वाह रे उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन वाह!

  • लो एक और अभियांता चढा दबाव और तनाव की भेट?
  • क्या अब जागेगा अभियंता!

लखनऊ कल 19 नवंबर को मुख्य अभियंता मिर्जापुर के अकस्मात निधन की दुखद खबर मिली। बड़े ही गड़बड़ी व हसमुख स्वभाव के धनी व्यक्ति थे पूरे दिन सोशल मीडिया पर तरह से शोक संदेश लोग दे रहे थे और चर्चा कर रहे थे कि अध्यक्ष पावर कारपोरेशन और प्रबंध निदेशक पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम द्वारा उन विभागीय कार्यों को सुबह सुबह वीडियो कांफ्रेंस के भाध्यम से अत्याधिक मासिक प्रतारणा दी जा रही थी और शाम तक एक पत्र भी सोशल मीडिया पर चल रहा है जिसकी स्थिरता नहीं हो पा रही है क्योकि पत्र उनकी पत्नी की तरफ से पुलिस को लिखा गया था लेकिन उस पर किसी की हस्ताक्षर नहीं है पत्र में आरोप लगाया जा रहा था कि अध्यक्ष पावर कार्पोरेशन एंड मैनेजमेंट पूर्वांचल द्वारा अत्यधिक काम का दबाव बनाया जा रहा था जिसके कारण ही मुख्य अभियंता की मृत्यु हुई है। 

वैसे राजा बाबू एक निहायती सजीव व्यक्ति के धनी थे यह मै तो भी व्यक्तिगत रूप से भी कह सकता हूँ मेरी भी कई मीटे उन मध्यांचल व्यक्ति के समय हुई थी लेकिन एक सच्चाई पाठ को के प्रकार चाहता हूँ कि पावर कार्पोरेशन मे यह पहली मौत नहीं है।  

कार्पोरेशन मे इन बड़का बाबूओ के द्वारा प्रताड़ित व्यक्ति और भी हुए थे ऐसे ही एक और नौकरी वाले व्यक्ति थे पूर्व प्रबंधन निदेशक मध्याचल व निदेशक कार्मिक प्रशासन उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन पैराडाइज वासी एस पी पाण्डेय जी वो भी तो दिन मे मिले अपमान को सह न पोटर्िंग हुए उस दिन जल्दी घर गए थे और उनका भी वही दिल का दौरा आया था जो तीन तीन एक के बाद वह पहले शिकार हुए थे इन बड़का बाबूओ के अहंकार के ऐसी चर्चा तब भी हुई थी

पूर्व मे एक विशेषज्ञ जोडी था बड़ा बाबूओ की जिसने इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की शुरुआत की थी और इस जोड़ी में एक सिविल डिवीजन के विशेषज्ञ और एक कानून की शक्तिभवन भवन में चर्चा रहती थी उनके कारनामो के आने वाले दिन अभियंताओ को कॉल कर सार्वजनिक रूप से बेज्जत करना तो सिविल विशेषज्ञों की पसंद थी। 

उस समय यह ही नहीं पा रहे थे कि इन बड़का बाबूओ से कैसे व्यवहार किया जाऐ क्यो कि अभी तक एक अभियंता ने प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन पद से लेटटाइम शासन चलाकर इस्तीफा दिया था अभियंता वर्ग तो अभी नीद से जाग भी नहीं पाया गया और सार्वजनिक रूप से उनका अपमान किया जा रहा था, उसी दौरान एक बड़े धोखे की चर्चा होने की संभावनाएँ धीरे-धीरे परेशानी की सच्चाई बन जाती हैं और पूर्व प्रबंधन निदेशक उस समय के वर्त्तमान निदेशक वित्त पूछताछ के बंधन से ले जा कर जेल जा रहे थे डाला गया है पूरा प्रदेश कार्यबिष्कार से हिल जाता है शक्तिभवन मे घरना दिया जा रहा है। अभी बिल्कुल ठंडे बस्ते में है क्यो धोते किटाले की आच अब बडका बाबू तक पहुचने लगी थी। 

वैसे एक मामला मुझे और याद आ रहा है एक बार निदेशक वित्त मंत्री इन बड़का बाबूओ द्वारा बार-बार अनदेखा ना सह वापस लेने के कारण अपना त्यागपत्र भी लिख रहे हैं, फिर उन लोगों ने संदेश दिया और फिर त्याग पत्र वापस हुआ लेकिन अच्छा हुआ त्यागपत्र स्वीकार हो कम से कम इतनी लंबी जेल मे तो नहीं रहते। 

ऐसे कई उदाहरण मेरी स्मृति में बहुत पडे हैं बहुत मेहनत से अब सब बिजली कर्मियों को जागे की जरूरत है और अपने हक की आवाज उठाई है लेकिन याद रहे सन् 2000 वाला हाल नहीं होना चाहिए। वैसे कुछ लोग है जो सब कुछ जानते हुए भी अंजान बने रहे थे पता नहीं क्यों? 

ऐसा लगता है कि शायद किसी लड़की की खनक ने या स्वार्थी ने मुहं खोला है। जबकि जनहित में एक सामाजिक कार्य करने वाले सस्था के शपथ उच्च इलाहाबाद मे इस अवैध नियुक्ति के खिलाफ जनहित में दो जनहित याचिका रखी गई है जो कि न्यायालय मे विचाराधीन है। समाचार पत्र व सोशल मीडिया पर  बार बार उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन मे अवैध रूप से नियुक्ति बड़ा का बाबू सटीक पर लोगो द्वारा बोले गए प्रश्नों के उत्तर मे उनके प्रमाण प्राप्त होते हैं कि किस तरह से यह नियुक्तिया अवैध है और क्या प्राकृया है वैध नियुक्त की। 

यहां तक ​​कि वर्तमान समय में अवैध रूप से पावर प्रेसिडेंट कार्पोरेशन का पद सभापति रहे बड़का बाबू को भी उनकी जिम्मेदारी पर उन्ही के कार्यालय मे जा कर बताया गया कि उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन का एक मेमोरेंडम आफ आर्टिकल है कि किसे नियुक्त कैसे करेगा और व्यवस्था करेगा और यह कहा लिखा है बताया गया था।

देर से सही लेकिन आज यह आदोलन खडा हुआ है जिसके माध्यम से हर कर्मचारी को यह आसानी से हो जाएगा कि कैसे यह बड़ा बाबू अवैध रूप से बैठे है बस सबअपना योगदान देने के लिए तैयारी ऐसी चर्चाऐ हो रही है।

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