प्यार तो पापा करते हैं बहुत लेकिन जताते क्यों नहीं?

पिता को समर्पित कुछ पंक्तियां

पल्लवी वर्मा

  • यह जो पापा होते हैं ना जैसे दिखते हैं वैसे होते नहीं..
  • रोना आता भी हो तो कभी रोते  नहीं..
  • और तकलीफ गर तुम्हें हो तो यह सारी रात सोते नहीं..
  • कभी-कभी रोकते जरूर है मगर..
  • कभी बच्चों की राह में कांटे बोते नहीं..

बेटी हूं इसलिए कभी-कभी लगता है मुझे यह करने से क्यों रोक दिया यह तो बस पापा का दिल जानता है कि कैसे जमाने से मुझे महफूज किया!

जब छोटी थी तो बिट्टू बाबू कहकर बुलाते थे और जब शरारत करती थी ना तो मम्मी की डांट से भी बचाते थे!

कहते हैं जाओ जहां जाना है लेकिन शाम को 7:00 बजे से पहले घर आना है मेरी बेटी इतनी प्यारी है और कितना खराब जमाना है!

मैं कहती हूं पापा इतनी पूछताछ इतनी जानकारी तो कहते हैं बेटा जब खुद मां बनोगी तो फिक्र समझ जाओगी हमारी!

मेरे पापा ने मुझे बेटी नहीं बेटा बना कर रखा है!

जब मुझे गुस्सा आता है तो मेरे पापा ने वह भी सहा है!

हमेशा ख्याल आता है जहन में कि डांटते ही क्यों हैं समझाते क्यों नहीं!

और प्यार तो करते हैं बहुत लेकिन जताते क्यों नहीं.?

टिप्पणियाँ