अल्कोहल छोड़ने में सशक्त उपाय है योगासन ..ज्योति बाबा
चित्त की वृत्तियों को अनुशासित करना ही योग... ज्योति बाबा
राष्ट्र की बात
कानपुर l मन में असीम शक्ति है पर सबसे अधिक दुरूपयोग हम इसी शक्ति का करते हैं इससे 95% मानसिक शक्ति व्यर्थ चली जाती है इसीलिए चित्त की वृत्तियों को अनुशासित करना ही योग है उपरोक्त बात सोसायटी योग ज्योति इंडिया के तत्वाधान में नशा मुक्त समाज आंदोलन अभियान कौशल का के तहत विश्व योग दिवस के परिप्रेक्ष्य में आयोजित ऑनलाइन योग हेल्थ मंत्र कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख नशा मुक्त समाज आंदोलन अभियान कौशल का के नेशनल ब्रांड एंबेसडर योग गुरु ज्योति बाबा ने कही ज्योति बाबा ने आगे कहा कि मन जितना शक्तिशाली होता है उतना ही चंचल और अस्थिर भी होता है और इस चंचलता को नियंत्रित करने हेतु योग से बेहतर शायद ही कोई दूसरी विधा हो योग मन को नियंत्रित कर उसे दिशांतरित करने की तकनीक देता है आमतौर पर नशे का सेवनकर्ता यह कहता है कि मैं नहीं चाहता हूं पर ना चाहते हुए भी मेरा मन बार-बार नशे की ओर भाग जाता है इसीलिए मैं जितना छोड़ने का प्रयास करता हूं उतना ही मैं और उसमें लिप्त हो जाता हूं कुछ ऐसी दवा दो कि मेरा मन शाम के समय इधर उधर जाए ही नहीं ज्योति बाबा कहते हैं कि नियमित योगासन से ना सिर्फ सकारात्मक असर पड़ता है बल्कि मानसिक रोगों को तो सत् प्रतिशत ठीक किया जा सकता है क्योंकि मानसिक समस्याओं का शरीर पर गहरा प्रभाव पड़ता है जैसे तनाव से हृदयगति तथा पल्स गति बढ़ जाती है क्योंकि उस समय शरीर की कोशिकाओं को अधिक रक्त की आवश्यकता होती है हृदय को अधिक कार्य करना पड़ता है जिससे थकते थकते एक दिन शरीर रोगी हो जाता है इसका परिणाम हाइपरटेंशन और हृदय रोग होता है अधिक नशा व मानसिक तनाव से हमारी सेक्स ग्रंथियां भी असंतुलित हार्मोन निकालने लगती हैं जिससे नपुंसकता या अति सक्रियता जैसी समस्याएं जन्म लेने लगती हैं योग गुरु ज्योति बाबा ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य में उपयोगी मन को ठीक करने के लिए प्रमुख योगिक क्रियाएं जैसे पद्मासन वज्रासन शीर्षासन सर्वांगासन हलासन भुजंगासन जानुशीरासन त्रिकोणासन तथा उष्ट्रासन आदि उपयोगी है इसके अलावा नाड़ी शोधन उज्जाई प्राणायाम एवं ध्यान का नियमित अभ्यास तन व मन दोनों के लिए उपयोगी है योग के जानकार आरआर ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन के डायरेक्टर अनिल अग्रवाल ने कहा की योग का नियमित अभ्यास स्मरण शक्ति को बढ़ाता है याददाश्त क्षमता दुरुस्त रखता है साथ ही रक्त संचालन व पाचन क्षमता में वृद्धि नसों व मांस पेशियों में पर्याप्त खिंचाव उत्पन्न करने के अलावा योग से मस्तिष्क को शुद्ध रक्त भी मिलता है इसके लिए खास तौर पर सूर्य नमस्कार शीर्षासन पश्चिमोत्तानासन उष्ट्रासन अर्धमत्स्येंद्रासन आदि करने चाहिए अनिल अग्रवाल ने कहा कि योग निद्रा नशा रोग मानसिक तनाव व भावनात्मक असंतुलन को दूर करने में मददगार है योग निद्रा व शिथिलीकरण के प्रतिदिन 10 मिनट के अभ्यास से रोजमर्रा के तनाव चेतन तथा अवचेतन मन से हट जाते हैं अंत में ज्योति बाबा ने योग का भरपूर आनंद लेने के लिए नशा से दूर रहने का संकल्प कराया अन्य प्रमुख अरुण सिंह गप्पू सिंह अंजू सिंह कुंवर बहादुर सिंह इत्यादि थे l
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें