वसीयत हो न हो, संपत्ति है तो जंग होगी?
रामकुशल मौर्य
अंबेडकरनगर। पुराने ज़माने में राजा महाराजाओं, बादशाहों, शहंशाहों की मौत के बाद उनकी विरासत का झगड़ा अक्सर होने लगता था. इसी तरह रईसों की संपत्ति को लेकर भी उनके वारिसों के झगड़े के तमाम क़िस्से मशहूर हैं।
खबर जनपद अंबेडकर नगर के मालीपुर थाना क्षेत्र से है जहां आजन पारा गांव के निवासी विजय कुमार विश्वकर्मा माँ की मौत का मातम मना रहा था तो वहीं दूसरी ओर उसकी सगी बहन और बहनोई गांव के ही रणजीत यादव के माध्यम से स्थानीय पुलिस से सांठगांठ कर उसकी दुकान का ताला तोड़ कर अवैध ढंग से कब्जा कर रहे थे।
जब इस बात की भनक पीड़ित विजय कुमार विश्वकर्मा को लगी तो उसके पैर तले जमीन खिसक गई। जिसके बाद पीड़ित ने अपनी मां का पार्थिव शरीर घर से दुकान के सामने लाकर रख दिया और अपनी दुकान मे हुए अवैध कब्जे का विरोध करने लगा। पुलिस महकमे को यह जानकारी होते ही हड़कंप मच गया और मौके पर थाना प्रभारी मालीपुर मौके पर पहुंचकर उल्टे पीड़ित को ही धमकाने लगे। वही इस घटना का कवरेज कर रहे पत्रकारों के साथ बदसलूकी भी की गई। फिलहाल थाना प्रभारी निरीक्षक मालीपुर ने पीड़ित को धमकाते हुए कहां की अपहरण का मुकदमा लगाकर तुम्हें अंदर कर देंगे तुम अपनी माता को जहर देकर मार डाले हो इस प्रकार डरा धमका कर उसकी मां के पार्थिव शरीर को पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया।
मजे की बात तो यह है कि जिस दुकान पर कब्जे का मामला है यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। बताया जा रहा है कि पीड़ित के बहन बहनोई ने फर्जीवाड़ा कर दुकान का बैनामा रणजीत यादव के नाम से करा लिया था। फिलहाल यह मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है और मालीपुर थाना पुलिस की भूमिका पर सवालिया उंगली उठ रही है।
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