खतरनाक है इंटरनेट का इस्तेमाल?
सुनीता कुमारी
पूर्णिया बिहार। सुरक्षित इंटरनेट दिवस या सेफर इंटरनेट दिवस 09 फरवरी 2022 को मनाया जाएगा। सुरक्षित इंटरनेट दिवस मनाने का उद्देश्य सुरक्षित तरीके से इंटरनेट का प्रयोग करना है, ताकि हम साइबर क्राइम, ठगी, धोखे या शर्मिंदगी का शिकार ना हो। सुरक्षित तरीके से इंटरनेट प्रयोग करने के प्रति लोगों को जागरूक करना ही सुरक्षित इंटरनेट दिवस का उद्देश्य है, क्योंकि इंटरनेट एक ऐसा माध्यम है जिसमें, हम जितना सोचते हैं हमारी सोच से कहीं ज्यादा, उतनी चीजे हमारे सामने होती हैं और हम और ज्यादा और ज्यादा की लत में इंटरनेट का प्रयोग जरूरत से ज्यादा करने लगते हैं इसका दुष्प्रभाव हमारे स्वास्थ्य तन और मन दोनो पर पड़ता है।
सुरक्षित इंटरनेट दिवस मनाने के पीछे खास उद्देश्य युवाओं को जागरूक करना है, क्योंकि आज सबसे ज्यादा इंटरनेट का प्रयोग युवा ही कर रहे हैं और कई तरह की समस्याओं से घिर भी रहे हैं। कमरदर्द पीठदर्द,आखों की समस्याएं, अनिद्रा जैसी समस्या आम हो गई है। इन समस्याओं से बचाना सुरक्षित इंटरनेट दिवस का उद्देश्य है,ताकि सही तरीके से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ का ध्यान रखते हुए इंटरनेट का प्रयोग युवा करे। रोनाकाल में इंटरनेट का प्रयोग ज्यादा होने लगा है।आफ़िस के काम से लेकर बच्चों की पढ़ाई तक इंटरनेट के माध्यम से हो रही है। बड़े से लेकर बच्चे तक ज्यादा से ज्यादा समय इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे है, शारीरिक गतिविधि कम होती जा रही है और मानसिक गतिविधि बढ़ती जा रही है जिससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। सुरक्षित तरीके से हम कैसे इंटरनेट का प्रयोग करे एवं स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचे यह जानकरी एवं जागरूकता सुरक्षित इंटरनेट दिवस देता है।
दुनियाभर में विभिन्न कार्यक्रम के माध्यम से लोगो की जानकारी दी जाती है कि किस तरह हमें इंटरनेट का इस्तेमाल करना चाहिए। आज के समय में ज्यादातर काम आनलाइन होते है। बिजली का बिल जमा करना,मोबाइल रिचार्ज करना, आनलाइन शॉपिंग करना, रूपया ट्रान्सफर आदि बहुत सारे काम इंटरनेट के माध्यम से होते है। कई बार इन कामों में सही जानकारी के अभाव में लोग ठगी के शिकार भी हो जाते है।
इंटरनेट का प्रयोग करते समय हमें कई सारी सावधानियों को बरतना जरूरी है, जिसमें सबसे ज्यादा हमारी निजी डेटा का है। हमारी निजी जानकारियां हम अपने सुविधाओं के लिए फोन में डाल कर रखते हैं, ताकि समय पर हम उन डाटाओ का प्रयोग अपनी जरूरत के हिसाब से कर सकें। परंतु कभी-कभी असावधानी तथा साइबर क्राइम के कारण डेटा लिक हो जाता है और लोग मुसीबत में फंस जाते हैं ।
इसलिए हम हमें अपने निजी जानकारी का प्रयोग इंटरनेट पर संभलकर करना चाहिए। अपने निजी जानकारीओं का प्रयोग इंटरनेट पर सावधानीपूर्वक करना चाहिए ताकि किसी दूसरे आदमी के हाथ हमारी निजी जानकारी ना लगे ।हम किसी ठगी का शिकार ना हो यह ध्यान रखना बहुत ज्यादा जरूरी है। इंटरनेट का प्रयोग करते समय एक दूसरी सबसे बड़ी बात जो हम है वह है साइबर क्राइम का।
आज के समय में साइबर क्राइम भी काफी बढ़ चुका है अपराधी अपराध करने का दूसरा तरीका ढूंढ चुके हैं जिसमें बहुत सारे आम लोग जिन्हें सुरक्षित इंटरनेट चलाने की जानकारी नहीं है, वे ठगी का शिकार हो रहे हैं। ओटीपी कार्ड नंबर जैसी निजी जानकारी को लोग कभी-कभार अनजाने में दूसरों को दे देते और पूरा का पूरा बैंक अकाउंट खाली हो जाता है ।यह क्राइम भारत में बहुत ज्यादा हो रहा है। कई तरीकों से साइबर अपराधी लोगों को अपना शिकार बनाते हैं इसलिए हमें सुरक्षित तरीके से इंटरनेट का प्रयोग करना चाहिए। खासकर बैंक के मामले में तो सुरक्षित तरीका का इस्तेमाल करना सबसे ज्यादा जरूरी है। तीसरा सबसे अहम सुरक्षित इंटरनेट का प्रयोग करने का जो तरीका है वह सोशल मीडिया का सीमित इस्तेमाल करना ।
आज के समय में खाद ज्यादातर युवा सोशल मीडिया में इतने ज्यादा बिजी रहते हैं कि वह ना तो अपने घर परिवार को अहमियत देते हैं और ना ही पढ़ाई लिखाई को। बहुत सारे बच्चे आज के समय में ऐसे हो रहे हैं जो इंटरनेट चलाने की वजह से पढ़ नहीं पा रहे हैं। माता-पिता की बात नहीं सुनते हैं, इस वजह से बच्चों का पढ़ाई का स्तर गिरता जा रहा है। अभी हाल की ही एक घटना पाकिस्तान से है जहां एक बच्चा पब्जी गेम को सच मान बैठा और जैसे पब्जी खेल में लोग बंदूक से खेलते हैं, वैसे ही उसने अपने निजी जीवन को खेल समझ लिया और पूरे परिवार को बंदूक से छलनी कर दिया। उस बच्चे को इंटरनेट की दुनिया और बाहर की दुनिया का पता ही नहीं चला। इसके बाद पाकिस्तान में पब्जी बैन करने की मांग उठी है।
भारत में पब्जी पहले से बैन है। बच्चों में यह चीजें बहुत नुकसान कर रही हैं। इस तरह की और भी कई घटनाएं आए दिन सुनने को मिलती रहती हैं। बच्चे इंटरनेट में गेम में या सोशल मीडिया में इतने ज्यादा बिजी रहते हैं अपना नुकसान कब कर बैठते हैं इसका पता बाद में चलता है और माता-पिता सर पीटते रह जाते हैं।इंटरनेट पर बहुत सारे साइट और ऐप, ऐसे है जो बच्चे और बड़े सबके लिए खतरनाक है इनकी जानकारी सभी को होनी चाहिए। किसी भी एप या साइट को प्रयोग करने से पहले उनकी पूरी जानकरी होनी जरूरी है।
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