सुरक्षित विधियों में से एक हैं -गहन मिशन इंद्रधनुष 4.0

किशन भावनानी

वैश्विक स्तरपर पिछले 2 वर्षों से सारा विश्व कोरोना महामारी और उसके विभिन्न वैरीएंटों से जूझ रहा है पिछला इतिहास खंगालने पर हमने पाए कि हर 100 वर्ष बाद ऐसी महामारी किसी न किसी रूप में आती है और लाखों-करोड़ों मनुष्यों को लील जाती है फ़िर भी सृष्टि के अनमोल प्राणी मानव हार नहीं मानते और अपनी कुशाग्र बुद्धि के बल पर उसकी काट टीके के रूप में खोज़ कर ऐसी महामारी के ऊपर नियंत्रण पाते हैं जो हम इस कोविड-19 महामारी में भी हुआ जिसके बल पर इस महामारी पर नियंत्रण पाने में सफलता प्राप्त हुई है। 

  • नवजात बच्चों, गर्भवती महिलाओं को बीमारियों व मृत्यु दर से बचाने टीके सबसे प्रभावशाली, सस्ती और सुरक्षित विधियों में से एक हैं..
  • टीकाकरण से कई संक्रामक बीमारियों की रोकथाम और समुदाय के स्वास्थ्य स्तर में सुधार होता है..

साथियों बात अगर हम प्रति 100 वर्ष में आने वाली महामारीयों के टीकाकरण के अलावा अन्य संक्रमित बीमारियों, रोगों के टीकाकरण की करें तो खसरा, टेटनेस, पोलियो, क्षय रोग, गलघोंटू  काली खांसी, हेपेटाइटिस-बी जैसे अनेक गंभीर संक्रमित लोग हैं जो प्रतिदिन हज़ारों बच्चों की जान ले लेते हैं या उन्हें अपंग बना देते हैं या फिर गर्भवती महिलाओं को भारी नुकसान पहुंचाते हैं इसके लिए उनको इन बीमारियों व मृत्यु दर से बचाने के लिए टीका सबसे प्रभावशाली सस्ती और सुरक्षित विधियों में से एक है

हम भारत में कोरोना महामारी और उपरोक्त संक्रमित बीमारियों के टीकाकरण की करें तो देश में सार्वभौमिक टीकाकरण लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास और जनलोक भागीदारी की ख़ास तात्कालिक ज़रूरत है हालांकि हमने आज कोरोना महामारी का टीकाकरण 170 करोड़ के पार कर लिया है फ़िर भी हमने अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया है,ऊपर सेतीसरी लहर और ओमिक्रान वेरिएंट से मुकाबला करने की स्थिति में हैं, ऊपर से प्रिकॉशन डोज 15-18 वर्ष का टीकाकरण लक्ष्य और आगे कम वर्ष के बच्चों को टीकाकरण का रणनीतिक रोडमैप तैयार करने की कवायद चल रही है जिसमें जनलोक भागीदारी और सब का प्रयास साथ की जरूरत है जिसे हम सभी नागरिकों को अपना परम कर्तव्य समझकर इस महान कार्य रूपी यज्ञ में अपनी सहयोग रूपी आहुति देनी होगी। 

साथियों बात अगर हम कोरोना महामारी के अतिरिक्त, उपरोक्त गंभीर संक्रमण रोगों की करें तो हम इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में देखते हैं कि पोलियो का टीका लगाने की बिग बी सहित अनेक महान हस्तियों,बुद्धिजीवियों द्वारा अपील करते हैं, इसके अतिरिक्त अन्य गंभीर संक्रमण बीमारियों को रोकने और समुदाय के स्वास्थ्य स्तर को सुधारने में टीकाकरण का अभूतपूर्व लाभ हमें दिखाई दिया है इसलिए हर संक्रामक बीमारियों और कोरोना महामारी के टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा करने जनभागीदारी की तात्कालिक ज़रूरत है नागरिक चाहे तो चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की साइट पर जाकर राष्ट्रीय टीकाकरण सूची से पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 

