बिछाने लगें हैं सियासत की गोटियां
- त्रिकोणीय मुकाबले में विभीषण भी बिछाने लगें हैं सियासत की गोटियां..
- कोई बागी बना तो कोई पार्टी उम्मीदवा..
- जो बना रहे थे जमीन वही बन रहे हैं चुनौती..
- अपने ही डाल रहे हैं जड़ों में मट्ठा..
मुरारी श्रीवास्तव
पीलभीत पूरनपुर. जैसे जैसे मतदान की तारीख करीब आती जा रही है बैसे बैसे ही सियासत गरमा रही है। पूरनपुर विधान सभा छेत्र में त्रिकोणीय संघर्ष में विभीषण भी अपनी गोटियां बिछाने लगे हैं। जिससे किसी भी प्रत्याशी की दुश्वारियां कम होने का नाम नही ले रही है ।सबसे ज्यादा दुश्वारियां भाजपा प्रत्याशी बाबूराम पासवान के आगे पार्टी से टिकट न मिलने पर बागी हुए लोगों से है ।कोई टिकट न मिलने से नाराज है तो किसी ने हवा का रुख भाँप कर आरोप लगाते हुए दूसरे पाले में छलांग लगा दी है ।कुछ यैसे भी है जो बोल तो कुछ नही रहे हैं लेकिन अपनों के जरिये अपनी ही पार्टी के अपने ही प्रत्याशी की जड़ों में मट्ठा डालने में लगे हुए हैं ।बैसे तो इस बीमारी से लगभग सभी प्रत्याशी ग्रसित हैं लेकिन भाजपा में अंतर्विरोध के स्वर कुछ ज्यादा ही सुनाई दे रहे हैं । बिधान सभा 129 मे भाजपा से बाबूराम पासवान ,सपा से आरती महेंद्र ,बसपा से अशोक राजा सहित करीब एक दर्जन से ज्यादा प्रत्याशी चुनाव मैदान में है ।लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा ,सपा,व बसपा के बीच ही माना जा रहा है ।घर बाहर हर जगह गोटिया ठीक बिछी हों तो भी भी अंत समय मे विभीषण कोई गुल न खिला दें इस आशंका को लेकर राजनीतिक खेमों में डर भी है ।इसके लिए सभी दल सजग व चौकन्ने भी हैं ।कुछ प्रत्याशी विरोधियों की ताकत का आंकलन भी अपने खास समर्थकों से करा रहे हैं । लोगों की माने तो अंदरखाने बगावती तेवर अपनाये हुये लोगों को चिन्हित करने का भी प्रयास किया जा रहा है तथा उनको ऐन केन प्रकारेण अपने साथ जोड़ने की भी कोशिश की जा रही है ।कुछ प्रत्याशी चाहते हैं कि उनके समर्थन में दूसरे दलों के नेता खुलकर आ जायें जबकि कुछ यह चाह रहे हैं कि वह रहें कहीं लेकिन पूरी पैरवी करके बोट दिलबायें ।पर्दे के पीछे की यह सियासत दिन पर दिन बढ़ती जा रही है ।इस प्रकार अपनो से भी दुश्वारियां कम होने का नाम नही ले रहीं हैं ।
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