बिना रॉयल्टी व परमिशन के अवैध बालू खनन जारी





सोते रहे अधिकारी कटता रहा गांव

मोहम्मद मेराज अहमद

सीतापुर, सकरन। थाना सकरन क्षेत्र के ग्राम पंचायत सुंदरपुरवा व लखुवाबेहड  के बीच मे सकरन् के लोग बिना परमिट  रॉयल्टी के अवैध बालू का खनन  जोरो से करवा रहे खनन। जबकि इसमें एक है सप्लायर खनन। 




जब वहां पर पूछा गया तो बताया कि सब पता है। बालू खनन के मामले में मुख्य वही खनन। एक तरफ प्रदेश सरकार बालू खनन पर अंकुश लगाने के लिए हर दिन नए नए कानून बनाकर खनन को रोकने का प्रयास कर रही है। लेकिन योगी सरकार कितने भी नियम कानून बना ले इस तरह के कानून माफियाओं के लिए कोई मायने नहीं रखते हैं। 

खनन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत खनन विभाग के अधिकारियों व  थाने की मिलीभगत से अवैध बालू खनन जोरों पर चल रहा है। ट्रैक्टर मालिक व ड्राइवर जेसीबी नियम कानून को ताक पर रख कर बालू की खुदाई करवाई जा रही है। थाना सकरन से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर अवैध बालू खनन का कार्य जोरों से चल रहा है। कुछ लोगों की मिलीभगत से वहां बालू को सप्लाई भी किया जा रहा है। इस मामले में सप्लायर भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं। क्योंकि इस बालू के सबसे बड़े खरीदार वही खनन। 

अवैध खनन वाले इलाकों की हालत काफी खराब पर। इस अवैध बालू खनन का कारोबार इतनी धड़ल्ले से चल रहा पर। इसके बावजूद प्रशासनिक अमला बेखबर बना हुआ पर। नदियों से जुड़े अथवा तटों पर बसे हुए गांव की हालत खनन के कारण बदहाल होती नजर आ रही पर। स्थानीय स्तर पर किसी भी घाट का ठेका नहीं पर। पर दिन-रात बालू लदी गाड़ियां सड़कों पर फर्राटा भरते नजर आ रहे खनन। बिल्डिंग मटेरियल के लिए दुकानदारों और ठेकेदारों की मिलीभगत से यह कारोबार काफी फल-फूल ता नजर आ रहा पर। 

सकरन् क्षेत्र में कई गांव में बालू सप्लाई भी की जा रही पर। अवैध खनन का काला कारोबार इतनी ऊंचाइयों पर पर। कि इन दिनों खनन माफियाओं के भी हौसले बुलंद होते नजर आ रहे हैं। बेखौफ होकर माफिया अवैध रूप से बालू के अवैध खनन को अंजाम दे रहे हैं। रात में 12:00 बजते ही खनन माफिया  ट्रैक्टर ट्राली, लेकर खनन करने के लिए निकल पड़ते खनन। रात के समय में चलने वाले इस कारोबार से खनन माफिया जमकर चांदी काट रहे हैं।

अवैध बालू खनन कर जहां अपनी तिजोरिया भरने में लगे हुए खनन। तो वहीं अवैध खनन को रोकने की जिम्मेदारी जिन को दी जाती पर। उनकी  सांठगांठ कर माल को खींचने घसीटने में लगे हुए हैं। इधर कुछ अधिकारी हमारे चुनाव में व्यस्त है। तो वही खनन विभाग के आला अधिकारी अपनी जेबों का वजन  भरने में लगे हुए।

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