युवा पीढ़ी देश के नेशन बिल्डर्स..!

किशन भावनानी 

गोंदिया वैश्विक स्तरपर किसी भी देश की संपन्नता, सफलता, उच्चस्तरीय अर्थव्यवस्था और हर क्षेत्र में मज़बूत पकड़ रखने की नींव के पहियों में से एक सबसे मज़बूत और महत्वपूर्ण आधारस्तंभ शिक्षा व कौशलता विकास है, क्योंकि शिक्षा और कौशलता विकास सफलता, संपन्नता सहित सभी क्षेत्रों की  एक ऐसी चाबी है जिससे सफलता के द्वार खुलते हैं क्योंकि शिक्षा व कौशलता ग्रहण करने के बाद ही वैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजीनियर, अविष्कारक सहित नवोन्मेष, नवाचारों के प्रणेता बनने की और देश सेवा कर अपने देश के विकास करने का अवसर मिलता है। 

  • युवा पीढ़ी को शिक्षा, कौशलता विकास अस्त्र से सशक्त करना भारत के भविष्य को सशक्त करना है..

भारत की 68 फ़ीसदी जनसंख्या आज युवा है और भारत एक युवा देश है इसको ध्यान में रखते हुए नई शिक्षा नीति 2020 बनाई गई है जिसके आधार पर वर्तमान समय में शैक्षणिक नीतियां, रणनीतियां व रणनीतिक रोडमैप बनाकर क्रियान्वयन किया जा रहा है जिसका परिणाम हमें आने वाले कुछ वर्षों में विस्तृत स्तर पर दिखेगा! क्योंकि इस नेप- 2020 में युवाओं और प्रौढ़ शिक्षा के अनेक स्तरों पर रणनीतिक रोडमैप बनाने के द्वार खोले गए हैं!!! जिसका क्रियान्वयन उसीके अनुरूप करने की विशेष ज़रूरत है क्योंकि किसी भी रणनीतिक रोडमैप को उसके कार्यक्रम के अनुसार क्रियान्वयन किए जाए, तो सीमित संसाधनों से भी अनुकूल सबसे बड़ा सकारात्मक परिवर्तन हो सकता है.

  • शिक्षा की बेहतर गुणवत्ता के साथ युवाओं की क्षमता का विस्तार वैश्विक स्तर की उच्च शिक्षा के अनुरूप करना वर्तमान नए डिजिटल भारत की ज़रूरत..

आज हम वर्तमान युग में युवा पीढ़ी को शिक्षा, कौशलता विकास के अस्त्र से सशक्त करने की करें तो आज के नए डिजिटल भारत में युवा पीढ़ी देश के नेशन बिल्डर हैं! शिक्षा की बेहतर गुणवत्ता के साथ युवाओं की क्षमता का विस्तार वैश्विक स्तर की उच्च शिक्षा के अनुरूप करने की ज़रूरत है जिससे हमारे भारत का भविष्य सशक्त होगा क्योंकि शिक्षा के मज़बूत अंतरराष्ट्रीय स्तर के ढांचे से निकलने के बाद हमारे युवा वैश्विक स्तरपर श्रेष्ठ वैज्ञानिक, इंजीनियर, डॉक्टर, अविष्कारक की भूमिका में होंगे जिस पर देश में नवाचार, नवोन्मेष, डिजिटल प्रौद्योगिकी, नवोन्मेष की क्रांति आएगी और हर स्तरपर हर क्षेत्र में हमारे युवा उस क्षेत्र के विशेषज्ञ के रूप में सेवाएं देंगे तो हमारा विज़न 2047, विज़न 5 ट्रिलियन डॉलर, विज़न आत्मनिर्भर भारत के स्वप्नों को उसकी डेट लाइन से कहीं बहुत अधिक समय पहले हम पहुंच जाएंगे! बस! जरूरत है संकल्प, जांबाज़ी और ज़ज्बे से अपने शिक्षा व कौशलता के स्तर को अपने अनुरूप बनाने में जुट जाने की! 1 फरवरी 2022 को घोषित बजट 2022 की करें तो शिक्षा, उन्नति और प्रोत्साहन के लिए अनेक द्वार खोले गए हैं उसके लिए बज़ट एलोकेशन भी किए गए हैं परंतु बजट केवल आंकड़ों का लेखा-जोखा नहीं है बजट को यदि ठीक से क्रियान्वित किया जाए तो सीमित संसाधनों से भी बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है! बस!! जरूरत है हमें कुछ कर गुजरने के संकल्प लेने की!!  21 फ़रवरी 2022 को माननीय पीएम द्वारा शिक्षा और कौशलता विकास क्षेत्रों पर केंद्रीय बजट 2022 के सकारात्मक प्रभाव पर एक वेबीनार को संबोधन करने की करें तो पीआईबी के अनुसार उन्होंने  बजट 2022 में शामिल पांच पहलुओं पर विस्तार से बताया। सबसे पहले, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को व्यापक बनाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं यानी शिक्षा क्षेत्र की बढ़ी हुई क्षमताओं के साथ बेहतर गुणवत्ता के साथ शिक्षा का विस्तार करना। दूसरा, कौशल विकास पर जोर दिया गया है। 