साथियों बात अगर हम मिशन इंद्रधनुष की करें तो, पूर्ण टीकाकरण कवरेज बढ़ाने के उद्देश्य से माननीय पीएम ने कम टीकाकरण कवरेज, उच्च जोखिम वाले और दुर्गम क्षेत्रों में आंशिक व बिना टीकाकरण वाली गर्भवती महिलाओं व बच्चों को कवर करने और उन्हें टीकों के जरिए बचाव योग्य बीमारियों से सुरक्षा प्रदान के लिए दिसंबर, 2014 में मिशन इंद्रधनुष की शुरुआत की थी। मिशन इंद्रधनुष के तहत सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) के अंतर्गत सभी टीके राष्ट्रीय टीकाकरण अनुसूची के अनुरूप प्रदान किए जाते हैं। 

साथियों बात अगर हम गहन मिशन इंद्रधनुष 4.0 की करें तो केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 7 फरवरी 2022 को जारी पीआईबी के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने वर्चुअल माध्यम के जरिए आज राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य अधिकारियों की उपस्थिति में गहन मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई) 4.0 की शुरुआत की। 

इस अवसर पर उन्होंने कहा,भारत विश्व स्तर पर सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम संचालित कर रहा है, जिसमें सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) के तहत हम हर साल 3 करोड़ से अधिक गर्भवती महिलाओं और 2.6 करोड़ बच्चों को कवर करते हैं।

उन्होंने बताया कि जहां कोविड महामारी के चलते नियमित टीकाकरण की गति धीमी हो गई है, वहां आईएमआई 4.0 इस अंतर को खत्म करने और सार्वभौमिक टीकाकरण की दिशा में स्थायी लाभ प्राप्त करने में अपना काफी अधिक योगदान देगा। उन्होंने आगे कहा कि यह सुनिश्चित करेगा कि नियमित टीकाकरण (आरआई) सेवाएं बिना टीकाकृत व आंशिक रूप से टीकाकृत बच्चों और गर्भवती महिलाओं तक पहुंच सके। 

गहन मिशन इंद्रधनुष 4.0 के तीन राउंड होंगे और यह देश के 33 राज्यों/केंद्र शासितप्रदेशों के 416 जिलों (आजादी का अमृत महोत्सव के लिए चिन्हित 75 जिलों सहित) में संचालित किया जाएगा। इसके पहले राउंड (फरवरी- अप्रैल 2022) में 11 राज्य आईएमआई 4.0 को संचालित करेंगे।इसके अलावा मिशन इंद्रधनुष को ग्राम स्वराज अभियान (541 जिलों के 16,850 गांवों) और विस्तारित ग्राम स्वराज अभियान (112 आकांक्षी जिलों के 48,929 गांवों) के तहत प्रमुख योजनाओं में से एक के रूप में भी चिह्नित किया गया है। 

उन्होंने वर्चुअल माध्यम के जरिए आईएमआई 4.0 पोर्टल, आईएमआई 4.0 के लिए परिचालन दिशानिर्देश,शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण को मजबूत करना- कार्रवाई के लिए एक ढांचा, शहरी टीकाकरण पर महिला आरोग्य समिति और अभियान के तहत जागरूकता सामग्री/आईईसी के लिए एक पुस्तिका को लॉन्च किया। 

सार्वजनिक स्वास्थ्य में टीकों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने आगे देशव्यापी कोविड 19 टीकाकरण अभियान की उपलब्धियों का भी उल्लेख किया, जिसके तहत अब तक लगभग 170 करोड़ कोविड टीके की खुराक दी जा चुकी है। 

वैश्विक स्तर पर भारत की इस उपलब्धि को स्वीकार किया गया और इसकी सराहना की गई है। उन्होंने देश में सार्वभौमिक टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सबका प्रयास और जन लोक भागीदारी की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने केवल केंद्र, राज्यों और लाभार्थियों के सामूहिक व सहयोगात्मक प्रयासों से ही हम देश में पूर्ण टीकाकरण कवरेज के लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम हो पाएंगे। राज्यों से जिला प्रशासन, पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों के साथ समन्वय बनाते हुए विभिन्न स्तरों पर समग्र रूप से काम करने का अनुरोध किया। 

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि गहन मिशन इंद्रधनुष 4.0,, नवजात बच्चों, गर्भवती महिलाओं को बीमारियों व मृत्यु दर से बचाने टीके सबसे प्रभावशाली, सस्ती और सुरक्षित विधियों में से एक है तथा टीकाकरण से कई संक्रामक बीमारियों की रोकथाम और समुदाय के स्वस्थ स्तर में सुधार होता है। 

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