अनोखा दरबार, अनोखा आशीर्वाद अनुपम दरबार
धीरज तिवारी
उन्नाव गिरजेश्वर महादेव मंदिर , गिरजाबाग , उन्नाव में श्रीधाम व्रन्दावन से आये व्यास पूज्य गोपाल शरण महाराज की श्रीमद्भागवत कथा के दिव्तीय दिवस पर कहा कि जीवन जीना सीखना है तो रामायण से सीखो और मरना श्रीमद्भगवत कथा 24 घण्टे में प्रतिदिन व्यक्ति 21600 सांसे लेकर जीवन जीता है। अगर हर सांस पर राम नाम हो तो जीवन पाना सार्थक हो जाता है । है तो भागवत गीता से सीखो। त्रिवेणी संगम में गंगा, जमुना, सरस्वती का मिलन होता है। मिलन में गंगा जमुना तो दिखाई देती हैं लेकिन सरस्वती को कोई नहीं देख पाता, सरस्वती को देखने के लिए कई बार प्रयास करने पड़ते हैं लेकिन सफलता नहीं मिलती। इसी तरह गीता में ज्ञान, श्रीवैराग्य और भक्ति है, लेकिन ज्ञान और वैराग्य तो दिखाई देती है परन्तु भक्ति का अभाव आज मानव जीवन में है । श्रीमद्भागवत प्रसंगों को सुनाते हुए आत्मदेव , धुंधकारी ,गोकर्ण जन्म
हमेशा मधुर मीठा बोलो, वाणी के सुर सुधार लो, जिस तरह कौवा दिन भर कांय कांय करता है लेकिन कोई नहीं सुनता लेकिन जब कोयल बोलती है तो सब ध्यान से सुनते हैं इसी लिए कोयल बनो कौवा नहीं। जीव का कल्याण भगवत भजन से होगा क्योंकि जीव का जन्म प्रभु की भक्ति के लिए हुआ है, प्रभु का भजन जो जीव नहीं करता है पशु के समान होता है। अगर कल्याण चाहते हैं तो जन्म मरण के चक्कर से बचना चाहते हैं तो हरी भेजों, भगवान का भजन का भजन ही सार है बांकी सब बेकार है।
कथा में मुख्य यजमान राजेन्द्र निगम , राजेन्द्र जौहरी, विदित मिश्रा , कांत तिबारी , कमला शंकर दीक्षित , मयंक तिवारी , अशोक वर्मा एड , सहित सैकड़ों की संख्या में नर नारी उपस्थिति रहे
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