बुद्ध और उनकी प्रमुख शिख्याएँ
गौतम बुद्ध का जन्म 563 ई. पूर्व लुम्बिनी में हुआ था। उनका नाम सिद्धार्थ रखा गया। उनके पिता का नाम शुद्धोधन था। सिद्धार्थ ने बचपन में ही राजकाज और युद्ध-विद्या की शिक्षा ली थीं। सिद्धार्थ के मन में बचपन से ही करुणा भरी थी। उनसे किसी भी प्राणी का दुख नहीं देखा जाता था। बुद्ध बनने से पहले सिद्धार्थ एक राजा थे। वो बचपन से ही ऐसे प्रश्नों के उत्तर की तलाश में खोए रहते थे जिनका जवाब बड़े- बड़े संत , ज्ञानी और महात्माओं के पास भी नहीं था। सिद्धार्थ ने कम आयु में ही गृह त्याग किया, और वे सत्य की तलाश में निकल पड़े, और उन्होंने ज्ञान की प्रप्ति की। बुद्ध के उपदेश आज भी लोगों का मार्गदर्शन करतें हैं।
प्रस्तुत है गौतम बुद्ध की प्रमुख शिक्षाएं-
1. यदि आप वास्तव में ही अपने आप से प्रेम करते हैं, तो आप कभी भी दूसरों को दुःख नहीं पहुंचा सकते।
2. अपना रास्ता स्वयं बनाएं, हम अकेले पैदा होते हैं और अकेले मृत्यु को प्राप्त होते हैं, इसलिए हमारे अलावा कोई और हमारी किस्मत का फैसला नहीं कर सकता।
3. स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है,संतोष सबसे बड़ा धन है और वफादारी सबसे बड़ा सम्बन्ध है।
4. अच्छी चीजों के बारे में सोचें, हम वही बनते हैं जो हम सोचते हैं। इसलिए सकारात्मक बातें सोचें और खुश रहें।
5. आकाश में पूरब और पश्चिम का कोई भेद नहीं है, लोग अपने मन से भेदभाव को जन्म देते हैं और फिर विश्वास करते हैं कि यह सच है।
6. आपको क्रोधित होने के लिए दंड नहीं दिया जायेगा, बल्कि आपका क्रोध खुद आपको दंड देगा।
7. इंसान के अंदर ही शांति का वास होता है, उसे बाहर ना तलाशें।
8. एक जलते हुए दीपक से हजारों दीपक रौशन किए जा सकते हैं, फिर भी उस दीपक की रौशनी कम नहीं होती। उसी तरह खुशियां बांटने से बढ़ती हैं, कम नहीं होतीं।
9. क्रोधित रहना, जलते हुए कोयले को किसी दूसरे व्यक्ति पर फेंकने की इच्छा से पकड़े रहने के समान है, यह सबसे पहले आप को ही जलाता है।
10. दूसरों के सामने कुछ भी साबित करने से पहले यह जरूरी है कि हम खुद को साबित करें। हर इंसान की प्रतिस्पर्धा पहले खुद से होती है।
11. खुशी हमारे दिमाग में है- खुशी, पैसों से खरीदी गई चीजों में नहीं, बल्कि इस बात में है कि हम कैसा महसूस करते हैं। वास्तव में खुशी हमारे मस्तिष्क में है।
12. घृणा से घृणा कभी खत्म नहीं हो सकती। घृणा को केवल प्रेम द्वारा ही समाप्त किया जा सकता है। यह शास्वत सत्य है।
13. जिस तरह एक मोमबत्ती बिना आग के खुद नहीं जल सकती, उसी तरह एक इंसान बिना अध्यात्म के जीवित नहीं रह सकता।
14. तीन चीजों को लम्बी अवधि तक छुपाया नहीं जा सकता,सूर्य, चन्द्रमा और सत्य।
15. भूतकाल में मत उलझो, भविष्य के सपनों में मत खो जाओ, वर्तमान पर ध्यान दो, यही खुश रहने का रास्ता है।
16. मैं कभी नहीं देखता की क्या किया जा चुका है;मैं हमेशा देखता हूँ कि क्या किया जाना बाकी है।
17. हजारों लड़ाइयां जीतने से बेहतर है आप खुद को जीत लें। फिर वो जीत आपकी अपनी होगी, जिसे कोई आपसे नहीं छीन सकता।
18. हर अनुभव कुछ न कुछ सिखाता है–हर अनुभव महत्वपूर्ण है, क्योंकि हम अपनी गलतियों से ही सीखते हैं।
19. हर इंसान को यह अधिकार है कि वह अपनी दुनिया की खोज स्वयं करे।
20. हर दिन की अहमियत समझें– इंसान हर दिन एक नया जन्म लेता है एक नए मकसद को पूरा करने के लिए है, इसलिए एक-एक दिन की अहमियत समझें।
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