रुप बदला है पर क्या ईश्वर के प्रति विश्वास बदल गया है ? नहीं..?
- आइए मिल कर संकल्प ले..
- करवा चौथ व्रत के दिन किसी प्रकार का नशा नही..
रीना त्रिपाठी
लखनऊ। भारत परंपराओं रीति-रिवाजों सभ्यता और संस्कृति का देश रहा है। हमारे देश में तीज त्यौहार, व्रत, संस्कार ,रीति रिवाज एक पीढ़ी से होकर दूसरी पीढ़ी तक परंपराओं का निर्वहन बड़ी ही गंभीरता से और संजीदगी से किया जाता रहा है। दादी, नानी की कहानियां से लेकर वेदों, पुराणों, ग्रंथों, रामायण और महाभारत में बताए गए स्त्री के कर्तव्यों को भारतवर्ष की नारी ने बड़ी ही निष्ठा से निभाया है इस पावन भारत भूमि में असंख्य पतिव्रता सती महर्षि महिलाएं उल्लेखित रही है।
भारतीय संस्कृति पुरुष प्रधान रही है यहां परिवार का मुखिया सदियों से पुरुष ही रहा है और इसी संकल्पना के तहत रक्षा और सुरक्षा के क्रम में माता ने अपने पुत्र के जीवन के लिए कभी जूतियां तो कभी गणेश चतुर्थी का निर्जला व्रत रखा, कभी किसी बहन ने अपने भाई की रक्षा के लिए रक्षा बंधन और तिलकोत्सव मना कर निर्जला व्रत रखा तो कभी किसी पत्नी ने अपने पति की लंबी आयु के लिए अमृत की प्राप्ति के लिए कठोर तप किया और निर्जला व्रत रखा। तपस्या साधना और समर्पण का जो प्रतिरूप भारतीय सभ्यता और संस्कृति में मिलता है वह शायद दुनिया में कहीं और दुर्लभ है। कहते हैं कलयुग में रिश्तों में निष्ठा, विश्वास और समर्पण में कुछ कमी आ गई है पर फिर भी फैशन ही सही खुद को दिखाने की ललक ही सहित, ट्विटर और व्हाट्सएप के जमाने में फोटो पोस्ट और लाइक कमेंट का क्रेज ही सही।
रुप बदला है पर क्या ईश्वर के प्रति विश्वास बदल गया है ??? निश्चित रूप से आप का उत्तर होगा नहीं....... रिश्तो में समर्पण अपनी जगह आज भी शाश्वत और पूरी निष्ठा के साथ कायम है मनुष्यता के अस्तित्व के हजारों वर्ष बीत जाने के बाद भी हम सामाजिक हैं एक दूसरे का सम्मान करते हैं एक दूसरे के प्रति समर्पित हैं फिर भी मैं सोचती हूं कि आज भी महिलाएं सबसे ज्यादा प्रताड़ित उन्हीं पुरुषों के द्वारा क्यों की जाती हैं?? जिनकी हर रिश्ते में महिला ने सुरक्षा , रक्षा और लंबी उम्र की प्रार्थना के सिवा कुछ और नहीं मांगा।
जी हां बिल्कुल सही सोचा मैं बात कर रही हूं नशे रूपी उस बुराई की जिस के चंगुल में पड़कर किसी का बेटा ,किसी का भाई और किसी का पति हैवानियत की वह सभी हदों को पार कर जाते हैं जिन्हें आप और हम अक्सर पेपर में खबरों के रूप में पढ़ते हैं, कभी दुर्घटना होने के पहले की खबर तो कभी दुर्घटना होने के बाद की खबर।
आज समाज में अपहरण, रेप दहेज हत्या, आत्महत्या नशे में धुत पति के द्वारा पत्नी की बेरहमी से पिटाई और हत्या विवाहेत्तर संबंध इन सभी का कारण कहीं ना कहीं हमारे और आपके अपने ही होते हैं। 2022 में 13 अक्टूबर को करवा चौथ का चांद महिलाएं निर्जला व्रत रखकर अपने पति की लंबी आयु की प्रार्थना करेंगी। क्या यह संभव नहीं है इस दिन पति भी नशा न करने की शपथ लें और इस पूरे दिन किसी भी प्रकार के नशे का सेवन न करने का व्रत रखें.. अपनी दीर्घायु की प्रार्थना में खुद अपना प्यार भरा योगदान दें......….. नशा किसी भी रूप में हो मीठी सुपारी हो, तंबाकू गुटका हो, पान, शराब, अफीम भांग...... ..... इत्यादि। नशे जिसको करने से उस व्यक्ति के शरीर में, उस व्यक्ति के मन और मस्तिष्क में दुर्गुणों का वास होता हो जिसको करने से असंख्य बीमारियों को न्योता दिया जाता हो और जिसको करने से घर और गृहस्थ जीवन में कलह पैदा होती है, और जिसको करने से आपका जीवन मौत के आगोश में कभी भी जा सकता है। क्या आप अपने प्रिय पत्नी के लिए अपने बच्चों के लिए और अपने परिवार के लिए एक दिन छोड़ नहीं सकते? नशा न करने के इस एक दिन के व्रत से आपका कुछ नहीं बिगड़ेगा पर उस निर्जला व्रत रहने वाली पत्नी को आप के समर्पण और प्यार का एहसास जरूर होगा............ निश्चित रूप से आपको यह भान होगा कि वह यह व्रत आपके जीवन की सुरक्षा के लिए ही कर रही है उस महिला के पति को दीर्घायु प्राप्त हो इसके लिए जरूरी है कि पति भी सोचे कि उसकी आयु कितने कीमती है एक परिवार के लिए एक समाज के लिए और एक देश के लिए। करवा चौथ व्रत रखती अपनी पत्नी के लिए एक दिन नशा ना करने का प्रण करे
नशे को ना जीवन को हा
मुहिम हिंदुस्तान को नशा मुक्त बनाना है
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