प्रायश्चित

कहानी 

सुनीता कुमारी

सांझ ने गुस्से से कहा- ये क्या बात हुई मां इतनी बड़ी बात वे लोग कैसे छिपा सकते है ?

दीदी ने क्या बिगाड़ा था उनलोगों का, क्यों उनलोगों ने दीदी की जिंदगी बर्बाद कर दी?

इतनी बड़ी बात कोई शादी से पहले छुपाता है क्या?

मां कुछ नही बोली,चुपचाप सांझ की बात सुन रही थी।

मां को जैसे सदमा लगा हुआ था, लग रहा था जैसे पैरों तले जमीन निकल गई हो।

आज सुबह सुबह मोना हमेशा के लिए ससुराल छोड़कर वापस मायके आ गई थी।

अभी साल भर पहले ही तो मोना और मनीष की शादी हुई थी ।इतने दिन मोना ने कुछ भी नही कहां और आज अचानक हमेशा के लिए ससुराल से वापस आ गई थी?

पापा भी एक कमरे में गुमसुम उदास बैठे थे ।सांझ और मेरे गुस्से ने पापा को हिला दिया था, उन्हे अपनी गलती का एहसास हो रहा था ।रो नही सकते थे मगर उनकी हालत आज टूट कर बिखड़े हुए इंसान की तरह हो गई थी।

आजकल उन्हे यही लगता था कि, वे जो करते है वही सही है ।किसी की सलाह मशवरा की उन्हे जरूरत ही नही है।जीवन पर अपनी मर्जी मां ,सांझ ,मोना और मुझपर थोपते आए थे। हम लोगों की  बातों को वे तर्कहीन समझते थे, उन्हे लगता था कि, मां घर से बाहर निकलती नही हैं इसलिए मां को बाहर की दुनियां का पता नही है और हम तीनों भाई बहन अभी तक बड़े ही नही हुए है जबकि मैं सत्ताईस वर्ष, मोना पच्चीस वर्ष और सांझ इक्कीस वर्ष की है।

पापा ने एक ही बात हमलोगों की सुनी थी ,हमतीनों को पढ़ने लिखने की आजादी दे रखी थी।

मैं भी आई आई एम करके जॉब कर रहा हूं मोना भी m.a. करके पीएचडी कर रही है और सांझ भई बीटेक के अंतिम वर्ष में है।

लगभग डेढ़ वर्ष पहले बात है

मोना की शादी के लिए एक रिशता आया,परंतु मां उस रिश्ते से खुश नही थी,पर पापा से कुछ बोल भी नही पा रही थी। मां के उदास चेहरे को देखकर मैंने मां से पूछा मां क्या बात है आपके और पापा के बीच में क्यों बहस हो रहे थी?

माने मुझसे कहा कि पापा शहर के सबसे रईस और नामी-गिरामी परिवार से मोना का रिश्ता करने जा रहे हैं मैंने मां से कहा मां इसमें दिक्कत की क्या बात है अच्छी बात है हमारी मोना शहर के सबसे अमीर घराने में जाएगी इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है

वह सब तो ठीक है परंतु लड़का मोना से बहुत कम पढ़ा लिखा है मोना और लड़के के बीच में तालमेल कैसे होगा वैवाहिक जीवन में एक जैसी सोच एक जैसे पढ़ाई का स्तर का होना जरूरी है अन्यथा आए दिन लड़ाई झगड़े होते रहते हैं मुझे भी डर है कि कहीं मोना तालमेल नहीं बैठा पाई तो आए दिन झगड़े होंगे?

हां यह बात तो सही है मैं एक बार पापा से बात देखता हूं क्या कहते हैं

 मैंने और सांझ ने हिम्मत करके पापा से कहा

पापा यह रिश्ता मोना के लिए अच्छा नहीं होगा लड़के के पिता जी भले ही बहुत बड़े लोग हैं पैसा रुतबा सब कुछ उनके पास है पूरे शहर के अमीर लोगों में उनकी गिनती होती है पर उनका बेटा ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है हमारी मोना से बहुत कम पढ़ा लिखा है ऐसे में यह जोड़ी ठीक रहेगी क्या??

पापा ने मुझ पर और सांझ पर नजरें सरेरी और कहा तुम दोनों को दुनियादारी की कितनी समझ है तुम लोगों को पता ही क्या है कि शादी में आप कैसे होते हैं अभी अभी तो तुम्हारी जॉब लगी है तुम लोगों से मुझे ज्यादा समझ है और मुझे पता है कि मैं क्या कर रहा हूं।

पापा ने हम दोनों की एक बात नहीं सुनी और वह दिन भी आ गया जब मोना की शादी मनीष से हो गई ।

मोना ससुराल जा चुकी थी सब ठीक ठाक ही चल रहा था कि अचानक 1 साल बाद आज मोना हमेशा के लिए ससुराल से वापस आ गए।

