प्रेस की स्वतंत्रता लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए आवश्यक
- निष्पक्ष पत्रकारिता किसी भी राष्ट्र, देश एवं समाज को ऊँचाईयों तक ले जाने में सक्षम..
- सूचना निदेशालय के सभागार में आयोजित किया गया राष्ट्रीय प्रेस दिवस..
- सूचना निदेशक ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर पत्रकार बन्धुओं को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी..
लेखराम मौर्य
लखनऊ। राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर सूचना निदेशक शिशिर ने सूचना निदेशालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में सभी पत्रकार बंधुओं को प्रेस दिवस की शुभकामनाएं एवं बधाई दी।
अपर निदेशक सूचना अंशुमान त्रिपाठी ने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के रूप में प्रेस को जाना जाता है। प्रेस जन अधिकारों की बात करता है। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष भाव से समाज हित में समर्पित होकर कार्य करना ही सही पत्रकारिता होती है।
वरिष्ठ पत्रकार विजयशंकर पंकज ने कहा कि पत्रकारिता का व्यवसायीकरण हो गया है। पत्रकारिता पेशा नहीं साधना है। उन्होंने कहा कि कोई किस दृष्टि से किसी सूचना को देखता है वो उसके मनोयोग पर निर्भर करता है।
एक ही विषय पर लोग अलग-अलग तरीके से अपनी भावना को व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में जनविश्वास का होना आवश्यक है। कार्यक्रम में पत्रकारगण सुरेन्द्र अग्निहोत्री, रतिभान त्रिपाठी, दिनेश गर्ग ने प्रेस दिवस के अवसर पर अपने-अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन संजय निर्मल द्वारा किया गया।
इस अवसर पर संयुक्त निदेशक सर्वेश कुमार दुबे, भूपेन्द्र सिंह यादव, उपनिदेशक हरिशंकर त्रिपाठी, कुमकुम शर्मा, दिनेश सहगल, प्रभात शुक्ल, ललित मोहन श्रीवास्तव, फिल्म निर्माण अधिकारी संजय अस्थाना, सहायक निदेशक गोकुल प्रसाद दुबे व सतीश चन्द्र भारती सहित पत्रकार गण, अन्य विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
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