एक डिजिटल कौशल इको-सिस्टम बनाने, उद्योग की मांग के अनुसार कौशल विकास और बेहतर उद्योग संपर्क बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। तीसरा, भारत के प्राचीन अनुभव तथा शहरी तथा योजना एवं डिजाइनिंग के ज्ञान को शिक्षा में शामिल करना महत्वपूर्ण है। चौथा, अंतर्राष्ट्रीयकरण पर बल दिया गया है। इसमें विश्व स्तर के विदेशी विश्वविद्यालयों का आगमन और गिफ्ट सिटी के संस्थानों को फिनटेक से संबंधित संस्थान सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित करना शामिल है। पांचवां, एनिमेशन विजुअल इफेक्ट्स गेमिंग कॉमिक (एवीजीवी) पर ध्यान केंद्रित करना, जहां रोजगार की अपार संभावनाएं हैं और जो एक बड़ा वैश्विक बाजार है। उन्होंने कहा, "इस बजट से राष्ट्रीय शिक्षा नीति को साकार करने में काफी मदद मिलेगी।

उन्होंने राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में युवा पीढ़ी के महत्व पर जोर देते हुए संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा,हमारी आज की युवा पीढ़ी, देश के भविष्य की कर्णधार है, वही भविष्य के नेशन बिल्डर्स हैं। इसलिए आज की युवा पीढ़ी को एंपावरिंग करने का मतलब है, भारत के भविष्य को एंपावर करना।

आत्मनिर्भर भारत के लिए वैश्विक प्रतिभा की मांग के दृष्टिकोण से गतिशील कौशल महत्वपूर्ण है। उन्होंने रोजगार की बदलती भूमिकओं की मांगों के अनुसार देश के जनसांख्यिकीय लाभांश को तैयार करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इसी सोच को ध्यान में रखते हुए बजट में स्किलिंग एंड लाइवलीहुड और ई-स्किलिंग लैब के लिए डिजिटल इको-सिस्टम की घोषणा की गई थी। 

आज कई राज्यों में स्थानीय भाषाओं में चिकित्सा और तकनीकी शिक्षा भी दी जा रही है। प्रधानमंत्री ने स्थानीय भारतीय भाषाओं में डिजिटल प्रारूप में सर्वोत्तम सामग्री बनाने में गति लाने का आह्वान किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी सामग्री इंटरनेट, मोबाइल फोन, टीवी और रेडियो के माध्यम से उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने सांकेतिक भाषाओं में सामग्री के संबंध में काम को प्राथमिकता के साथ जारी रखने की आवश्यकता को दोहराया। 

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि युवा पीढ़ी देश के नेशन बिल्डर हैं युवा पीढ़ी को शिक्षा कौशलता अस्त्र से सशक्त करना भारत के भविष्य का को सशक्त करना है! शिक्षा की बेहतर गुणवत्ता के साथ युवाओं की क्षमता का विस्तार वैश्विक स्तर की उच्च शिक्षा के अनुरूप करना वर्तमान में डिजिटल भारत की ज़रूरत है। 

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