सीधे अपने कमरे में जाकर फरमान सुना दिया कि मैं अब कभी भी अपने ससुराल नहीं जाऊंगी चाहे पापा मुझे घर में रखें या निकाल दे लेकिन मैं उस घर में भी नहीं रहूंगी।

मोना से पूछा आखिर बात क्या है क्यों ऐसे बिना खबर दिए ससुराल से आ गई यह तो अच्छी बात नहीं है ऐसे भी कोई ससुराल से आता है क्या लोग क्या कहेंगे

कुछ भी कहे मां पर मैं उस घर में अब नहीं रह सकती 1 साल जो मैंने सहा है वह दोबारा नहीं सकती उस घर में सांस तक लेना मुश्किल है मां रहना तो बहुत दूर की बात है।

सही से बताओ हुआ क्या है मोना ने मां से कहा

 मां मां मनीष कम पढ़े लिखे भी है तो कोई बात नहीं थी अगर वह व्यवहार से अच्छे होते तो मैं जरूर उनके साथ तालमेल बैठा लेती मगर वह तो मुझसे बिलकुल ही विपरीत है। शराब पीना, जुआ खेलना, लड़की बाजी करना यह उनके शौक है मां।

आए दिन घर में तमाशा करते हैं शराब पीकर गालियां बकते हैं वह किसी को भी घर में शांति से नहीं रहने देते हैं। उनकी इतनी महिला मित्र है कि उसे जिन पाना भी मुश्किल है मां मुझे तो वह एक नजर देखना भी नहीं जाते मैं जब भी उनसे बात करती हूं हमेशा मुझसे बेरुखी से ही बात करते हैं और मुझे पढ़ी-लिखी घमंडी लड़की का कर ताना कसते रहते हैं 1 साल हो गए हैं मां मैं मैं आशा देख रही थी कि हो ना हो यह जरूर डर जाएंगे परंतु मेरी सारी कोशिशें नाकाम हो गई मां।

मेरे सास-ससुर ने उनकी शादी इसलिए ही करवाई थी कि शादी के बाद यह सुधर जाएंगे घर परिवार अच्छे से चल पाएगा परंतु ऐसा कुछ भी नहीं हुआ मैं इनकी बदमाशियां और बढ़ती जा रही हैं।

फिर बताओ मैं कैसे उस घर में रहू??

मोना की सारी बातें पिताजी भी दरवाजे के बाहर खड़े होकर सुन रहे थे।

मां ने कहा इतनी बड़ी बात छुपा कर उन्होंने शादी की??क्यों ताकि उनका लड़का सुधर जाए?

यह नहीं सोचा की लड़की का जीवन भी बर्बाद हो सकता है और ऐसा ही हुआ मोना ब्याह था खोकर भी बिन ब्याही रह गई इससे अच्छा होता कि मोना की शादी ही ना होती हो ना इतनी पढ़ी लिखी है कहीं ना कहीं अच्छी नौकरी कर ही लेती और किसी अच्छे लड़के से शादी हो ही जाती परंतु तुम्हारे पापा की जितने सब कुछ बर्बाद कर दिया।

मां भी रो रही थी और मोना भी रो रही थी सांझ और मुझे गुस्सा आया हम दोनों ने पापा को खरी खोटी सुना सुना दी उन्हें याद दिला दिया कि हमने इस शादी से उन्हें मना किया था कहा था कि एक बार अच्छे से लड़के के विषय में पता कर ले लड़का बड़े बाप का बेटा है लेकिन कम पढ़ा लिखा है इसकी क्या वजह हो सकती है जरूर कोई ना कोई बात होगी इस वजह से वह नहीं पढ़ पाया जाकर आप एक बार पता कर ले मोना की जिंदगी का सवाल है।

सारा दिन घर में मातम जैसा माहौल बना रहा अब क्या किया जाए मैं भी सोचता रहा कि अब मैं क्या करूं मेरी बहन की जिंदगी बर्बाद हो रही थी एक बार शादी होने के बाद दूसरी शादी करना आसान नहीं होता और एकांकी जीवन काटना भी आसान नहीं होता पुरुष तो एकांकी जीवन काट सकते हैं मगर एक महिला के लिए मुश्किल है कल को मेरी शादी हो जाएगी और मेरी पत्नी आ जाएगी उस समय मोना के लिए इस घर में रह पाना बहुत मुश्किल हो जाएगा और अकेले कहां रहेगी एक लड़की का अपना घर ससुराल ही होता है ससुराल में ही वह अपने हक शेरा पाती है।

मैं रात भर सोचता रहा क्या करूं कि मेरी बहन की जिंदगी फिर से संवर जाए?

अब तक तो पापा घर के फैसले लेते थे और परिणाम हमारे सामने था इसलिए आप बाबा की बात को सुने बगैर फैसला लेना था।

अगले दिन मैं चुपचाप मोना के ससुराल पहुंचा और मोना के पिताजी से मिला। के पास हुए और पूछा मोना क्यों घर छोड़कर चली गई है आप लोगों ने तो बहुत धूमधाम से भरोसा दिला कर मोना को अपने घर की बहू बना कर लाया था फिर ऐसा क्या हुआ किमोना चुपचाप घर चली आई है?

