गंदगी और भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने का पर्याय बना सीएचसी माल





लेखराम मौर्य 

लखनऊ। सरकार हमेशा  प्रदेश को स्वच्छ बनाने और भ्रष्टाचार को समाप्त करने का दावा करती रही है लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र  माल में पिछले कुछ समय से तैनात कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने इसके उलट गंदगी पर पर्दा डालने और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम किया है जिससे अस्पताल के गेट पर पहुंचते ही लोग इसे भ्रष्टाचार और दलालों का अड्डा कहने में कोई संकोच नहीं करते हैं। 

सीएचसी में अगर भ्रष्टाचार को समाप्त करने की किसी की इच्छा होती तो अवैध वसूली एवं किसी प्रकार के पैसे की मांग मांग करने की शिकायत करने के लिए पिछले चार अधीक्षकों से पहले तैनात रहे अधीक्षक का मोबाइल नंबर न लिखा होता। यही नहीं अस्पताल में वार्ड नो में जो बेड पड़े हैं उनकी चादरे फटी पुरानी होने के साथ-साथ कई दिनों तक नहीं बदली जाती हैं। यहां प्रसव के लिए आने वाली महिलाएं जिस शौचालय में जाती हैं वहां पानी की व्यवस्था तक नहीं है इसके अलावा जो नए शौचालय बन रहे थे वह पता नहीं कब से अधूरे पड़े हैं इसलिए वहां महिलाओं को जिन भक्तों का सामना करना पड़ रहा है वह किसी मजबूरी बस किसी से शिकायत नहीं करते हैं। 

दूसरी ओर जिन तीन स्टाफ नर्स पर दोबारा अवैध वसूली के आरोप लगे हैं उनकी लेबर रूम में तैनाती कमरा नंबर 1 की मेहरबानी से की गई है ऐसा विश्वस्त सूत्रों का कहना है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में तैनात एक अधिकारी का कहना है कि अस्पताल की व्यवस्था को सही तरीके से जनता के हित में बनाए रखना वहां तैनात अधीक्षक का काम है वह चाहे तो इस तरह की कोई शिकायत नहीं हो सकती है जिन पर आरोप है उन्हें कहीं अन्यत्र भी तैनात किया जा सकता था क्योंकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कार्यक्षेत्र में 3 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी हैं परंतु ऐसा न करके सीएचसी के जिम्मेदार अधिकारियों की मंशा पर सवाल खड़े होते हैं। 

यहाँ के स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल में जहां जहां गंदगी है वहां सफाई न कराकर कहीं 3 का पर्दा लगा दिया जाता है या कहीं कूड़ा लगा ढेर कर दिया जाता है जिससे स्वच्छता का संदेश देने वाले विभाग की कार्यशैली पर ही उंगलियां उठने लगती हैं। 

कुछ दूरदराज की आशाओं ने कहा कि यहां तो कुछ कार्य ऐसे हैं जहां पैसा देने के अलावा हाथ पैर जोड़ने से भी काम नहीं चलता है। यदि वह काम बाहर से हो जाते तो यहां हम हाथ पैर न जोड़ते इसके अलावा कुछ ऐसे कार्य हैं जिनके लिए कई कई बार दौड़ाया जाता है जिससे जनता के साथ साथ यहां कार्यरत आशाओं को भी तमाम तरह की परेशानियां उठानी पड़ती है। 

सूत्रों ने बताया कि जिन अवैध वसूली की आरोपी और अभद्रता करने वाली नर्सों को यहां बार-बार तैनात किया जा रहा है उनकी सिफारिश इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने भी की है अगर ऐसा है तो उन जनप्रतिनिधियों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा यदि इन्हें अधिकारियों ने शीघ्र यहां से नहीं हटाया और कार्रवाई नहीं की तो उच्चाधिकारियों तक इसका असर दिखाई पड़ेगा।

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