मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने में लगी सपा-बसपा!

भाजपा को हराने बाले प्रत्याशी के पछ में मतदान करने को मन बना रहे मुस्लिम मतदाता..

मुरारी श्रीवास्तव

पूरनपुर (पीलीभीत) बिधान सभा चुनाव में इस बार पिछले चुनाव की अपेक्षा माहौल  अजीबोगरीब बना हुआ है ।कभी सपा का बोट बैंक कहे  जाने बाले  मुस्लिम मतदाता पर उसकी पकड़ ढीली पड़ती दिखाई पड़ रही है ।जिससे समाजबादी पार्टी के रणनीतिकार काफी बैचैन हैं।  

बसपा के पुराने दिग्गजों की इंजीनियरिंग से इस बार  लड़े जा चुनाव से मुस्लिम मतदाताओं का झुकाव  बसपा की तरफ ही हो सकता है जिससे सपा की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है ।इस बार भाजपा से बाबूराम पासवान ,सपा से आरती महेंद्र ,बसपा से अशोक राजा व निर्दलीय प्रत्याशी  के रूप में दीप्ती वर्मा आदि चुनाव मैदान में है ।लेकिन मुस्लिम बोटों को लेकर केबल सपा -बसपा ही आमने सामने के  मुकाबले में हैं ।  

मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में है । लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि मुस्लिम वोटों की बरसात उसी प्रत्याशी के पाले में होगी जो भाजपा को हराने की कुब्बत रखेगा और इस बार बसपा प्रत्याशी अशोक राजा ही पार्टी बोट बैंक के अलाबा मुस्लिम मतदाताओं मे बढ़त बनाये हुए हैं ।जिससे  भाजपा की टक्कर बसपा से ही  तय मानी जा रही है  

जमीनी मेहनत और पैनी नजर से मतदाताओं का मूड समझने में बसपा का एक एक कदम यहां ठोस पड़ रहा है। बसपा वर्कशॉप ने छेत्र के अपने सभी प्रमुख कार्यकर्ताओं  को एक एक दरबाजे पर चौकसी रखने की हिदायत दी है  ताकि बोट फिसलने न पाये। साथ ही यह नसीहत भी दी जा रही है कि किसी भी तरह की आचार संहिता का उल्लंघन न किया जाये।पूरनपुर बिधान सभा मे अपने बसपा प्रत्याशी अशोक राजा  के चुनाब की बागडोर संभालने बाले बसपा के पुराने दिग्गज नेता  नूर अहमद अजहरी अपनी पूरी टीम के साथ मुस्लिम मतदाताओ को रिझाकर उनको भले बुरे व अचछाई  बुराई का पाठ पढ़ाकर  बसपा प्रत्याशी के पछ में ही वोट डालने की अपील करते नजर आ रहे है।

सभी तरह की जमीनी तैयारियों के पीछे  यह माना जा रहा है कि  बसपा के नेता पूरनपुर बिधान सभा सीट पर ऐतिहासिक जीत हासिल करना चाहते है । पार्टी के छेत्रीय पदाधिकारियों को भी अपनी मेहनत का प्रमाण देने की चिंता है, इसलिए मतदाताओं की नब्ज टटोलने में उनका पूरा ध्यान लगा हुआ है ।योजना के मुताबिक  इस छेत्र के तमाम गांवों, सड़कों, गलियों और चौराहों पर उन कार्यकर्ताओं को लगाया गया है जो मतदाताओं के मन को टटोलें और फिर उसी के अनुसार मेहनत करें। इसी तरह बसपा की नीतियों से प्रभावित होकर मुस्लिम मतदाताओं का रुझान बसपा प्रत्याशी की तरफ माना जा रहा है।

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