अंबेडकर जयंती पर विशेष
अंबेडकर जयंती पर कुछ बोलना या लिखना हर सच्चे हिंदुस्तानी का कर्त्तव्य बनता है यही सोच कर मै मिर्ज़ा शमीम बैग द्वारा भी उनके जीवन पर कुछ लाइनें लिखने पर अपना सौभाग्य मानती हूं. मै उस लायक तो नहीं उनका जीवन के विवरण पर कुछ कह सकू लेकिन कोशिश अवश्य की है.
पहला उनका जन्म मध्य प्रदेश के डॉ अंबेडकर नगर (महू) मै स्थित स्थलि स्मारक 14 अप्रैल 1891 को सैन्य छावनी महू मै हुआ पिता का नाम राम जी संपल था जो सैनिक स्कूल के टीचर थे माता का नाम श्री मति भीमा बाई था एव पत्नी का नाम श्रीमति रमा बाई था. अष्प्रेत के उनमूलं के कारण भारतीय संविधान गठन और सामूहिक बौद्ध, धर्म, दीक्षा और अन्य गतिविधियों के कारण ड.अंबेडकर को विश्व स्तर पर एक प्रसिद्ध व्यक्ति के रूप मै पहचान मिली और उनके जन्म स्थान को महत्व प्राप्त हुआ.
स्वतंत्र भरत के आप पहले कानून मंत्री बनाए गए. आप के पास 32 डिग्रियां थी एवम 9 भाषाएं जानते थे बोलना आप के द्वारा संविधान का निर्माण हुआ 26 नवम्बर 1949एवं 26 जनवरी 1950 को पूर्णतः लागू हुआ भारतीय संविधान विश्व मैं पहले न का है क्योंकि इसमें छोटी से छोटी बात का ध्यान रखा गया है एवं लोकतंत्र को महत्व दिया गया है.
धर्मनिरपेक्ष संविधान है जातीवाद छुआछूत से मुक्त है हर भाषा हर पहनावा हर बोली बोलने वालो को पूर्ण रूप से स्वतंत्रता दी गई है. सामंता का अधिकार सभी को दिया गया है हमारा संविधान बहुत लचीला हैं जो अधिकार हमारे संविधान ने हिन्दुस्तानियों को दिए है वह अधिकार विश्व के किसी और संविधान ने नही दिए है. मै मिर्ज़ा शामीम बैग हिंदुस्तानी होने के कारण भारतीय संविधान पर गर्व करती हूं साथ ही आप सबको बताना चाहती हूं वर्तमान समय मै हमारे संविधान की छवि खराब कि जा रही हैं आज व्यक्ति की स्वतंत्रता को छीना जा रहा है एवं लोकतंत्र को पूर्णता कुचलने कि कोशिश कि जा रही हैं.
वर्तमान समय मैं संविधान के साथ छेड़छाड़ कि जा रही हैं एवं कुछ राज्यनितिक पार्टियां हमारे संविधान को अपने हाथ कि कठपुतली बनाना चाहती हैं इसके लिए समथ हिन्दुस्तानियों को बुद्धि जीवियों को एवं युवा पीढ़ी को एक जुट होकर सामने आने कि जरूरत है मैं मिर्जा शमीम बैग ऐसी राज्यनितिक पार्टियों से हाथ जोड कर बिनती करती हूं.
आप पूरे भरत को आपने हिसाब से बदल दिजिए जैसा चाहे वैसा लेकिन भारतीय संविधान को बदलने कि कोशिश हरगिज़ मत करना यदि आपने ऐसा करा तो इसका बुरा परिणाम भुगतने को तैयार रहना हिन्दुस्तानियों के द्वारा क्योंकि संविधान हमरे देश कि आन बान और शान है और हम सब हिन्दुस्तानी मरने मिटने को त्यार हैं.
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