भरोसा वादा नही यहाँ है.. नौकरियों की भरमार?

टॉक टाइम 

आज बेरोजगारी एक ऐसा दर्द जो छुपाये ना छुपे और लोकत्रंत के महापर्व चुनाव 2022 जिसके चार चरण पूरे हो चुके है और सभी दल सूबे से बेरोजगारी मिटाने के बढ चढ कर दावे कर रहे है जबकि उनकी सरकारों मे प्रतियोगी परीक्षा के लिये फार्म परीक्षा तिथि की राह देख रहे है 

..दावे ऐसे जैसे हथेली पर सरसो जमाना!

सरसों हथेली पर ना जमी हो लेकिन सूबे मे बेब पोर्टल, साप्ताहिक हिंदी दैनिक, यूट्यूब, नामी अनामी अनगिनत समाचार-पत्र नौकरियाँ बाट रहे है..

कही 200-300-400-500-5-7-8-9 1000 मे माईक आई डी बँट रही है.. कही कुछ अलग ही राग है.. लेकिन पत्रकारिता करनी है तो नौकरी पककी.. ना इंटरव्यू का झंझट ना ही अन्य कोई औपचारिकता और अगर बिञापन लाने की क्षमता है तो सोने पर सुहागा..

..और नौकरी वह भी बिना वेतन की एक अकेली सरपट राह ना जहां कोई खोजबीन करनी है ना तत्थय बाईट लो और छाप दो उस पर भी बचपन की कहानी राजा की जान तोते मे की तरह इन बंपर नौकरियों की चुनिंदा पसंद थाना और खनन..?

ना तीन कुटेशन की तह मे जाना है ना ही लीज की जमीनो की खोजबीन कोठी बंगलो मे शूटिंग ऐसी खबरो मे जान ही नही पककी नौकरी मे तनख्वाह क्या है विज्ञापन लाकर कमीशन प्राप्त करना और वह भी उन अखबारों पोर्टल बेब यूट्यूब जोकि एक मोबाइल से दूसरे मोबाइल मे घूम रहे है! लेकिन बेरैजगारी के ठप्पे से ऐसी नौकरी ही भली?

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