मोना के ससुर उदास हो गए और उसे कहने लगे कि मनीष की सारी हरकतें बहुत पहले से हैं हम लोगों ने उसे सुधारने की बहुत कोशिश की पर सारी की सारी कोशिशें नाकाम होती चली गई मनीष जैसे-जैसे बड़ा होता गया कि बदमाशियां भी बढ़ती गई फिर हम लोगों ने सोचा कि कहीं शादी करा देने के बाद या सुधर जाए परंतु ऐसा नहीं हुआ।

आप लोगों को शर्म नहीं आई एक पढ़ी-लिखी लड़की की जिंदगी बर्बाद करते हो जब तक आपका बेटा सुधर नहीं जाता तब तक उसकी शादी आपको नहीं करानी चाहिए थी आप शहर के प्रतिष्ठित लोग हैं आपके बेटे की प्रतिष्ठा आपके पैसे की आड़ में और छिपी हुई थी परंतु जैसे ही यह सारी बातें समाज के सामने आएंगे तो आपकी समाज में क्या इज्जत रह जाएगी?

जैसे ही आपके बेटे की सच्चाई पूरी दुनिया के सामने आएगी आपकी सारी इज्जत और पूरे जीवन की कमाई दौलत का कोई मूल्य नहीं रह जाएगा?

इंसानियत से बढ़कर दुनिया में कोई चीज भी नहीं होती है किसी की जिंदगी से खेलने का हक किसी को नहीं होता है अगर आप ऐसा करते हैं तो आप पाप के भागी बनते हैं। किसकी बहुत बड़ी कीमत आपको चुकानी पढ़ सकती है गलत हमेशा गलत होता है गलत का साथ कभी नहीं देना चाहिए आपका बेटा गलत है आपको अच्छे से पता है फिर भी एक गलती आपने उसकी शादी करवा कर और कर दी एक लड़की की जिंदगी बर्बाद कर दी

क्योंकि आपने ऐसा क्यों मोना की जिंदगी बर्बाद कर दी?

मोना के पिता मेरी बात सुनकर सकते में आ गए क्षमा प्रार्थी सा मेरे सामने बैठे थे उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा था कि अब क्या करें एक तरफ उनकी जीवन भर की कमाई प्रतिष्ठा थी और दूसरी तरफ अपने बिगड़े हुए बेटे की शादी करवाने की गलती उनके सामने थी।

वे अब कुछ भी बोलने में सक्षम नही थे।

हमदोनों की की बातें मोना की सास भी सुन रही थी।

मोना की सास ने मुझसे कहा -हमलोग शर्मिंदा है हमें हमारी गलती का एहसास हो चुका है ।

हमने गलती नही पाप किया है,पाप की सजा से कोई नही बच सकता है।यदि हमलोगों ने भी प्रायश्चित नही किया तो सजा से कोई नही बचा सकेगा।

मैंने कहा जी यही तो मैं कहना चाहता हूँ ,शादी दो घरो में नही बल्कि दो परिवार के बीच भी होता है।मनीष की सच्चाई दुनियां के सामने आई तो आपकी प्रतिष्ठा के साथ-साथ मेरे पापा की भी बदनामी होगी।बात कोर्ट कचहरी तक पहुंची तो हमदोनों परिवार की फजीहत हो जाएगी।

मेरी बात सुनकर मोना के सास के चेहरे का रंग उड़ गया।

उसने हिम्मत करके मुझसे कहा मैं मोना की पूरी जिम्मेदारी लेती हूँ,मोना जितना चाहेगी मैं उसे पढाउगी,

पढ़ने के लिए मोना विदेश भी जाना चाहे तो मैं भेज दूंगी।

अब मोना मेरी बहु नही मेरी बेटी है ।मेरा बेटा सुधरे न सुधरे मैं मोना को पढ़ाकर, उसे आत्मनिर्भर बनाकर 

एक अच्छे लड़के से शादी भी मैं ही करवांउगी ।इसके लिए समाज चाहे जो कहे।

मोना की सास की बात सुनकर मैं नतमस्तक हो गया ।

मोना को सास के रूप में मां मिली थी,एक मां बच्चे का बुरा कभी नही सोच सकती।

मेरा गुस्सा और आक्रोश दोनों समाप्त हो चुका था।

मोना का उज्जवल भविष्य मुझे सामने से दिखाई दे रहा था। इंसान की सोचने की दिशा सही हो तो अपनी गलती की सुधार समय रहते कर लेता है वर्ना एक गलती को ढ़कने के लिए गलती पर गलती करता चला जाता है और पाप का भागी बन जाता है।

टिप्पणियाँ