एक सैनिक की पत्नी के बलिदान का मंचन "माँ"
- देश की आज़ादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर डॉ सीमा मोदी व माँ टीम 202 कोबरा वाहिनी कोरापुट, उड़ीसा में हुई सम्मानित..
- सृजन शक्ति वेलफेयर सोसायटी लखनऊ द्वारा देश व वचन के लिए पुत्र प्रेम त्यागने वाली *माँ* का हुआ मंचन..
एक सैनिक की पत्नी के बलिदान को दर्शा गया ये नाटक। महान कथाकार मुंशी प्रेमचंद जी की लिखी प्रसिद्ध कहानी *माँ* का मंचन सृजन शक्ति वेलफ़ेयर सोसाइटी, लख़नऊ द्वारा 202 कोबरा , कोरापुट के देवमाली थिएटर हॉल में भरपूर दर्शकों के बीच मंचन किया गया। जिसे बहुत ही मज़बूती के साथ दर्शको को बांधे रखने का मार्मिक अभिनय किया रंगकर्मी व इस नाटक की मुख्य भूमिका निभा रही रंगकर्मी डॉ सीमा मोदी व नवनीत मिश्रा ने नाट्यलेखन के के अग्रवाल ने किया व परिकल्पना व निर्देशन डॉ सीमा मोदी का रहा।
डॉ सीमा मोदी ने कहा कि देश के जवानों, कमांडोज़ व उनके परिवार के बीच ये नाट्यप्रस्तुति करना बड़े गर्व की बात है। मुख्य अतिथि में रघुराम पाडल , MLA कोरापुट, पीतम पाढ़ि, MLA पोटांगि , डॉ राजेंद्र कुमार पात्रा ,चेयरपर्सन सुनाबेडा म्युन्सपेलिटी, ग्रुप कैप्टन जे जे महेशकर ,एयरफोर्स कोरापुट, व मिस्टर ब्रूनो ,कम्मानडेन्ट 202 कोबरा, कोरापुट रहे।
"मां" मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित एक अत्यंत मार्मिक कहानी है। जिसमें एक पत्नी अपनी देश के प्रति निष्ठा एवं स्वतंत्रता सेनानी पति के आदर्शों पर अपने पुत्र बलिदान देती है
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें