भ्रष्टाचार किया गया है।
वर्तमान सचिव की तैनाती कुछ ही महीने पहले की गई है इसलिए उनसे कोई मतलब नहीं है। इस संबंध में जब प्रधान और ग्राम रोजगार सेवक से संपर्क किया गया तो उन्होंने बात करने से इंकार कर दिया।
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