हम फिर से भारत आना चाहेंगे -57 देशों के मुख्य न्यायाधीश व कानूनविद्
लखनऊ। ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 23वें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ में प्रतिभाग हेतु लखनऊ पधारे 57 देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, न्यायमंत्री, मुख्य न्यायाधीशांे, कानून विद्दों व अन्य प्रख्यात हस्तियों ने अपने-अपने देश रवाना होने से पूर्व लखनऊ भ्रमण किया और लखनऊ की ऐतिहासिक इमारतों का अवलोकन एवं गंगा-जमुनी तहजीब को नजदीक से अनुभव किया। लखनऊ की साँस्कृतिक विरासत एवं एकता का पैगाम देती लखनऊ की ऐतिहासिक धरोधर को देखकर विश्व भर से पधारे न्यायविद् मंत्रमुग्ध हो गये।
सिटी मोन्टेसरी स्कूल द्वारा आयोजित ‘23वें अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन’ में पधारे 57 देशों के न्यायविद्दों, कानूनविद्दों व अन्य प्रख्यात हस्तियों ने पाँच दिवसीय सम्मेलन में विश्व के ढाई अरब बच्चों के सुरक्षित व सुखमय भविष्य पर गहन चिंतन-मनन किया और संकल्प लिया कि एक नवीन विश्व व्यवस्था की स्थापना तक अपने प्रयासों को जारी रखेंगे। ये सभी गणमान्य अतिथि अपने-अपने देश रवाना हो गये।
स्वदेश रवानगी से पूर्व ऐतिहासिक नगरी लखनऊ भ्रमण पर निकले ये सभी विदेशी अतिथि खासे उत्साहित व प्रफुल्लित थे। लखनऊ की गलियों में घूमते हुए इस दल ने विश्व एकता व विश्व शांति का अद्भुद दृश्य उपस्थित किया। ये सभी विदेशी अतिथि बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, रेजीडेन्सी इत्यादि ऐतिहासिक स्थलों को देखने गये।
लखनऊ दर्शन के दौरान इन विदेशी मेहमानों ने कलात्मक वस्तुओं की जमकर खरीदारी की एवं साथ ही विभिन्न प्रकार के लजीज पकवानों का भी जमकर आनन्द उठाया।
एक अनौपचारिक वार्ता में न्यायविदों व कानूनविदों ने कहा कि भारतीय संस्कृति बहुत गहरी है व यहाँ की सोच विश्वव्यापी है। यहां हमें बहुत प्यार और मुहब्बत मिली है और हम फिर से भारत आना चाहेंगे।
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